

गांव
में
आवागमन
के
लिए
नही
बनी
सड़क
विस्तार
दमोह
जिले
के
तेंदूखेड़ा
ब्लॉक
की
इमलीडोल
ग्राम
पंचायत
का
जरूआ
गांव,
जहां
सड़क-पानी-बिजली
जैसी
मूलभूत
सुविधाएं
न
होने
के
कारण
युवाओं
के
विवाह
नहीं
हो
पा
रहे
हैं।
गांव
के
कई
युवा
कुंवारे
घूम
रहे
हैं,
लेकिन
उनके
लिए
रिश्ते
नहीं
आ
रहे।
सरकार
द्वारा
शहरों
की
तर्ज
पर
गांव
के
विकास
की
बात
कही
जाती
है,
लेकिन
तेंदूखेड़ा
का
जरूआ
गांव
यह
बताता
है
कि
शासन
की
कितनी
योजनाएं
यहां
पहुंचती
होंगी
और
यहां
के
बाशिंदों
का
कितना
विकास
हो
रहा
होगा।
जरूआ
गांव
मुख्य
मार्ग
से
लगभग
पांच
किलोमीटर
दूर
जंगली
क्षेत्र
में
बसा
हुआ
है।
इस
गांव
तक
पहुंचने
के
लिए
जंगली
मार्ग
से
जाना
पड़ता
है
दूसरा
मार्ग
इमलीडोल
से
होकर
जाता
है।
लेकिन
वह
मार्ग
कच्चा
होने
के
साथ
गड्डों
में
तब्दील
हो
चुका
है।
ऐसी
स्थिति
में
ग्रामीणों
को
आवागमन
में
काफ़ी
परेशानियों
का
सामना
करना
पड़ता
है।
एक
बार
यदि
कोई
व्यक्ति
यहां
पहुंच
जाता
है
तो
उसको
लौटने
और
दूसरी
बार
इस
गांव
की
ओर
जाने
में
सोचना
पड़ता
है।
गांव
में
नहीं
पानी
का
साधन
गांव
में
पानी
का
कोई
बड़ा
श्रोत
नहीं
है
यही
कारण
है
कि
यहां
के
किसान
साल
में
केवल
एक
धान
की
फसल
ही
ले
पाते
हैं
बाकी
समय
खेत
बंजर
पड़े
रहते
हैं।
गांव
में
केवल
एक
नदी
है
जिसके
सहारे
लोग
अपना
जीवन
यापन
कर
रहे
हैं
और
तीन
सौ
की
आबादी
वाले
इस
गांव
में
आधे
लोग
पलायन
कर
चुके
हैं।
जनप्रतिनिधियों
से
लेकर
जिले
के
अधिकारियों
को
भी
यहां
मूलभूत
सुविधाएं
और
सबसे
जरूरी
पानी
के
संकट
के
बारे
में
पता
है,
लेकिन
किसी
द्वारा
भी
यहां
की
समस्या
का
समाधान
नहीं
करवाया
गया।
इसके
अलावा
सड़क
और
पुल
निर्माण
की
कई
वर्षो
से
मांग
करते
आ
रहे
हैं,
लेकिन
न
सड़क
मिली
न
पुल
बना।
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युवाओं
के
नहीं
हो
रहे
विवाह
जरूआ
गांव
में
आदिवासी
और
यादव
समाज
के
लोग
अधिक
रहते
हैं।
आधे
गांव
के
लोग
तो
मूलभूत
सुविधाओं
के
अभाव
में
पलायन
कर
गए
और
जो
बचे
हैं
वह
जानवरों
से
भी
बेकार
जीवन
काट
रहे
हैं।
न
यहां
पानी
है
बिजली
भी
न
के
बराबर
है,
क्योंकि
दिन
में
कितनी
बार
कट
जाए
कोई
गिनती
नही।
इसलिए
यहां
रहने
वाले
ग्रामीणों
के
बच्चों
के
विवाह
नहीं
हो
पा
रहे।
क्योंकि
ज़ब
भी
कोई
व्यक्ति
अपनी
बेटी
के
विवाह
का
रिश्ता
लेकर
यहां
आता
है
तो
वह
सबसे
पहले
पानी
और
आवागमन
की
सुविधा
देखता
है,
लेकिन
यहां
ऐसी
कोई
सुविधा
नहीं
है।
ग्रामीण
राजेश
ठाकुर,
उत्तम
यादव,
गुड्डा
ठाकुर
ने
बताया
कि
गांव
में
मूलभूत
सुविधाएं
न
होने
से
गांव
के
कई
युवा
कुंवारे
हैं
उनके
लिए
रिश्ते
नहीं
आ
रहे।
क्योंकि
कोई
भी
व्यक्ति
अपनी
बेटी
देगा
तो
वह
सुविधाएं
पहले
देखेगा।
गांव
के
बच्चे
सहित
बुजुर्ग
गर्मी
के
दिनों
में
पानी
के
लिए
कई
किलोमीटर
दूर
जाते
हैं।
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शादी
के
लिए
जाना
पड़ता
है
दूसरे
गांव
ग्रामीणों
का
कहना
है
कि
यदि
कोई
व्यक्ति
अपने
बच्चे
की
शादी
करता
है
तो
पहले
वह
दूसरे
गांव
या
नगर
में
रहना
शुरू
कर
देता
है
उसके
बाद
ही
बच्चों
की
शादी
हो
पाती
है।
आठ
माह
परेशानी
जरूआ
गांव
के
लोगों
का
कहना
है
कि
केवल
ठंड
के
मौसम
में
ही
लोग
यहां
पर
रहना
पसंद
करते
हैं
बाकी
आठ
महीने
मुसीबत
के
हैं।
ठंड
के
मौसम
में
भरपूर
पानी
मिलता
है
और
पलायन
करने
वाले
लोग
वापस
आ
जाते
हैं।
जैसे
ही
गर्मी
शुरू
होती
है
लोग
पलायन
कर
जाते
हैं।
ग्रामीण
राजेश
ठाकुर
ने
बताया
कि
बारिश
के
दिनों
में
कई
दिनों
तक
क्षतिग्रस्त
रपटा
पानी
में
डूबा
रहता
है
जिसके
कारण
आवागमन
पूरी
तरह
बंद
रहता
है।
यदि
आपत्कालीन
समय
में
कोई
बीमार
पड़
जाता
है
तो
मार्ग
के
अभाव
में
कोई
वाहन
भी
गांव
तक
नहीं
आ
पाता।
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तेंदूखेड़ा
जनपद
सीईओ
मनीष
बागरी
से
बात
की
तो
उन्होंने
बताया
कि
रपटा
मैंने
देखा
है
वह
बहुत
छोटा
है।
यह
निर्माण
किसके
द्वारा
कराया
गया
है
इसकी
मुझे
अभी
जानकारी
नहीं
है।
मैं
जानकारी
लेता
हूं
उसके
बाद
पूरी
जानकारी
दे
पाऊंगा।