Indore News: निगम अधिकारी के घर छापा, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा


ईओडब्ल्यू
(आर्थिक
अपराध
प्रकोष्ठ)
ने
शुक्रवार
सुबह
इंदौर
नगर
निगम
के
राजस्व
अधिकारी
राजेश
परमार
के
घर
और
ऑफिस
पर
छापा
मारा।
जांच
के
दौरान
अब
तक
एक
बंगला,
चार
फ्लैट
और
दो
प्लॉट
के
दस्तावेज
बरामद
हुए
हैं।
विभागीय
सूत्रों
के
अनुसार,
टीम
अभी
भी
संपत्ति
का
सर्वेक्षण
कर
रही
है।
ईओडब्ल्यू
की
एक
टीम
इंदौर
के
बिजलपुर
स्थित
परमार
के
घर
पहुंची
और
स्थानीय
पुलिस
की
मदद
से
तलाशी
ली।
वहीं,
दूसरी
टीम
उनके
ऑफिस
गई,
जो
बंद
मिला।
जांच
अधिकारियों
ने
बताया
कि
परमार
के
खिलाफ
आय
से
अधिक
संपत्ति
की
शिकायत
दर्ज
थी,
जिसके
आधार
पर
यह
कार्रवाई
की
गई।
 


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ईओडब्ल्यू
डीएसपी
मधुर
रीना
गौड़
ने
बताया
कि
छानबीन
के
दौरान
अब
तक
कई
संपत्ति
के
दस्तावेज
मिले
हैं।
हालांकि,
अभी
जांच
जारी
है,
इसलिए
संपत्तियों
की
सही
कीमत
नहीं
बताई
जा
सकती,
लेकिन
यह
राशि
करोड़ों
में
होने
की
संभावना
है।
राजेश
परमार
का
करियर
बेलदार
के
रूप
में
शुरू
हुआ
था,
लेकिन
बाद
में
प्रमोशन
पाकर
वह
सहायक
राजस्व
अधिकारी
बन
गए।
नगर
निगम
में
नौकरी
के
दौरान
उन्होंने
अपने
और
परिवार
के
नाम
पर
कई
घर,
प्लॉट
और
अन्य
संपत्तियां
खरीदीं।
 


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इससे
पहले,
इंदौर
नगर
निगम
आयुक्त
ने
अनियमितताओं
के
चलते
राजेश
परमार
को
निलंबित
कर
दिया
था।
उन
पर
भ्रष्टाचार
के
गंभीर
आरोप
लगे
थे।
वार्ड
39
की
कांग्रेस
पार्षद
रुबिना
खान
ने
20
अक्टूबर
2024
को
निगमायुक्त
से
उनके
खिलाफ
शिकायत
दर्ज
कराई
थी।
शिकायत
में
आरोप
लगाया
गया
कि
परमार
दरोगा
पद
पर
थे,
लेकिन
उन्हें
प्रभारी
एआरओ
बना
दिया
गया।
उन्होंने
जोन-19
में
बेटरमेंट
शुल्क
की
वसूली
में
गड़बड़ी
कर
भ्रष्टाचार
किया।
इसके
अलावा,
बिना
अनुमति
विदेश
यात्रा
करने
का
भी
आरोप
उन
पर
लगाया
गया।
 

रुबिना
खान
ने
महापौर,
आयुक्त
और
राजस्व
समिति
प्रभारी
सहित
अन्य
अधिकारियों
को
प्रमाणों
के
साथ
शिकायत
सौंपी
थी।
उन्होंने
मांग
की
थी
कि
परमार
को
तत्काल
बर्खास्त
कर
उनके
कार्यकाल
की
गहन
जांच
कराई
जाए।
 ईओडब्ल्यू
की
इस
कार्रवाई
से
नगर
निगम
में
हड़कंप
मच
गया
है।
अधिकारियों
की
टीम
अभी
भी
छानबीन
कर
रही
है
और
आने
वाले
समय
में
और
भी
खुलासे
होने
की
संभावना
है।