ग्वालियर
में
दुष्कर्म
के
आरोप
में
फरार
चल
रहे
तहसीलदार
शत्रुघ्न
सिंह
चौहान
ने
आखिरकार
जिला
अदालत
में
सरेंडर
कर
दिया
है।
शत्रुघ्न
सिंह
पर
पांच
हजार
रुपये
का
इनाम
घोषित
किया
गया
था।
खुद
को
चौहान
की
चौथी
पत्नी
बताने
वाली
महिला
ने
उन
पर
शादी
का
झांसा
देकर
दुष्कर्म
करने
का
आरोप
लगाया
था।
यह
मामला
15
जनवरी
2025
को
ग्वालियर
महिला
थाने
में
दर्ज
हुआ
था।
इसके
बाद
से
तहसीलदार
फरार
चल
रहा
था,
जिसके
चलते
पुलिस
ने
इनाम
घोषित
किया
था।
साथ
ही,
पीड़िता
ने
भी
आरोपी
की
सूचना
देने
पर
50
हजार
रुपये
का
इनाम
घोषित
किया
था।
इस
बीच
आरोपी
तहसीलदार
का
तबादला
बैतूल
कर
दिया
गया
था,
लेकिन
फरारी
के
चलते
उन्होंने
वहां
जॉइनिंग
नहीं
की।
इसके
बाद
मार्च
में
बैतूल
कलेक्टर
ने
उन्हें
निलंबित
कर
दिया।
जानकारी
के
अनुसार,
सुप्रीम
कोर्ट
ने
तहसीलदार
को
अदालत
में
सरेंडर
करने
के
आदेश
दिए
थे,
लेकिन
इसके
बावजूद
वे
चार
महीने
तक
फरार
रहे।
अब
सरेंडर
के
बाद
आरोपी
तहसीलदार
के
वकील
सत्र
न्यायालय
में
जमानत
याचिका
दाखिल
करेंगे।
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प्रदेश
भाजपा
प्रदेश
अध्यक्ष
पद
का
चुनाव
कार्यक्रम
घोषित,
नामांकन
1
जुलाई
को,
2
को
होगा
मतदान
बता
दें
कि
शत्रुघ्न
सिंह
चौहान
ग्वालियर
जिले
की
भितरवार
तहसील
में
पदस्थ
थे।
महिला
ने
आरोप
लगाया
था
कि
तहसीलदार
ने
शादी
का
झांसा
देकर
उसके
साथ
शारीरिक
संबंध
बनाए
और
एक
बार
गर्भपात
भी
कराया।
महिला
के
मुताबिक,
तहसीलदार
ने
उसे
करीब
17
वर्षों
तक
लिव-इन
रिलेशन
में
रखकर
शारीरिक
शोषण
किया।
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देने
के
बहाने
घर
के
बाहर
बुलाया,
फिर
सहेली
पर
फेंका
एसिड,
चेहरा,
सीना
और
पैर
जले;
हालत
गंभीर
दुष्कर्म
की
शिकायत
सामने
आने
के
बाद
कलेक्टर
ने
तहसीलदार
को
भितरवार
से
हटाकर
जिला
मुख्यालय
के
लैंड
रिकॉर्ड
कार्यालय
में
अटैच
किया
था,
लेकिन
तहसीलदार
ने
यहां
भी
ज्वाइन
नहीं
किया
और
मेडिकल
अवकाश
पर
चले
गए।
इसके
बाद
महिला
की
शिकायत
पर
महिला
थाना
पुलिस
ने
शत्रुघ्न
सिंह
चौहान
के
खिलाफ
दुष्कर्म
का
मामला
दर्ज
किया।
शासन
स्तर
से
उनका
तबादला
बैतूल
कर
दिया
गया
था,
लेकिन
वहां
भी
जॉइनिंग
नहीं
करने
पर
कलेक्टर
के
प्रतिवेदन
के
आधार
पर
उन्हें
निलंबित
कर
दिया
गया।