
ग्रामीण
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मुरैना
में
आजादी
के
77
साल के
बाद
भी
कुछ
गांव
ऐसे हैं। जहां
पर
बिजली, स्कूल
और
पानी
जैसी
मूलभूत
सुविधाओं
का
अभाव
है।
सुमावली
विधानसभा
के
नूरपुर
गांव
में
पिछले
आठ साल
से
स्कूल
बंद
हैं।
वहीं,
बिजली
और
पानी
की
समस्या
से
भी
गांव
के
लोग
जूझ
रहे
हैं,
जिसके
चलते
लोकसभा
के
चुनाव
में
ग्रामीणों
ने
मतदान
का
बहिष्कार
कर
दिया
है।
ग्रामीणों
की
माने
तो
अधिकारियों
से
लेकर
नेताओं
तक
कई
बार
आवेदन
और
शिकायत
करने
के
बाद
भी
उनकी
सुनवाई
नहीं
हो
रही
है।
मुरैना
की
सुमावली
विधानसभा
में
आने
वाले
नूरपुर
गांव
के
ग्रामीण
लोकसभा
चुनाव
के
लिए
मतदान
नहीं
करेंगे।
उन्होंने
मतदान
का
बहिष्कार
कर
दिया
है।
ग्रामीणों
के
अनुसार,
पिछले
आठ साल
से
गांव
का
स्कूल
बंद
है,
जिसके
चलते
गांव
के
बच्चे
शिक्षा
से
वंचित
हो
रहे
हैं।
इसी
के
साथ
गांव
में
बिजली
और
पानी
की
गंभीर
समस्या
है,
जिसे
लेकर
कई
बार
ग्रामीणों
ने
अधिकारियों
और
नेताओं
को
आवेदन
और
शिकायतें
की
पर
आश्वासन
के
बाद
कोई
सुधार
नहीं
हुआ।
जिला
निर्वाचन
अधिकारी
की
माने
तो
नूरपुर
गांव
की
मतदान
बहिष्कार
की
जानकारी
मिलते
ही
मौके
पर
अधिकारियों
को
भेजा
गया
और
उनकी
समस्या
को
जल्द
से
जल्द
सुलझाने
के
आश्वासन
के
साथ
मतदान
करने
के
लिए
ग्रामीणों
को
मना
लिया
गया
है।
आठ साल
से
नूरपुर
गांव
के
लोग
शिक्षा,
बिजली
और
पानी
की
मूलभूत
सुविधाओं
के
लिए
परेशान
हो
रहे
हैं।
लेकिन उनकी
सुध लेने
वाला
कोई
भी
नहीं
है।
ऐसे
में
अब
चुनाव
के
समय
मजबूरी
में
बहिष्कार
करने
वाले
इन
ग्रामीणों
की
समस्या
अभी
दूर
हो
पाएगी
की नहीं,
यह
तो
आने
वाला
समय
ही
बताएगा।
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