Indore: इंदौर में आचार संहिता से पहले नहीं हुआ ब्रिज का लोकार्पण, जनता ने शुरू कर दिया आवागमन

Indore: इंदौर में आचार संहिता से पहले नहीं हुआ ब्रिज का लोकार्पण, जनता ने शुरू कर दिया आवागमन
Indore: In Indore, the bridge was not inaugurated before the code of conduct, the public started moving.

लोकार्पण
से
पहले
ब्रिज
पर
आवाजाही
शुरू।


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

निर्माण
पूरा
होने
के
बावजूद
इंदौर
में
हाथीपाला
ब्रिज
का
लोकार्पण
एक
माह
से
नहीं
हो
रहा
था।
लोगों
को
ब्रिज
नहीं
खुलने
के
कारण
ज्यादा
दूरी
तय
करना
पड़
रही
थी।
इसके
बाद
बेरिकेड
हटाकर
लोगों
ने
खुद
ही
ब्रिज
का
वाहन
चलाकर
लोकार्पण
कर
दिया।

इस
ब्रिज
से
अब
रोजाना
हजारों
वाहन
गुजर
रहे
है,हालांकि
ब्रिज
के
रंग-रोगन
और विद्युतीकरण
का
काम
बचा
है,
लेकिन
जनता
कहा
मानने
वाली
है।
उन्होंने
अपनी
सुविधा
देखते
हुए
ब्रिज
पर
वाहनों
के
साथ
आवाजाही
शुरू
कर
दी।

हाथीपाला
ब्रिज
का
काम
पिछले
साल
15
जनवरी
से
शुरू
हुआ था।
ब्रिज
के
निर्माण
की
अवधि
छह
माह
रखी
गई
थी,
लेकिन
सालभर
बाद
भी
ब्रिज
तैयार
नहीं
हो
पाया।
इसके
निर्माण
पर
नगर
निगम
ने
पांच
करोड़
रुपये
खर्च
किए
है।
पहले
ब्रिज
की
चौड़ाई
कम
थी
और प्रतिदिन
70
हजार
से
ज्यादा
वाहन
इस
ब्रिज
से
गुजरते
थे।
नगर
निगम
ने
एक
महीने
तो
पुराना
ब्रिज
तोड़ने
में
लगा
दिया।
इसके
बाद
काम
शुरू
हुआ।
बारिश
के
मौसम
में
काम
फिर
प्रभावित
हुआ।

यह
ब्रिज
जवाहर
मार्ग
को
सरवटे
बस
स्टैंड,
चंपाबाग,
हाथीपाला
सहित
अन्य
व्यापारिक
क्षेत्रों
से
जोड़ता
है।
पहले
ब्रिज
की
चौड़ाई
कम
थी।
इससे
यातायात
बार-बार
बाधित
होता
था।
मार्च
में
ब्रिज
बनकर
तैयार
हो
चुका
था,
लेकिन
आचार
संहिता
के
कारण
उसका
लोकार्पण
जनप्रतिनिधियों
ने
नहीं
किया।

लोकार्पण
में
देरी
होते
देख
लोगों
ने
खुद
बेरिकेड
हटाकर
ब्रिज
आवागमन
के
लिए
खोल
दिया।
प्रतिदिन अब
हजारों
वाहन
ब्रिज
से
गुजर
रहे
है,
हालांकि
ब्रिज
के
एक
हिस्से
पर
पाइप
भी
रखे
हुए
है।
बिजली
का
काम
अधूरा
होने
के
कारण
ब्रिज
पर
रात
को
अंधेरा
भी
रहता
है।