ऐतिहासिक,
सांस्कृतिक
और
धार्मिक
दृष्टि
से
अत्यंत
महत्वपूर्ण
नगरी
महेश्वर
को
जिला
बनाए
जाने
की
वर्षों
पुरानी
मांग
अब
जनआंदोलन
का
रूप
लेने
जा
रही
है।
इसी
कड़ी
में
रविवार
को
“महेश्वर
जिला
बनाओ
संघर्ष
समिति”
की
पहली
औपचारिक
बैठक
का
आयोजन
हुआ,
जिसमें
शहरवासियों,
सामाजिक
संगठनों
और
जनप्रतिनिधियों
ने
बढ़
चढ़कर
भाग
लिया।
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संघर्ष
समिति
की
रणनीति:
गांव
गांव
तक
आंदोलन
पहुंचाने
की
योजना
बड़दख्खन
हनुमान
मंदिर
परिसर
में
देवी
अहिल्या
की
प्रतिमा
पर
माल्यार्पण
और
रामभक्त
हनुमान
की
पूजा
के
साथ
बैठक
की
शुरुआत
हुई।
समिति
के
सदस्यों
ने
जिला
बनाने
के
समर्थन
में
जनभागीदारी
बढ़ाने,
छात्र
संगठनों
को
जोड़ने
और
गांव
गांव
आंदोलन
को
पहुंचाने
की
रणनीति
बनाई।
विज्ञापन
राजीव
काले
ने
कहा
कि
“इस
संघर्ष
में
युवाओं
और
छात्रों
की
भूमिका
अत्यंत
आवश्यक
है।”
भाजपा
नेता
भूरेसिंह
पटेल
ने
आंदोलन
को
ग्रामीण
क्षेत्रों
तक
ले
जाने
की
आवश्यकता
बताई।
अजय
जोशी
ने
जनप्रतिनिधियों
से
संपर्क
कर
समर्थन
प्राप्त
करने
की
बात
कही।
रोहित
जोशी
ने
कहा
कि
प्रस्तावित
जिलों
के
सभी
क्षेत्रों
के
नागरिकों
और
जनप्रतिनिधियों
की
सहमति
लेना
जरूरी
है।
यह
भी
पढ़ें: पूजा
नहीं
कराई
तो
मौत
हो
जाएगी,
डराकर
महिला
से
ठगे
40
लाख;
तीन
जालसाज
गिरफ्तार
विधि
विशेषज्ञों
का
समर्थन,
प्रस्ताव
तैयार
कर
भेजे
जाएंगे
शासन
को
वरिष्ठ
अधिवक्ता
जितेन्द्र
नेगी
ने
बताया
कि
पूर्व
में
किन
कारणों
से
जिला
नहीं
बन
पाया,
उन
कमियों
को
अब
दूर
किया
जा
रहा
है।
मंडलेश्वर
नगर
परिषद
अध्यक्ष
विश्वदीप
मोयदे
ने
महेश्वर
और
मंडलेश्वर
को
मिलकर
संगठित
प्रयास
करने
का
आह्वान
किया।
वरिष्ठ
अभिभाषक
संजीव
मोयदे
ने
जानकारी
दी
कि
मंडलेश्वर
में
पहले
से
ही
जिला
न्यायालय
का
संचालन
हो
रहा
है,
जो
जिला
गठन
की
मांग
को
मजबूती
देता
है।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
समिति
अब
नगर
परिषदों,
ग्राम
पंचायतों
और
अन्य
संस्थाओं
से
लिखित
प्रस्ताव
लेकर
शासन
को
भेजेगी।
सांस्कृतिक
धरोहर
और
विकास
की
मांग
महेश्वर
की
पहचान
सिर्फ
एक
धार्मिक
स्थल
या
पर्यटन
केंद्र
के
रूप
में
नहीं,
बल्कि
अपनी
विशिष्ट
माहेश्वरी
साड़ियों,
अहिल्या
घाट,
नर्मदा
तट
और
ऐतिहासिक
किले
के
कारण
भी
है।
जिला
बनने
से
क्षेत्र
में
प्रशासनिक
सेवाओं
का
विस्तार
होगा,
विकास
कार्यों
को
गति
मिलेगी
और
रोजगार
के
नए
अवसर
पैदा
होंगे।
बैठक
में
जुटा
उत्साह,
संघर्ष
को
दी
जाएगी
धार
बैठक
में
नवीनचंद
जैन,
नंदकिशोर
खेडेकर,
मंजुला
मेवाड़े,
सुरेश
अग्रवाल,
महेंद्र
सिंह
सोलंकी,
शरद
श्रीमाली
सहित
कई
अन्य
गणमान्य
नागरिकों
ने
अपने
सुझाव
रखे।
संचालन
श्याम
मेवाड़े
ने
किया
और
आभार
मनोज
पाटीदार
ने
माना।
संघर्ष
समिति
का
संकल्प
है
कि
जब
तक
महेश्वर
को
जिला
नहीं
बनाया
जाता,
आंदोलन
शांत
नहीं
होगा।
अब
देखना
यह
है
कि
शासन
इस
जनभावना
को
कितनी
गंभीरता
से
लेता
है।