Indore: सालभर बाद भी नहीं मिला इंदौर के हुकमचंद मिल के 1200 श्रमिकों को पैसा

Indore: Even after a year, 1200 workers of Indore's Hukam Chand Mill did not get their money

हुकमचंद
मिल


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

पिछले
साल
25
दिसंबर
को
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
ने
218
करोड़
रुपये
हुकमचंद
मिल
के
श्रमिकों
को
देने
के
लिए
परिसमापक
के
खाते
में
डाले
थे,
लेकिन
1200
श्रमिक
के
परिवारों
को
अभी
भी
उनके
हक
के
पैसे
का
इंतजार
है।


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जिन
श्रमिकों
की
मौत
हो
चुकी
है।
उनके
वारिस
तय
अभी
तक
कमेटी
ने
नहीं
किए
है,जबकि
पांच
साल
पहले
भी
कई
उन
लोगों
के
खाते
में
मिल
के
50
करोड़
रुपये
की
राशि
जमा
की
गई
थी।


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218
करोड़
रुपये
पांच
हजार
श्रमिकों
के
खाते
में
जाना
थे।
जो
श्रमिक
जीवित
थे।
उन्हें
तो
राशि
मिल
गई,
लेकिन
मृत
श्रमिकों
के
परिवार
राशि
के
लिए
चक्कर
काट
रहे
है।
वे
बार-बार
समिति
से
उनके
हक
का
पैसा
खाते
में
जमा
करने
के
लिए
कह
रहे
है।

पैसे
से
वंचित
परिवारों
का
कहना
है
कि
हाईकोर्ट
के
आदेश
का
पालन
कमेटी
द्वारा
नहीं
किया
जा
रहा
है।
करीब
80
करोड़
से
अधिक
की
राशि
अभी
तक
नहीं
बंट
पाई
है।
हुकमचंद
मिल
श्रमिक
समिति
के
अध्यक्ष
नरेंद्र
श्रीवंश
का
कहना
हैै
कि
सभी
श्रमिकों
के
दस्तावेज
कोर्ट
द्वारा
तय


32
साल
पहले
बंद
हुई
थी
मिल

32
साल
पहले
हुकमचंद
मिल
अचानक
बंद
हो
गई
थी।
मिल
श्रमिकों
को
ग्रेज्यूएटी
और
पीएफ
की
राशि
नहीं
मिली
पाई
थी।
मिल
जब
बंद
हुई
थी,
तब
पांच
हजार
से
ज्यादा
श्रमिक
काम
कर
रहे
थे।
श्रमिकों
ने
कोर्ट
में
याचिका
लगाई
और
31
साल
बाद
उनके
हक
में
फैसला
हुआ था।

नगर
निगम
से
हाऊसिंग
बोर्ड
को
40
एकड़
जमीन
खरीदी।
इस
जमीन
पर
हाऊसिंग
प्रोजेक्ट
भी
जल्दी
ही
शुरू
होने
वाला
है,
लेकिन
जिन
परिवारों
को
पैसा
नहीं
मिला
है।
वे
इस
पर
आपत्ति
ले
सकते
है।