MP: पिता-पुत्र की हत्या, पांच व्यक्ति थे नाबालिग बेटी के प्रेमी मुकुल के निशाने पर, बोली- भाई जागा तो मार डाला

Jabalpur murder of father and son five persons were on target of minor daughter lover Mukul

जबलपुर
पिता-पुत्र
हत्याकांड।


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

प्रेमी
के
साथ
मिलकर
पिता
और
मासूम
भाई
की
हत्या
करने
वाली
नाबालिग
बेटी
को
हरिद्वार
पुलिस
ने
गिरफ्तार
किया
था।
उसे
शुक्रवार
सुबह
जबलपुर
लाया
गया।
उधर,
प्रेमिका
की
गिरफ्तारी
के
बाद
आरोपी
प्रेमी
मुकुल
सिंह
ने
गुरुवार
रात
जबलपुर
के
सिविल
लाइन
थाने
पहुंचकर
सरेंडर
कर
दिया।
मुकुल
ने
पुलिस
को
बताया
कि
प्रेमी
के
पिता
तथा
भाई
के
अलावा
पांच
लोग
उसके
निशाने
पर
थे।
इनके
कारण
उसे
जेल
जाना
पड़ा
था।
उधर,
नाबालिग
बेटी
ने
कहा
है
कि
पिता
की
हत्या
के
वक्त
भाई
जाग
गया
था,
इसलिए
उसे
भी
मार
डाला
था। 

जबलपुर
के
पुलिस
अधीक्षक
आदित्य
प्रताप
सिंह
से
प्राप्त
जानकारी
के
अनुसार
15
मार्च
को
मिलेनियम
कॉलोनी
निवासी
रेलवे
कर्मचारी
राजकुमार
विश्वकर्मा
उम्र
52
वर्ष

उनके
बेटे
तनिष्क
उम्र
8
वर्ष
की
हत्या
कर
दी
गई
थी।
इसके
बाद
घर
से
लापता
नाबालिग
15
वर्षीय
बेटी
ने
वाइस
मैसेज
से
अपने
रिश्तेदारों
को
सूचना
दी
थी
कि
पड़ोस
में
रहने
वाले
मुकुल
सिंह
20
ने
पिता

भाई
की
हत्या
कर
दी
है।
पुलिस
के
घर
के
अंदर
फ्रिज
में
मासूम
बच्चे
की
लाश
मिली
थी।
रेलवे
कर्मचारी
की
लाश
पॉलीथिन
में
लिपटी
हुई
मिली
थी।
पुलिस
ने
हत्या
का
प्रकरण
दर्ज
कर
प्रकरण
को
विवेचना
में
लिया
था।
विवेचना
में
पुलिस
को
साक्ष्य
मिले
थे
कि
दोहरे
हत्याकांड
में
नाबालिग
लड़की
भी
शामिल
है,
जो
अपने
प्रेमी
मुकुल
के
साथ
फरार
है।
पुलिस
दोनों
की
लगातार
तलाश
कर
रही
थी।
दोनों
के
बारे
में
पर्चे
भी
अलग-अलग
शहरों
में
लगाए
गए
थे। 


हरिद्वार
में
एक
महिला
ने
पहचाना

हरिद्वार
में
नगर
रक्षा
समिति
ने
एक
महिला
ने
दोनों
को
पहचान
लिया
था।
उसकी
सूचना
पर
पुलिस
ने
मंगलवार
को नाबालिग
लड़की
को
अभिरक्षा
में
ले
लिया
था।
लेकिन,
युवक
फरार
हो
गया
था।
प्रेमिका
के
पकड़े
जाने
के
बाद
युवक
ने
गुरुवार
रात
जबलपुर
पहुंचने
के
बाद
सिविल
लाइन
थाने
में
आत्मसमर्पण
कर
दिया।


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फरारी
के
दौरान
करते
रहे
भारत
भ्रमण

पुलिस
अधीक्षक
ने
बताया
कि
वारदात
को
अंजाम
देने
के
बाद
दोनों
अलग-अलग
शहरों
में
घूमते
रहे।
वारदात
को
अंजाम
देने
के
दोनों
आरोपी
कटनी,रायपुर
पुणे,
बेंगलौर,
मुंबई,
ओडिशा,
कोलकाता,
गुवाहाटी,
झांसी,
दिल्ली,
कश्मीर
के
गुलमार्ग,
चंडीगढ,
अमृतसर,
वृंदावन,
मथुरा
होते
हुए
हरिद्वार
पहुंचे
थे। 


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