Indore: इंदौर में नगर निगम और पंजीयन विभाग ने तोड़ा राजस्व रिकार्ड, साढ़े तीन हजार करोड़ से अधिक जमा


इंदौर
में
वित्तिय
वर्ष
खत्म
होने
तक
सरकारी
खजाने
में
खूब
धन
बरसा।
नगर
निगम
के
काउंटर
देर
रात
तक
खुले
रहे।
नगर
निगम
ने
टैक्स
में
नया
रिकार्ड
बनाया
है।
एक
हजार
करोड़
रुपये
से
अधिक
का
टैक्स
कलेक्शन
वित्तिय
वर्ष
में
हुआ
है।
इससे
अब
विकास
के
कामों
की
राह
आसान
होगी।
उधर
इंदौर
के
पंजीयन
विभाग
में
भी
प्रदेश
में
सबसे
ज्यादा
कमाई
की।
सालभर
में
2600
करोड़
रुपये
का
राजस्व
जमा
हुआ
है।
अंतिम
दिन
 खजाने
में
करोड़
रुपये
से
ज्यादा
आए। 


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वित्तीय
वर्ष
के
अंतिम
दिन
निगम
कार्यालयों
में
देर
रात
तक
केश
काउंटर
खुले
रहे।
शाम
7
बजे
तक
980
करोड़
रुपये
जमा
हो
चुके
थे
और
रात
12
बजे
तक
एक
हजार
करोड़
का
लक्ष्य
पार
कर
लिया
गया।
मेयर
पुष्य
मित्र
भार्गव
ने
कहा
कि
यह
निगम
प्रशासन
की
सख्ती
और
जनता
की
जागरूकता
का
संयुक्त
परिणाम
है।

निगम
अधिकारियों
की
सक्रियता
के
चलते
जलकर,
संपत्ति
कर
सहित
अन्य
करों
के
रूप
में
यह
ऐतिहासिक
संग्रह
हुआ।
पिछले
साल
785
करोड़
रुपये
जमा
हुए
थे।
इस
साल
एक
हजार
करोड़
रुपये
से
अधिक
का
राजस्व
जमा
हुआ
है।
कर
संग्रहण
को
सुगम
बनाने
के
लिए
डिजिटल
भुगतान
एवं
ऑनलाइन
सेवाओं
को
प्रोत्साहित
किया
गया।
इसका
भी
फायदा
मिला
है। 


पिछले
साल
से
175
करोड़
ज्यादा
का
राजस्व 

पंजीयन
विभाग
में
सालभर
में
26
सौ
करोड़
का
पंजीयन
शुल्क
जमा
हुआ,
हालांकि
लक्ष्य
तीन
हजार
करोड़
रुपये
दिया
गया
था।
पिछले
साल
की
तुलना
में
इस
साल
175
करोड़
रुपये
ज्यादा
का
राजस्व
प्राप्त
हुआ
है।
जिला
पंजीयक
दीपक
शर्मा
ने
बताया
कि
देर
रात
तक
पंजीयन
कार्यालय
में
रजिस्ट्रियां
होती
रही।
अंतिम
दिन
21
सौ
से
ज्यादा
दस्तावेजों
का
पंजीयन
हुआ।
प्रदेश
भर
में
पंजीयन
विभाग
के
कुल
राजस्व
11,350
करोड़
का
22
प्रतिशत
इंदौर
से
मिला
है।