

रंगपंचमी
की
गेर
का
दृश्य।
फोटो
–
जयेश
मालवीय।
–
फोटो
:
अमर
उजाला,
इंदौर
विस्तार
रंगों
का
उत्सव
रंगपंचमी
इंदौर
में
बेहद
खास
तरीके
से
मनाया
जाता
है।
एक
ही
जगह
पर
इकट्ठा
लाखों
लोग
एक
रंग,
एक
आवाज
और
एक
राष्ट्र
बनकर
भारत
माता
की
जय
के
नारे
लगाते
हैं।
इंदौर
में
निकलने
वाली
गेर
न
सिर्फ
उत्साह,
उत्सव
की
पहचान
है
बल्कि
इंदौरियत
का
सही
अर्थ
समझाती
है।
इस
साल
की
गेर
इसलिए
भी
बेहद
खास
रही
क्योंकि
दुनियाभर
के
देशों
के
80
से
अधिक
एनआरआई
गेर
को
देखने
के
लिए
इंदौर
आए।
पूरी
दुनिया
में
इस
बार
गेर
की
चर्चा
रही।
प्रशासन
ने
पूरा
प्रयास
किया
कि
इस
बार
गेर
को
सभी
मानकों
पर
पूरा
करके
यूनेस्को
की
विरासतों
में
सूचीबद्ध
करवाया
जा
सके।
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
के
गेर
में
आने
से
इस
बार
यह
आयोजन
राजनीतिक
गलियारों
में
भी
चर्चा
का
विषय
बना।
प्रचार
का
असर
दिखा
दुनियाभर
से
आए
लोग
प्रशासन
ने
इस
साल
गेर
का
दुनियाभर
में
प्रचार
किया।
इसका
असर
भी
दिखा
और
कई
देशों
से
एनआरआई
गेर
को
देखने
के
लिए
इंदौर
आए।
देश
के
विभिन्न
शहरों
से
भी
लोग
इंदौर
पहुंचे।
अमर
उजाला
से
बातचीत
में
सारंगपुर
से
आई
रचना
शर्मा
ने
बताया
कि
वे
पहली
बार
गेर
देखने
के
लिए
परिवार
के
साथ
इंदौर
आई
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
यहां
का
दृश्य
अद्भुत
है।
हमने
कभी
नहीं
सोचा
था
कि
लाखों
लोग
इस
तरह
से
रंगों
के
त्योहार
को
एक
साथ
मनाते
होंगे।
यहां
पर
हमें
बहुत
आनंद
आया।
यूनेस्को
की
सूची
में
शामिल
करने
पर
फोकस
कलेक्टर
आशीष
सिंह
ने
अमर
उजाला
से
बातचीत
में
कहा
कि
गेर
में
पहली
बार
बुकिंग
सिस्टम
लांच
किया
गया।
लोगों
को
गेर
देखने
के
लिए
छत
पर
बैठने
की
जगह
दी
गई।
विदेशों
से
भी
बड़ी
संख्या
में
लोग
आए
हैं।
हम
पूरे
प्रयास
कर
रहे
हैं
कि
गेर
को
यूनेस्को
की
सूची
में
शामिल
किया
जा
सके।
एंबुलेंस
को
दिया
रास्ता
गेर
में
इस
बार
इंदौरियत
का
असली
रूप
देखने
को
भी
मिला।
दोपहर
लगभग
दो
बजे
एक
एंबुलेंस
गेर
के
बीच
में
फंस
गई।
इस
पर
पूरी
जनता
ने
तुरंत
रास्ता
बनाया
और
एंबुलेंस
को
जगह
दी।
झलकियां
8
बजे
से
ही
राजबाड़ा
पर
जुटना
शुरू
हो
गई
थी
भीड़।
9
बजे
सुबह
गोराकुंड
से
गेर
निकलने
का
सफर
शुरू
हो
गया।
9.30
पर
राजबाड़ा
पर
पहली
गेर
पहुंची।
80
से
अधिक
एनआरआई
शामिल
हुए
गेर
में।
लोकसभा
चुनाव
से
पहले
प्रचार
का
माध्यम
बनी
गेर
इस
साल
गेर
में
नेताओं
ने
बहुत
अधिक
समय
दिया।
लोकसभा
चुनाव
से
पहले
आई
गेर
में
भाजपा
के
लगभग
सभी
नेता
पूरी
तरह
से
सक्रिय
दिखे।
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
और
मंत्री
कैलाश
विजयवर्गीय
समेत
सभी
भाजपा
विधायकों
ने
गेर
में
तीन
से
पांच
घंटे
का
समय
दिया।
मुख्यमंत्री
ने
खुद
गेर
में
तीन
घंटे
से
अधिक
का
समय
बिताया।
गेर
के
रास्ते
में
भी
हर
जगह
भाजपा
विधायकों
के
होर्डिंग
दिखाई
दिए।
कई
दृश्यों
ने
इंदौरियत
को
शर्मसार
भी
किया
प्रशासन
की
पूरी
व्यवस्था
के
बावजूद
कई
लोगों
ने
गेर
में
शर्मसार
करने
वाली
हरकतें
भी
की।
चोरी
की
कई
घटनाएं
सामने
आईं।
कई
लोगों
की
जेब
से
पर्स
और
गले
से
चेन
गायब
हुई।
इसके
साथ
महिलाओं
और
युवतियों
को
छेड़ने
के
मामले
भी
सामने
आए।
कई
जगह
जूते-चप्पल
फेंककर
मारने
से
लोगों
को
चोटें
लगी।
हुड़दंगियों
ने
रस्ते
चलते
लोगों
की
आंखों
में
गुलाल
के
गोले
बनाकर
मारे
जिससे
कई
लोग
घायल
हुए।
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
के
राजबाड़ा
पर
आते
ही
धक्का
मुक्की
शुरू
हो
गई।
इस
बीच
कई
महिलाएं
सड़क
पर
गिर
गईं।
पुलिसकर्मियों
ने
उन्हें
उठाकर
खाली
जगह
पर
बैठाया।
विज्ञापन
चप्पे-चप्पे
पर
पुलिस
ने
रखी
नजर
पुलिस
ने
गेर
के
हर
चप्पे-चप्पे
पर
नजर
रखी।
पुलिस
की
सुरक्षा
व्यवस्था
की
बदौलत
ही
गेर
में
किसी
भी
तरह
की
कोई
अप्रिय
घटना
नहीं
हुई।
हर
पांच
से
दस
फीट
की
दूरी
पर
पुलिसकर्मियों
की
ड्यूटी
थी।
पूरे
राजबाड़ा
क्षेत्र
में
ड्रोन
तैनात
किए
गए
जो
सुबह
से
दोपहर
तक
हर
दृश्य
की
तस्वीर
लेते
रहे।
पुलिस
ने
कई
हुड़दंगियों
को
मौके
पर
सबक
भी
सिखाया।