Indore News: कुत्तों का आतंक, अस्पतालों में लगी लाइनें, रोज आ रहे 1000 से अधिक केस


इंदौर
में
कुत्तों
के
काटने
से
रोज
500
से
अधिक
केस

रहे
हैं।
लाल
अस्पताल
समेत
शहर
के
अन्य
अस्पतालों
में
लगी
लाइनें
इंदौर
में
कुत्तों
का
आतंक
बयां
कर
रही
हैं।
बच्चे,
बुजुर्ग
और
महिलाएं
कुत्तों
के
सबसे
अधिक
शिकार
बन
रहे
हैं।
प्रशासन
भी
अब
लगातार
बढ़
रहे
मामलों
से
परेशान
है
और
इन्हें
कम
करने
के
लिए
योजना
बना
रहा
है। 


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Indore:
इंदौर
में
आज
से
नई
कलेक्टर
गाइड
लाइन
लागू,
शहर
से
जुड़े
122
गांवों
में
70
प्रतिशत
तक
महंगी
हुई
संपत्ति


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रोज
एक
हजार
से
अधिक
केस

रहे

लाल
अस्पताल
के
डाक्टर
आशुतोष
शुक्ला
के
मुताबिक
रोज
300
से
500
केस
सिर्फ
लाल
अस्पताल
में
ही

रहे
हैं।
जनवरी
में
लाल
अस्पताल
में
4535
केस
आए
और
फरवरी
में
4024
केस
आए।
वहीं
शहर
के
अन्य
अस्पतालों
में
भी
कुत्तों
के
काटने
से
घायलों
की
बड़ी
संख्या

रही
है।
रोज
शहर
के
सभी
अस्पतालों
में
एक
हजार
से
अधिक
लोग
कुत्तों
के
काटने
से
घायल
होकर

रहे
हैं। 


छह
महीने
तक
चलेगा
अभियान

जिला
प्रशासन
द्वारा
इंदौर
शहर
में
कुत्तों
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
एक
विशेष
अभियान
शुरू
किया
जा
रहा
है,
जो
आगामी
छह
महीने
तक
चलेगा।
इस
अभियान
के
तहत
नगर
निगम
वर्कशॉप
में
चार
नई
गाड़ियां
तैयार
की
गई
हैं,
जिनका
उपयोग
कुत्तों
को
पकड़ने
में
किया
जाएगा।
कलेक्टर
आशीष
सिंह
द्वारा
इस
अभियान
की
घोषणा
की
गई
है,
जो
शहर
में
कुत्तों
के
बढ़ते
आतंक
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
एक
ठोस
कदम
साबित
हो
सकता
है।
हाल
ही
में
कलेक्टर
द्वारा
भिक्षुकमुक्त
अभियान
भी
सफलतापूर्वक
चलाया
गया
था,
और
अब
इस
अभियान
के
तहत
कुत्तों
के
आतंक
से
निजात
पाने
की
कोशिश
की
जाएगी।


अभियान
की
रणनीति
और
उद्देश्य

कुत्तों
के
आतंक
को
समाप्त
करने
के
लिए
इस
अभियान
की
रणनीति
बनाई
गई
है
कि
बड़ी
संख्या
में
कुत्तों
को
पकड़कर
उनका
ऑपरेशन
किया
जाएगा।
इसके
बाद
शहरवासियों
से
अपील
की
जाएगी
कि
यदि
कहीं
भी
बिना
कान
कटा
हुआ
कुत्ता
नजर
आए,
तो
उसकी
सूचना
दी
जाए।
सूचना
देने
वाले
व्यक्ति
को
इनाम
भी
दिया
जाएगा।
यह
योजना
शहर
में
कुत्तों
की
संख्या
पर
नियंत्रण
पाने
के
साथ-साथ
कुत्तों
से
उत्पन्न
होने
वाली
परेशानियों
को
भी
खत्म
करने
के
उद्देश्य
से
बनाई
गई
है।


एनजीओ
और
पशु
चिकित्सा
विभाग
का
सहयोग

इस
अभियान
में
नगर
निगम
द्वारा
जिन
एनजीओ
के
साथ
कुत्तों
के
ऑपरेशन
का
एग्रीमेंट
किया
गया
है,
वे
भी
इस
कार्य
में
सक्रिय
रूप
से
योगदान
देंगे।
इसके
अलावा,
शासन
के
पशु
चिकित्सा
विभाग
के
सात
चिकित्सकों
ने
भी
इस
अभियान
में
सहयोग
देने
का
निर्णय
लिया
है।
यह
पहल
अभियान
की
सफलता
में
अहम
भूमिका
निभाएगी,
क्योंकि
चिकित्सकों
के
योगदान
से
ऑपरेशन
की
प्रक्रिया
को
सही
तरीके
से
और
जल्दी
पूरा
किया
जा
सकेगा।


नई
गाड़ियों
का
निर्माण
और
अभियान
की
शुरुआत

अभियान
की
तैयारी
के
तहत
कलेक्टर
ने
नगर
निगम
वर्कशॉप
के
प्रभारी
मनीष
पांडे
को
कुत्ता
पकड़ने
के
लिए
चार
नई
गाड़ियों
का
निर्माण
करने
के
निर्देश
दिए
थे।
इन
गाड़ियों
के
बनकर
तैयार
होने
के
बाद
अब
कुल
छह
गाड़ियां
हो
गई
हैं,
जिनका
उपयोग
कुत्तों
को
पकड़ने
में
किया
जाएगा।
इन
गाड़ियों
की
मदद
से
अभियान
को
और
भी
सटीकता
से
चलाया
जा
सकेगा।
उम्मीद
की
जा
रही
है
कि
अगले
दो
सप्ताह
में
यह
अभियान
पूरी
तरह
से
शुरू
हो
जाएगा।