Indore: पीथमपुर मेें एक साथ नहीं जलेगा यूका का कचरा, छह माह तक धीरे-धीरे होगा निपटान, बनाया प्लेटफार्म

Indore: UCC waste will not be burnt at once in Pithampur, will be disposed of slowly for six months, platform

पीथमपुर
में
होगा
विषैले
कचरे
का
निपटान।


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

भोपाल
की
यूका
फैक्टरी
से
विषैला
कचरा
12
कंटेनरों
में
लोड
हो
गया।
3
जनवरी
से
पहले
कचरा
इंदौर
के
पीथमपुर
तक
लाया
जाएगा।
पीथमपुर
में
भी
इसके
लिए
तैयारियां
की
गई
है।
जिस
जगह
कचरा
337
टन
कचरा
रखा
जाएगा।
वहां
जमीन
से
उपर
लकड़ी
का
बड़ा
प्लेटफार्म
बनाया
गया
है,क्योकि
कचरा
एक
साथ
नहीं
जलाया
जाएगा।
छह
माह
के
भीतर
337
टन
कचरेे
का
निपटान
होगा। कचरा
भस्मक
में
भी
फिल्टर
लगाए
गए
है,ताकि
धुआं वातावरण
को
कम
दूषित
करे।
रामकी
फैक्टरी
के
असपास
बेरिकेड
लगा
दिए
गए
है।


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यूनियन
कार्बाइड
फैक्टरी
का
337
टन
कचरा
इंदौर
के
समीप
पीथमपुर
में
लाने
के
लिए
तैयार
है।
कचरा
रात
के
समय
ग्रीन
काॅरिडोर
तैयार
कर
लाया
जाएगा।
31
दिसंबर
को
देर
रात
तक
पार्टियां
रहती
है
और
पुलिस
इंतजाम
में
लगी
रहती
है।
इस
कारण
माना
जा
रहा
हैै
कि
1
जनवरी
की
रात
को
उसे
भेजा
जा
सकता
है।
12
कटेंनर
एक
साथ
चलेेंगे
और
उनकी
स्पीड
50
किलोमीटर
प्रति
घंटा
होगी।
उधर
पीथमपुर
में
कचरा
जलाने
का
लगातार
विरोध
हो
रहा
हैै।


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पीथमपुुर
के
लोग
दिल्ली
के
जंतर-मतंर
पर
प्रदर्शन
की
घोषणा
कर
चुके
है।
इंदौर
मेें
भी
मेडिकल
काॅलेज
के
पूर्व
छात्रों
ने
हाईकोर्ट
में
याचिका
लगाई
है।
याचिका
मेें
हा
गया
कि
पीथमपुर
में
कचरे
के
निपटान
का
असर
इंदौर
जैसे
शहर
पर
पड़ेगा।
कचरा
भस्मक
लैंडफील
स्थल
के
समीप
के
नाला
यशवंत
सागर
तालाब
में
आकर
मिलता
हैै।
विषैले
कचरे
के
कारण
नाले
का
पानी
प्रदूषित
हो
चुका
हैै।

उधर
शासन
का
कहना
है
कि
दस
टन
कचरा
पहले
पीथमपुर
मेें
जलाया
जा
चुका
है।
उसकी
रिपोर्ट
के
आधार
पर
ही
हाईकोर्ट
ने
337
टन
कचरे
के
निपटान
की
समयसीम
तय
की
है।
छह
जनवरी
को
इस
मामले
में
सुनवाई
है।
तीन
जनवरी
को
जवाब प्रस्तुत
करने
से
पहले
कचरा
पीथमपुर
मेें
हर
हाल
में
भेजा
जाएगा।


चाय
पत्ती
की
फैक्टरी
का
बोलकर
बनाया
रामकी
प्लांट

पीथमपुर
के
लोगों
ने
20
साल
पहले
भी
इस
प्लांट
का
विरोध
किया
था।
तब
ग्रामीणों
को
कहा
गया
था
कि
चाय
पत्ती
की
फैक्टरी
लगाई
जाएगी,
लेकिन
बाद
में
वहां
कचरा
भस्मक
की
स्थापना
की
गई।
इस
प्लांट
मेें
वर्षभर
इंडस्ट्रियल
वेस्ट
रात
के
समय
जलाया
जाता
है।
प्लांट
के
आस
पास
बसाहट
भी
है।