Indore News: आईआईएम के 802 छात्रों को मिली डिग्री, दीक्षांत समारोह में सीखा भविष्य को तराशना

Indore News: आईआईएम के 802 छात्रों को मिली डिग्री, दीक्षांत समारोह में सीखा भविष्य को तराशना
Indore News: आईआईएम के 802 छात्रों को मिली डिग्री, दीक्षांत समारोह में सीखा भविष्य को तराशना

कार्यक्रम
का
दृश्य।


फोटो
:
अमर
उजाला,
इंदौर

विस्तार

भारतीय
प्रबंध
संस्थान
इंदौर
(आईआईएम
इंदौर)
का
25वां
दीक्षांत
समारोह
शैक्षणिक
उपलब्धि,
व्यक्तिगत
विकास
और
प्रसन्नता
से
पूर्ण
रहा।
समारोह
में
सात
प्रमुख
कार्यक्रमों
के
कुल
802
प्रतिभागियों
ने
अपनी
डिग्री
प्राप्त
की।
मॉर्गन
स्टेनली
इंडिया
प्राइवेट
लिमिटेड
के
प्रबंध
निदेशक
रिधम
देसाई
मुख्य
अतिथि
रहे
जिन्होंने
दीक्षांत
अभिभाषण
दिया।



 
अपने
स्वागत
भाषण
में
आईआईएम
इंदौर
के
बोर्ड
ऑफ
गवर्नर्स
के
अध्यक्ष
एम
एम
मुरुगप्पन
ने
2024
के
स्नातक
विद्यार्थियों
को
हार्दिक
बधाई
दी।
उन्होंने
विद्यार्थियों,
उनके
परिवारों
और
आईआईएम
इंदौर
के
संकाय
सदस्यों
के
समर्पण
और
प्रयासों
की
सराहना
की।
मुरुगप्पन
ने
प्रबंधन
शिक्षा
के
लिए
एक
अग्रणी
संस्थान
के
रूप
में
आईआईएम
इंदौर
की
प्रतिष्ठा
को
गर्व
से
स्वीकार
किया
और
सराहना
की।
जीवन
में
निरंतर
सीखने
के
मूल्य
पर
जोर
देते
हुए,
उन्होंने
पारंपरिक
कक्षाओं
के
भीतर
और
बाहर,
समग्र
विकास
में
शिक्षा
की
महत्वपूर्ण
भूमिका
पर
प्रकाश
डाला।
इसके
अतिरिक्त,
उन्होंने
स्नातकों
को
प्रशिक्षित
करने
और
आईआईएम
इंदौर
को
प्रतिष्ठित
स्थान
तक
पहुंचाने
के
लिए
निदेशक
के
नेतृत्व
और
संकाय
की
लगन
की
सराहना
की।
उन्होंने
स्नातक
बैच
को
सलाह
दी,
‘भारत
और
दुनिया
की
भलाई
में
योगदान
करने
के
लिए
अपनी
सीख,
शिक्षा
और
नेतृत्व
कौशल
का
लाभ
उठाएं
और
इस
दुनिया
को
बेहतर
बनाने
की
ओर
निरंतर
प्रयास
करते
रहें।’

आईआईएम
इंदौर
के
निदेशक
प्रो.
हिमांशु
राय
ने
आईआईएम
इंदौर
और
उसके
समुदाय
की
उत्कृष्ट
उपलब्धियों
की
सराहना
की।
उन्होंने
रिसर्च
पब्लिकेशन
में
लगातार
वृद्धि
और
राष्ट्रीय
और
अंतरराष्ट्रीय
स्तर
पर
शीर्ष
10
बी-स्कूलों
में
संस्थान
की
निरंतर
उपस्थिति
की
बात
कही।
उन्होंने
बताया
कि
संस्थान
का
अब
20
देशों
में
पाठ्यक्रम
है
और
इससे
संस्थान
की
वैश्विक
उपस्थिति
भी
बढ़
रही
है।
प्रोफेसर
राय
ने
कहा,
‘आने
वाले
समय
में
हम
राष्ट्रीय
और
अंतरराष्ट्रीय
सहयोग
के
तहत
कई
नए
संयुक्त
कार्यक्रम
प्रस्तुत
करने
जा
रहे
हैं।
यह
शिक्षा
के
प्रति
संस्थान
के
समर्पण
और
इसके
अंतरराष्ट्रीय
पदचिह्न
को
और
भी
सुदृढ़
बनाने
के
प्रयासों
को
दर्शाता
है।’
इसके
अलावा,
उन्होंने
बढ़ते
पूर्व
छात्रों
के
नेटवर्क
का
उल्लेख
किया,
जो
संयुक्त
अरब
अमीरात
और
जीसीसी
देशों
में
800
सदस्यों
को
पार
कर
गया
है।
उन्होंने
विद्यार्थियों
को
समाज
में
सकारात्मक
योगदान
देने
के
लिए
प्रोत्साहित
किया। 

