Sagar News: घर में सो रहे मां-बेटे को सांप ने डसा, झाड़फूंक में समय गंवाने से बेटे की मौत

बुंदेलखंड
अंचल
में
बारिश
के
मौसम
में
जहरीले
जीव-जंतुओं
के
काटने
की
घटनाएं
आम
हो
गई
हैं।
खासतौर
पर
सर्पदंश
के
मामलों
में
हर
साल
कई
लोगों
की
जान
चली
जाती
है।
इन
मौतों
की
एक
बड़ी
वजह
आधुनिक
चिकित्सा
की
बजाय
झाड़फूंक
जैसे
अंधविश्वास
पर
ग्रामीणों
का
भरोसा
होना
है।


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ऐसा
ही
एक
मामला
बुधवार
को
सागर
जिले
के
मालथौन
थाना
क्षेत्र
के
ग्राम
चुरारी
में
सामने
आया,
जहां
झाड़फूंक
में
कीमती
समय
गंवाने
की
वजह
से
एक
12
वर्षीय
बालक
की
मौत
हो
गई,
जबकि
उसकी
मां
की
हालत
फिलहाल
स्थिर
बनी
हुई
है।


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रात
में
सोते
समय
सांप
ने
डसा

मंगलवार
देर
रात
करीब
12
बजे
गांव
चुरारी
में
सरोज
रानी
अपने
बेटे
नीलेश
आदिवासी
(12)
के
साथ
घर
में
सो
रही
थीं।
इसी
दौरान
दोनों
को
जहरीले
सांप
ने
डस
लिया।
बेटे
की
हालत
बिगड़ने
पर
सरोज
रानी
ने
परिवार
को
इसकी
जानकारी
दी।

पढ़ें: पहले
बाइक
लूटी,
फिर
की
मोबाइल
लूट
और
चाकूबाजी,
बिजुरी
पुलिस
ने
तीन
आरोपियों
को
दबोचा


अस्पताल
के
बजाय
झाड़फूंक
कराते
रहे
परिजन

थाना
प्रभारी
अशोक
यादव
के
अनुसार,
घटना
के
बाद
परिजनों
ने
मां-बेटे
को
तत्काल
अस्पताल
ले
जाने
की
बजाय
झाड़फूंक
कराने
का
फैसला
किया।
करीब
12
घंटे
तक
झाड़फूंक
में
समय
गंवाने
के
बाद
जब
नीलेश
की
हालत
और
बिगड़
गई,
तब
उसे
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र
ले
जाया
गया।
वहां
डॉक्टरों
ने
जांच
के
बाद
बालक
को
मृत
घोषित
कर
दिया।
सरोज
रानी
की
हालत
फिलहाल
स्थिर
बताई
जा
रही
है।
पुलिस
ने
मामले
में
मर्ग
कायम
कर
लिया
है
और
जांच
जारी
है।


प्रशासन
की
चेतावनी
के
बावजूद
कायम
है
अंधविश्वास

बता
दें
कि
सागर
जिला
सर्पदंश
की
घटनाओं
के
लिए
संवेदनशील
माना
जाता
है।
प्रशासन
लगातार
ग्रामीणों
को
जागरूक
कर
रहा
है
कि
सर्पदंश
की
स्थिति
में
बिना
देरी
किए
मरीज
को
नजदीकी
स्वास्थ्य
केंद्र
पहुंचाएं,
जहां
फौरन
एंटी
वेनम
इंजेक्शन
दिया
जा
सके।
लेकिन
इसके
बावजूद
आज
भी
कई
लोग
झाड़फूंक
के
चक्कर
में
अपनी
और
अपनों
की
जान
गंवा
रहे
हैं।