इंदौर
कलेक्टर
आशीष
सिंह
के
निर्देश
पर
स्कूली
बच्चों
की
सुरक्षा
सुनिश्चित
करने
के
लिए
परिवहन
विभाग
ने
सख्त
रुख
अपनाया
है।
नए
शैक्षणिक
सत्र
की
शुरुआत
के
साथ
ही
परिवहन
विभाग
ने
शहर
के
प्रमुख
स्कूलों
की
बसों
पर
आकस्मिक
जांच
अभियान
चलाया।
इस
दौरान
नियमों
की
अनदेखी
करने
वाली
बसों
पर
तत्काल
कार्रवाई
की
गई,
जिससे
स्कूल
प्रशासन
में
हड़कंप
मच
गया।
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58
बसों
की
जांच,
21
में
पाई
गई
खामियां
आरटीओ
प्रदीप
कुमार
शर्मा
के
नेतृत्व
में
की
गई
इस
कार्रवाई
में
कुल
58
स्कूल
बसों
की
जांच
की
गई।
इनमें
से
21
बसों
में
विभिन्न
नियमों
के
उल्लंघन
पाए
गए।
5
बसों
की
फिटनेस
को
तत्काल
प्रभाव
से
रद्द
कर
दिया
गया,
जिससे
वे
अब
सड़कों
पर
नहीं
चल
सकेंगी।
साथ
ही
16
अन्य
बसों
पर
नियमों
के
उल्लंघन
को
लेकर
कुल
39
हजार
रुपये
का
समन
शुल्क
वसूला
गया।
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कलेक्टर
के
निर्देश
पर
लगातार
कार्रवाई
जारी
रहेगी
आरटीओ
शर्मा
ने
बताया
कि
यह
सख्त
कदम
कलेक्टर
आशीष
सिंह
के
निर्देशों
के
तहत
उठाया
गया
है।
उन्होंने
कहा
कि
स्कूली
वाहनों
की
समय-समय
पर
जांच
आवश्यक
है
ताकि
विद्यार्थियों
की
यात्रा
सुरक्षित
और
दुर्घटना
रहित
बनी
रहे।
उन्होंने
यह
भी
स्पष्ट
किया
कि
यह
अभियान
आगे
भी
जारी
रहेगा
और
यदि
कोई
वाहन
नियमानुसार
नहीं
पाया
गया
तो
उसके
खिलाफ
कठोर
कार्रवाई
की
जाएगी।
स्कूली
परिवहन
प्रणाली
को
सुरक्षित
बनाने
के
प्रयास
परिवहन
विभाग
के
इस
विशेष
जांच
अभियान
में
उपनिरीक्षक
नरेंद्र
सिंह
कुशवाह,
जितेन्द्र
गुर्जर,
सचिन
भधाले
और
दिनेश
शर्मा
भी
शामिल
रहे।
इन
अधिकारियों
ने
मिलकर
पूरी
प्रक्रिया
को
अंजाम
दिया।
विभाग
का
उद्देश्य
स्पष्ट
है,
स्कूली
परिवहन
प्रणाली
को
पूरी
तरह
सुरक्षित,
मानकों
के
अनुरूप
और
बच्चों
के
हित
में
बनाना।