
सुरक्षा
अधिकारी
दिलीप
बामनिया
और
अजय
कुमार
वर्मा
थाना
प्रभारी
महाकाल
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
महाकाल
मंदिर
के
सामने
की
दीवार
गिरने
के
मामले
में
प्रभारी
मंत्री
गौतम
टेटवाल
के
निर्देश
के
बाद
अब
अधिकारी
कर्मचारियों
पर
कार्रवाई
होनी
शुरू
हो
गई
है।
पहले
महाकाल
थाने
के
टीआई
और
एसआई
को
एसपी
ने
निलंबित
किया।
इसके
बाद
कलेक्टर
के
निर्देश
पर
निगम
कमिश्नर
ने
भी
कार्रवाई
करते
हुए
अतिक्रमण
गैंग
नियंत्रक
प्रभारी
उपयंत्री
और
महाकाल
क्षेत्र
के
विशेष
गैंग
प्रभारी
पर
निलंबन
की
गाज
गिरा
दी।
साथ
ही
महाकालेश्वर
मंदिर
के
सुरक्षा
अधिकारी
को
भी
निलंबित
कर
दिया
गया
है।
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प्रभारी
मंत्री
गौतम
टेटवाल
ने
दुर्घटना
स्थल
का
मुआयना
किया
था।
उन्होंने
लड्डू
यूनिट
जाकर
भी
इसकी
गुणवत्ता
की
जांच
की
थी।
इसी
दौरान
उन्होंने
संकेत
दे
दिए
थे
कि
कार्रवाई
तो
होगी।
इसी
को
देखते
हुए
अवैध
दुकानों
पर
कार्रवाई
नहीं
करने
को
लेकर
एसपी
प्रदीप
शर्मा
ने
महाकाल
थाने
के
टीआई
अजय
वर्मा
और
बीट
प्रभारी
एसआई
भरत
सिंह
निगवाल
को
निलंबित
कर
दिया।
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विज्ञापन
साथ
ही
महाकालेश्वर
मंदिर
के
आसपास
के
क्षेत्र
में
अस्थाई
अतिक्रमण
हटाने
के
कार्य
में
लापरवाही
पर
उज्जैन
कलेक्टर
नीरज
कुमार
सिंह
के
निर्देश
पर
निगम
आयुक्त
आशीष
पाठक
द्वारा
आदेश
जारी
कर
अतिक्रमण
गैंग
नियंत्रक
अधिकारी
प्रभारी
उपयंत्री
नगर
निगम
गोपाल
बोयत
एवं
महाकाल,
हरसिद्धि
अतिक्रमण
रिमूवल
विशेष
गैंग
प्रभारी
मनीष
बाली
को
तत्काल
प्रभाव
से
निलंबित
कर
दिया
गया।
वहीं,
महाकाल
मंदिर
के
सुरक्षा
अधिकारी
प्लाटून
कमांडर
दिलीप
बामनिया
पर
निलंबन
की
गाज
गिर
गई।
जारी
आदेशानुसार
प्रभारी
उपयंत्री
एवं
विशेष
गैंग
प्रभारी
नगर
निगम
को
सम्पूर्ण
महाकाल
क्षेत्र
से
अस्थाई
अतिक्रमण
हटाने
के
दायित्व
सौंपे
गए
थे।
कार्य
के
प्रति
लापरवाही
से
महाकाल
मंदिर
के
समीप
दीवार
के
पास
अस्थाई
अतिक्रमण
कर
व्यवसाय
करने
वाले
व्यवसायियों
पर
दीवार
गिरने
से
दो
व्यक्तियों
की
उक्त
दुर्घटना
में
मृत्यु
हुई
और
अन्य
व्यक्ति
भी
घायल
हुए
थे,
जिसके
कारण
लापरवाही
प्रतिपादित
होने
से
प्रभारी
उपयंत्री
नगर
निगम
बोयत
एवं
विशेष
गैंग
प्रभारी
नगर
निगम
बाली
को
तत्काल
प्रभाव
से
निलंबित
किया
जाता
है।
वैसे
माना
जा
रहा
है
कि
इस
मामले
में
स्मार्ट
सिटी
भी
कम
दोषी
नहीं
है।
महाराजवाड़ा
स्कूल
को
रिनोवेट
कर
यहां
पर
महाकाल
फेज-2
के
तहत
हेरीटेज
होटल
बनाने
का
काम
चल
रहा
है,
जिसे
स्मार्ट
सिटी
और
उज्जैन
विकास
प्राधिकरण
द्वारा
मूर्तरूप
दिया
जा
रहा
है।
इनके
इंजीनियरों
द्वारा
निर्माण
कार्यों
में
बरती
गई
लापरवाही
के
परिणाम
स्वरूप
ही
दीवार
गिरने
का
हादसा
हुआ
है।