नंदी
महाराज
को
ले
जाते
सागर।
–
फोटो
:
अमर
उजाला,
इंदौर
विस्तार
की
सड़कों
पर
एक
नंदी
आकर्षण
का
केंद्र
बना
हुआ
है।
विशालकाय
सींगों
वाला
यह
नंदी
शिर्डी
से
उज्जैन
जा
रहा
है।
यह
वहां
पर
महाकाल
दर्शन
करेगा
और
फिर
शिर्डी
अपने
घर
के
लिए
रवाना
हो
जाएगा।
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सात
पीढ़ियों
से
चल
रही
परंपरा
इंदौर
से
जाते
इस
नंदी
को
रास्ते
में
लोगों
ने
देखा
तो
उसकी
पूजा
करने
लगे।
नंदी
के
मालिक
सागर
ने
बताया
की
नंदी
की
उम्र
22
साल
है।
वे
बचपन
से
इसे
पाल
रहे
हैं।
सागर
ने
बताया
कि
यह
नंदी
की
गुजरात
की
खास
कांक्रीज
जाति
की
नस्ल
का
है।
राम
ने
बताया
यह
परंपरा
हमारे
पूर्वजों
ने
शुरू
की
थी।
मेरे
दादाजी,
पिताजी
नंदी
को
ले
जाते
थे,
अब
मैं
ले
जा
रहा
हूं
और
मेरे
बच्चे
भी
यही
करेंगे।
हमारी
सात
पीढ़ियों
से
यह
परंपरा
चल
रही
है।
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पूरा
परिवार
करता
है
खेती
सागर
ने
बताया
वे
किसान
हैं
और
परिवार
के
सभी
सदस्य
खेती
का
काम
करते
हैं।
सागर
ने
बताया
नंदी
जहां
से
जाता
है
लोग
इसे
भोजन
करवाते
हैं।
पूजा
करते
हैं।
इससे
इसके
प्रति
प्रेम
बढ़ता
है।
हम
यह
परंपरा
के
लिए
कर
रहे
हैं
लेकिन
इससे
हमें
बहुत
प्यार
मिलता
है।
जहां
पर
भी
जाते
हैं
लोग
हमारा
आदर
सत्कार
करते
हैं।
रुक
जाते
हैं
ट्रक
वाले
सागर
ने
बताया
कि
वे
पैदल
ही
घर
से
निकलते
हैं
लेकिन
रास्ते
में
कई
ट्रक
वाले
लिफ्ट
भी
दे
देते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
बायपास,
रिंग
रोड
और
बाहरी
इलाकों
में
जब
वे
पैदल
जाते
रहते
हैं
तो
ट्रक
वाले
खुद
उन्हें
लिफ्ट
दे
देते
हैं।
वे
नंदी
को
पैदल
चलता
देख
रुक
जाते
हैं
और
खुद
हमें
साथ
चलने
के
लिए
कहते
हैं।
सागर
ने
बताया
कि
खाने
पीने
की
भी
कहीं
समस्या
नहीं
आती
है।
जहां
पर
भी
जाते
हैं
लोग
आदर
से
घरों
में
बुलाते
हैं
और
भोजन
करवाते
हैं।