उन्होंने
कहा,
‘महानता
वह
नहीं
है
जिसे
आप
हासिल
करते
हैं

यह
वह
गुण
है
जिसे
आप
अपने
भीतर
समाहित
कर
आगे
बढ़ते
हैं।’
उन्होंने
स्नातकों
को
चुनौतियों
से
पार
पाने
के
लिए
उनकी
अंतर्निहित
ताकत
और
अनुकूलनशीलता
की
याद
दिलाते
हुए
कहा,
अपनी
विशिष्टता
और
विशेषता
को
अपनाएं,
अनुरूपता
को
स्वीकारें
और
संस्थान
के
परिसर
से
बाहर
कदम
रखने
के
बाद
भी
अपने
मूल्यों
में
निहित
रहें।

अपने
दीक्षांत
भाषण
में
देसाई
ने
वैश्विक
मंच
पर
भारत
के
आशाजनक
प्रक्षेप
पथ
पर
प्रकाश
डाला।
उन्होंने
विवेकपूर्ण
राजकोषीय
नीतियों
और
लक्षित
सुधारों
का
हवाला
देते
हुए
देश
की
व्यापक
स्थिरता
में
सुधार
पर
जोर
दिया।
देसाई
ने
तकनीकी
प्रगति
और
बढ़ते
उपभोक्ता
आधार
के
कारण
विभिन्न
क्षेत्रों
में
मजबूत
प्रॉफिट
साइकिल
की
ओर
भी
इशारा
किया।
उन्होंने
अगले
दशक
में
वैश्विक
विकास
में
महत्वपूर्ण
योगदान
देने
की
भारत
की
क्षमता
का
अनुमान
लगाया।
स्नातक
विद्यार्थियों
को
प्रोत्साहित
करते
हुए,
उन्होंने
बताया
की
आने
वाले
समय
में
कई
क्षेत्रों
में
कैरियर
के
अवसर
मिलेंगे
और
विद्यार्थियों
को
प्रचुर
संभावनाओं
का
लाभ
उठाने
के
लिए
प्रेरित
किया।
उन्होंने
आगामी
दशक
में
वैश्विक
विकास
में
महत्वपूर्ण
20
प्रतिशत
योगदान
देने
की
भारत
की
क्षमता
को
लेकर
सकारात्मक
भाव
व्यक्त
किए।
उनके
संबोधन
में
उन्होंने

केवल
आर्थिक
परिदृश्य
पर
प्रकाश
डाला,
बल्कि
स्नातक
होने
वाले
 विद्यार्थियों
से
उन
सभी
का
लाभ
उठाने
का
आग्रह
किया।
उन्होंने
कहा,
‘सुनिश्चित
करें
कि
आप
जुनून,
दृढ़ता
और
आगे
आने
वाली
परिवर्तनकारी
संभावनाओं
पर
सकारात्मक
नजर
रखें
और
आगे
बढ़ें’।

इस
अवसर
पर
सात
प्रमुख
कार्यक्रमों
के
कुल
802
प्रतिभागियों
ने
डिग्री
प्राप्त
की।
इनमें
पोस्ट
ग्रेजुएट
प्रोग्राम
इन
मैनेजमेंट,
पोस्ट
ग्रेजुएट
प्रोग्राम
इन
ह्यूमन
रिसोर्स
मैनेजमेंट,
फाइव
इयर
इंटीग्रेटेड
प्रोग्राम
इन
मैनेजमेंट,
एग्जीक्यूटिव
पोस्ट
ग्रेजुएट
प्रोग्राम
इन
मैनेजमेंट,
पोस्ट
ग्रेजुएट
प्रोग्राम
फॉर
वर्किंग
एग्जीक्यूटिव
इन
मुंबई,
 डॉक्टोरल
प्रोग्राम
इन
मैनेजमेंट
और
एग्जीक्यूटिव
डॉक्टोरल
प्रोग्राम
इन
मैनेजमेंट
शामिल
थे।
आईपीएम
के
बीए
डिग्री
प्राप्त
करने
वाले
विद्यार्थियों
को
भी
डिग्री
प्रदान
की
गयी।
स्वर्ण
पदक
विजेताओं
को
भी
पदक
मिला।