Khandwa News: अवैध स्लाटर हाउसों पर चला जेसीबी का सरकारी पंजा, बुलडोजर की मदद से ढहाए पक्के अतिक्रमण

मध्यप्रदेश
में खंडवा
शहर
के
शकर
तालाब
क्षेत्र
स्थित
स्लाटर
हाउस
के
आसपास
बड़ी
संख्या
में
किये
गए
अतिक्रमण
पर शनिवार
को
जिला
प्रशासन
ने
बड़ी
कर्रवाई
करते
हुए
कई
कच्चे-पक्के
निर्माण
को
ढहा
दिया।
बताया
जा
रहा
है
कि
इस
क्षेत्र
में
कई
लोगों
के
द्वारा
अवैध
स्लाटर
हाउस
बना
लिये
गए
थे, जिनकी
मिल
रही
लगातार
शिकायतों
के
बाद
नगर
निगम
के
साथ
ही
पुलिस
और
प्रशासन
के
अधिकारियों
ने
मिलकर
यहां
बने
सरकारी
स्लाटर
हाउस
का
निरीक्षण
किया।
उसके
बाद
उसके
आसपास
बने
इन
अवैध
स्लाटर
हाउसों
और
निर्माण
कार्यों
पर
बुलडोजर
से
ढहाने
की
कार्रवाई
शुरू
की
गई।
इस
पूरी
कार्रवाई
के
दौरान
करीब
10
मकानों
को
जेसीबी
की
मदद
से
तोड़ा
गया।

हालांकि,
रिहायशी
क्षेत्र
में
की
जा
रही
इस
कार्रवाई
के
दौरान
यहां
बड़ी
संख्या
में
लोगों
की
भीड़
जमा
हो
गई।
इसके
चलते
सुरक्षा
की
दृष्टि
से
भारी
पुलिस
बल
भी
तैनात
किया
गया
था।
बताया
जा
रहा
है
कि
पहले
इन
लोगों
को
स्वयं
अतिक्रमण
तोड़ने
के
लिए
रात
तक
का
समय
दिया
गया
था, जिसके
बाद
आज
इन
अवैद्ध
अतिक्रमण
को
तोड़ने
की
कार्रवाई
शुरू
की
गई
थी।
वहीं,
कार्रवाई
के
दौरान
कई
लोगों
ने
इसका
विरोध
भी
किया।
यहां
मौजूद
कई
महिलाओं
का
कहना
था
कि
उनके
घर
में
पूरा
सामान
रखा
हुआ
है।
ऐसे
में
अचानक
इस
तरह
की
कार्रवाई
से
उनकी
गृहस्थी
का
सामान
नष्ट
हो
जाएगा।
हालांकि,
जिला
प्रशासन
के
अधिकारियों
का
कहना
है
कि
जो
निर्माण
अवैध
रूप
से
अतिक्रमण
करके
बनाए
गए
थे,
केवल
उन
पर
ही
यह
कार्रवाई
की
गई
है,
जिन
पर
आगे
भी
इस
तरह
की
कार्रवाई
की
जाएगी।


10
अतिक्रमण
हटाए हैं
और
जारी
रहेगी
कार्रवाई

वहीं,
इस
कार्रवाई
को
लेकर
खंडवा
एसडीएम
बजरंग
सिंह
बहादुर
ने
बताया
कि शकर
तालाब
क्षेत्र
की
सरकारी
भूमि
पर
अवैध
रूप
से
अतिक्रमण
करके
जो
निर्माण
कार्य
किए
गए
थे और
यहां
सरकारी
स्लाटर
हाउस
के
इर्द-गिर्द
काफी
संख्या
में
लोगों
के
द्वारा
अतिक्रमण
कर
निर्माण
कर
लिया
गया
था,
तो
उनके
अवैध
निर्माण
को
हटाया
गया
है और
यह
कार्रवाई
प्रशासन,
पुलिस
और
नगर
निगम
के
संयुक्त
अमले
के
द्वारा
की
गई
है,
जिसमें
करीब
10
अतिक्रमण
आज
हटाए
गए
हैं।
साथ
ही
शकर
तालाब
क्षेत्र
में
बड़ी
संख्या
में
अतिक्रमण
किया
हुआ
है। इसलिए
अभी
और
भी
निर्माण
कार्य
को
चिन्हित
किया
गया
है,
जिन्हें
हटाने
की
कार्रवाई
लगातार
जारी
रहेगी।