Indore News: 51 लाख पौधे लगे, कैसे पता चलेगा, नंबरिंग पर विजयवर्गीय मौन, शिवराज ने बताया था रास्ता

indore news plantation kailash vijayvargiya shivraj singh chouhan pushyamitra bhargav

इंदौर
में
लगेंगे
51
लाख
पौधे।


फोटो
:
अमर
उजाला,
डिजिटल,
इंदौर

विस्तार

इंदौर
में
उठ
रही
पेड़ों
को
बचाने
की
मांग
के
बीच
मंत्री
कैलाश
विजयवर्गीय
ने
51
लाख
पौधे
लगाने
की
घोषणा
की
है।
अब
सवाल
यह
उठ
रहा
है
कि
51
लाख
पौधे
लगेंगे
या
फिर
कागजों
पर
ही
लगा
दिए
जाएंगे।
नमामि
नर्मदे
परियोजना
में
मप्र
सरकार
ने
535
करोड़
रुपए
का
बजट
जारी
किया
था।
इस
योजना
में
पौधों
की
खरीद
में
बड़े
घाटाले
सामने
आए
और
हाईकोर्ट
में
केस
पहुंचा।
आज
तक
इस
मामले
में
कई
अधिकारियों
को
आरोपी
बनाया
जा
चुका
है।
इस
घोटाले
के
डर
से
जनता
प्रशासन
और
जिम्मेदार
नेताओं
से
यह
सवाल
पूछ
रही
है
कि
51
लाख
पौधों
की
नंबरिंग
की
जाए।
इस
पर
प्रशासन
और
नेताओं
ने
मौन
साध
रखा
है। 


पूर्व
मुख्यमंत्री
शिवराज
सिंह
ने
लगवाए
थे
क्यूआर
कोड

पूर्व
मुख्यमंत्री
शिवराज
सिंह
चौहान
ने
इंदौर
के
ग्लोबल
गार्डन
में
प्रवासी
भारतीय
सम्मेलन
के
दौरान
एनआरआई
से
पौधे
लगवाए
थे।
हर
पौधे
को
एक
क्यूआर
कोड
दिया
था।
एनआरआई
विदेश
में
बैठकर
भी
हर
पौधे
की
ग्रोथ
को
मॉनिटर
करते
हैं।
पूर्व
मुख्यमंत्री
शिवराज
सिंह
चौहान
ने
इसके
लिए
बाकायदा
सिस्टम
बनाया
था।
यह
सिस्टम
बाद
में
लाखों
पौधों
के
लिए
बनाया
गया।


इंदौर
की
कंपनी
ने
की
50
लाख
पौधों
की
जियो
टैगिंग

राष्ट्रीय
बाल
अधिकार
संरक्षण
आयोग
की
सदस्य
डाक्टर
दिव्या
गुप्ता
ने
कुछ
दिन
पहले
ही
इंदौर
के
विजय
नगर
स्थित
गार्डन
में
सैकड़ों
पौधे
लगवाए।
इन
सभी
पौधों
की
जियो
टैगिंग
करवाई।
इस
दौरान
दिव्या
ने
और
जियो
टैगिंग
करने
वाली
कंपनी
ने
बताया
कि
हर
पौधा
एक
बच्चे
की
तरह
होता
है
जिसका
पूरा
ध्यान
रखने
की
जरूरत
होती
है।
इंदौर
की
संस्था
ने
एप
ग्रीनजीन
बनाया
है
जिसने
देशभर
में
50
लाख
पौधों
की
जियो
टैगिंग
की
है।
अब
लोग
इस
एप
के
माध्यम
से
इन
पौधों
को
पेड़
में
बदलते
देख
पाते
हैं।
अमर
उजाला
से
बातचीत
में
अंशिका
विजयवर्गीय
ने
बताया
था
कि
हमारा
एप
देशभर
में
लोगों
को
पौधे
लगाने
और
उन्हें
सुरक्षित
रखने
के
लिए
प्रोत्साहित
करता
है।
जब
आप
पौधा
लगाते
हैं
तो
एक
क्यूआर
कोड
की
मदद
से
इसे
हमारे
एप
में
टैग
कर
लेते
हैं।
जब
आप
एप
डाउनलोड
करते
हैं
तो
आपको
शुरू
में
दस
क्यूआर
कोड
फ्री
मिलते
हैं।
एक
बार
टैगिंग
होने
के
बाद
आप
हर
तीन
महीने
में
इसका
रिकार्ड
अपडेट
कर
सकते
हैं
और
खुद
भी
देख
सकते
हैं।
यह
डाटा
लाइफ
टाइम
सुरक्षित
रहता
है।


विज्ञापन


पौधा
लगाने
के
बाद
भूल
जाते
हैं
लोग

अंशिका
ने
बताया
कि
हम
पौधे
लगाने
के
बाद
में
अक्सर
उन्हें
भूल
जाते
हैं।
देखभाल
के
अभाव
में
वह
पौधे
पनप
नहीं
पाते।
एक
बार
जब
आप
इस
पौधे
की
टैगिंग
कर
लेते
हैं
तो
हर
तीन
महीने
में
एप
आपको
रिमाइंडर
भेजता
है
कि
आप
जाइए
और
अपने
पौधे
को
देखकर
आइए।
इससे
पौधा
लगाने
वाले
इंसान
का
उसके
साथ
भावनात्मक
रिश्ता
बना
रहता
है। 


विजयवर्गीय
और
महापौर
बोले
नंबरिंग
संभव
नहीं

इसी
सप्ताह
51
लाख
पौधे
लगाने
के
लिए
भाजपा
व्यापार
प्रकोष्ठ
की
मीटिंग
हुई।
इस
मीटिंग
में
समाजसेवी
उज्जवल
स्वामी
ने
पौधों
की
नंबरिंग
करने
का
कहा
ताकि
पारदर्शिता
आए
और
लोगों
को
पता
चल
सके
कि
कौन
सा
पौधा
कहां
पर
लगा
है।
इस
पर
विजयवर्गीय
और
महापौर
ने
कहा
कि
पौधों
की
नंबरिंग
संभव
नहीं
है।
हम
प्रयास
जरूर
करेंगे
कि
51
लाख
पौधों
की
सही
जानकारी
जनता
तक
पहुंच
सके।