पिछले
कई
वर्षों
से
‘स्वच्छ
सर्वेक्षण’
में
सबसे
साफ
शहर
बनकर
उभरा
इंदौर
अब
वैश्विक
स्तर
पर
स्वच्छता
के
लिए
जाना
जाने
लगा
है।
इसके
सख्त
सफाई
और
कचरा
प्रबंधन
नीतियों
ने
इसे
एक
अंतरराष्ट्रीय
केंद्र
भी
बना
दिया
है,
जहां
दुनियाभर
के
देश
अपने
प्रतिनिधियों
को
भेजकर
इसकी
प्रणाली
सीखने
की
प्रेरणा
पा
रहे
हैं।
कुछ
साल
के
अंदर
कई
दल
इंदौर
आ
चुके
हैं
और
उन्होंने
यहां
से
सीखी
स्वच्छता
की
बातों
को
अपने
देशों
में
भी
लागू
किया
है।
अब
तक
देश
के
अलग
अलग
शहरों
के
100
से
अधिक
प्रतिनिधि
स्वच्छता
मॉडल
को
देखने
के
आ
चुके
हैं।
दुनियाभर
के
50
से
अधिक
देशों
के
प्रतिनिधि
भी
यहां
पर
आकर
स्वच्छता
के
गुर
सीख
चुके
हैं।
फ्रांस
से
लेकर
फिजी
और
जाम्बिया
तक
के
देशों
ने
इंदौर
के
सफाई
मॉडल
पर
विश्वास
दिखाया
है।
देश-विदेश
से
आए
प्रतिनिधियों
ने
इसकी
उत्कृष्टता
को
सराहा
और
उसे
सीखने
की
इच्छा
जताई
है,
जो
स्वच्छ
भारत
और
ग्लोबल
सिटी
मॉडल
की
दिशा
में
एक
मजबूत
कदम
है।
विज्ञापन
Trending
Videos
प्रवासी
भारतीय
सम्मेलन
में
भी
स्वच्छता
रही
मुख्य
आकर्षण
साल
2023
में
इंदौर
में
प्रवासी
भारतीय
सम्मेलन
आयोजित
किया
गया।
इस
दौरान
दुनियाभर
के
देशों
से
लोग
इंदौर
आए।
यहां
पर
सभी
के
लिए
स्वच्छता
आकर्षण
का
मुख्य
केंद्र
रही।
विदेशी
दलों
को
नगर
निगम
की
टीम
पर्यटन
स्थलों
के
साथ
में
स्वच्छता
के
मुख्य
केंद्रो
पर
भी
ले
गई।
विज्ञापन
बांग्लादेश
ने
भेजा
विशेष
दल
बांग्लादेश
के
ज्वाइंट
सेक्रेटरी
निरोद
चंद्र
मंडल
के
नेतृत्व
में
13
बांग्लादेशी
प्रतिनिधियों
का
दल
इंदौर
आया।
इन्होंने
शहर
में
सॉलिड
वेस्ट
मैनेजमेंट
के
लिए
किए
जा
रहे
कार्यों
की
जानकारी
इकट्ठा
की।
इसके
साथ
ही
सॉलिड
वेस्ट
मैनजमेंट
सिस्टम
को
भी
समझा
बारीकी
से
समझा।
विदेशी
प्रतिनिधिमंडल
आए
22
सदस्यीय
विदेशी
टीम
इंदौर
आई।
यह
6
अलग-अलग
देशों
से
थी।
इन्होंने
इंदौर
के
बायो‑CNG
संयंत्र,
घर-घर
कूड़ा
संग्रह,
कंपोस्टिंग
समाधान
और
सफाई
स्टाफ
की
प्रशिक्षण
विधियों
का
ज्ञान
साझा
किया।
इस
टीम
में
यह
देश
शामिल
थे…
फ्रांस
(France)
उरुग्वे
(Uruguay)
फिजी
(Fiji)
जाम्बिया
(Zambia)
ग्वाटेमाला
(Guatemala)
होंडूरस
(Honduras)
प्रदेशों
ने
भी
भेजे
अपने
दल
उत्तर
प्रदेश
का
एक
दस-सदस्यीय
दल
जिसमें
“Safai
Mitra”
एवं
राज्य
के
अधिकारी
शामिल
थे,
नवंबर
2022
में
इंदौर
आया।
उन्होंने
इंदौर
की
बायो-CNG
संयंत्र
सुविधा
को
समझा
और
ठोस
अपशिष्ट
प्रबंधन
मॉडल
की
पूरी
जानकारी
ली
और
अपनी
नगरपालिकाओं
में
इसके
मॉडल
को
लागू
करने
की
योजना
बनाई।
हैदराबाद
की
मेयर
और
40
GHMC
निगम
सदस्य
सितंबर
2024
में
आए,
ताकि
इंदौर
के
door-to-door
collection,
स्रोत
पर
कचरा
विभाजन
(segregation),
और
सफाई
कर्मचारियों
के
सशक्त
बनावट
मॉडल
को
सीख
सकें।
इन
सभी
दलों
ने
इंदौर
के
कई
पहलुओं
को
समझा,
जिनमें
मुख्य
रूप
से
यह
बातें
शामिल
थी…
wet
waste
से
bio-CNG
उत्पादन,
बायो‑CNG
संयंत्र
(Asia’s
largest)
dry
waste
का
पुनः
उपयोग
100%
door-to-door
कचरा
संग्रह
होम
कंपोस्टिंग
टेक्निक
zero-landfill
नीति
सफाई
संगठनों
(Safai
Mitras)
की
कार्यप्रणाली
‘Reduce‑Reuse‑Recycle’
मॉडल
आईआईएम
ने
शुरू
किया
कोर्स,
देशभर
से
आ
रहे
अधिकारी
इंदौर
आईआईएम
द्वारा
शुरू
की
गई
पहल
अन्वेषण
से
देशभर
में
स्वच्छता
के
लिए
जागरूकता
बढ़
रही
है।
अन्वेषण
आईआईएम
इंदौर
द्वारा
चलाया
जा
रहा
कोर्स
है
जिसमें
देशभर
के
निगम
आयुक्त
और
वरिष्ठ
अधिकारी
स्वच्छता
से
जुड़ी
ट्रेनिंग
लेते
हैं।
अपशिष्ट
प्रबंधन
और
वॉश
(WASH:
Water,
Sanitation
and
Hygiene
–
जल,
स्वच्छता
और
सफाई)
पर
केंद्रित
अन्वेषण
की
कई
बैच
निकल
चुकी
हैं।
चार
दिवसीय
कार्यक्रम
में
देश
के
कई
राज्यों
के
नगर
निगम
आयुक्त
और
वरिष्ठ
अधिकारी
शामिल
होते
हैं।
अन्वेषण
की
यह
बैच
अपशिष्ट
प्रबंधन
और
स्वच्छता
के
माध्यम
से
देशभर
के
अधिकारियों
को
एक
मंच
पर
लाने
का
काम
करती
है।
आईआईएम
इंदौर
के
निदेशक
प्रो.
हिमांशु
राय
ने
कहा
कि
कार्यक्रम
के
दौरान
प्राप्त
ज्ञान
और
अंतर्दृष्टि
का
उपयोग
कर
सभी
अधिकारी
अपने
संबंधित
शहरों
में
स्थायी
अपशिष्ट
प्रबंधन
प्रथाओं
को
लागू
कर
रहे
हैं।
इससे
स्वच्छ
भारत
अभियान
में
महत्वपूर्ण
योगदान
हो
रहा
है।