हरदा
जिले
में
करणी
सेना
क
विवाद
मामले
को
गंभीरता
से
लेते
हुए
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
घटना
की
पूरी
जानकारी
तलब
की
है
और
स्पष्ट
किया
है
कि
राज्य
में
सामाजिक
सौहार्द
को
भंग
करने
की
इजाजत
किसी
को
नहीं
दी
जाएगी।
मुख्यमंत्री
ने
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
एक्स
पर
अपनी
प्रतिक्रिया
साझा
करते
हुए
लिखा
कि
“हरदा
छात्रावास
प्रकरण
का
संज्ञान
लेते
हुए
मैंने
जिला
प्रशासन
से
विस्तृत
जांच
रिपोर्ट
मंगाई
है।
सामाजिक
न्याय
और
परस्पर
समरसता
हमारी
सरकार
की
सर्वोच्च
प्राथमिकता
है।
मध्यप्रदेश
में
सामाजिक
सौहार्द
बिगाड़ने
की
अनुमति
किसी
को
नहीं
दी
जाएगी।
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सनातन
विरोधी
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क्या
है
मामला?
घटना
की
शुरुआत
एक
कथित
ठगी
के
प्रकरण
से
हुई
थी,
जिसमें
करणी
सेना
ने
पुलिस
पर
आरोपी
को
संरक्षण
देने
का
आरोप
लगाया।
इसको
लेकर
संगठन
के
कार्यकर्ताओं
ने
शनिवार
को
हरदा
की
सिटी
कोतवाली
के
सामने
विरोध
प्रदर्शन
किया।
स्थिति
बिगड़ने
पर
पुलिस
को
लाठीचार्ज,
आंसू
गैस
और
वाटर
कैनन
का
उपयोग
कर
प्रदर्शनकारियों
को
तितर-बितर
करना
पड़ा।
इस
कार्रवाई
में
कई
कार्यकर्ता
घायल
हो
गए,
वहीं
करणी
सेना
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
जीवन
सिंह
शेरपुर
सहित
50
से
अधिक
लोगों
को
हिरासत
में
लिया
गया
था।
बाद
में
जीवन
सिंह
शेरपुर
समेत
उनके
साथियों
को
कुछ
शर्तों
के
साथ
रिहा
कर
दिया
गया।