
महालक्ष्मी
मंदिर
में
दीपावाली
पर
भक्तों
की
भीड़
–
फोटो
:
amar
ujala
विस्तार
इंदौर
के
प्राचीन
महालक्ष्मी
मंदिर
में
दीपावाली
पर
भक्तों
की
भीड़
उमड़ी।
तड़के
बजे
तक
मंदिर
में
कतार
लगी
रही।
कुछ
देर
के
लिए
मंदिर
बंद
हुआ।फिर
मात
के
श्रृंगार
के
बाद
सुबह
चार
बजे
फिर
भक्तों
के
लिए
मंदिर
खोल
दिया
गया।
तब
तक
मंदिर
में
दर्शनों
के
लिए
300
मीटर
से
ज्यादा
लंबी
कतार
लग
चुकी
थी।
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राजवाड़ा
स्थित
महालक्ष्मी
मंदिर
में
इंदौरवासी
दीपावाली
के
दिन
और दूसरे
दिन
दर्शन
को
काफी
महत्व
है।
हजारों
भक्त
यहां
आते
है।
खासकर
मराठीभाषी
परिवार
परंपरगात
परिधानों
के
साथ
परिवार
सहित
दर्शन
करने
आते
है।
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गुरुवार
रात
को
माता
के
दर्शन
के
लिए
लोग
प्रसाद,
चुनरी
और
साड़ी
व
अन्य
सामग्री
लाए
थे।
मंदिर
में
फूल
बंगला
सजाया
गया
था
और 56
भोग
भी
लगा
था।
भीड़
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
मंदिर
में
बेरिकेड
लगाए
गए
थे।
मंदिर
के
पुजारी
ने
बताया
कि
31
अक्टूबर
को
अमावस्या
लग
चुकी
थी।
इस
कारण
मंदिर
में
दीपावली
31
अक्टूबर
को
मनाई
गई।
मंदिर
पौने
दो
सौ
साल
पुराना
है।
होलकर
राज
परिवार
ने
इस
मंदिर
का
निर्माण
कराया
था।
दीपावली
पर
राजपरिवार
के
लोग
यहां
पूजा
करते
थे।
इसके
बाद
शहर
का
व्यापारी
वर्ग
व
अन्य
लोग
यहां
पूजन
के
लिए
आते
थे।
सुबह
चार
बजे
से
आ गए
थे
भक्त
मंदिर
में
दर्शन
के
लिए
शुक्रवार
सुबह चार
बजे
से
कतार
लगना
शुरू
हो
गई
थी।
सुबह
के
श्रृंगार
के
बाद
मंदिर
के
पट
खुले
तो
लोग
दर्शन
करने
आने
लगे।
सुबह
9
बजे
तक
मंदिर
में
एक
जैसी
कतार
लगी
रही।
भक्त
इस
मंदिर
में
धन
संपदा
की
देवी
से
सुख-शांति
और
समृद्धि
की
कामना
करते
है
और
मनोकामना
पूर्ण
होने
पर
माता
को
श्रृंगार
की
सामग्री
चढ़ाकर
जाते
है।