
सीएम
डॉ.
मोहन
यादव
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मध्य
प्रदेश
की
दूसरी
रीजनल
इंडस्ट्री
कॉन्क्लेव
का
आयोजन
20
जुलाई
को
जबलपुर
में
होने
जा
रहा
है।
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
प्रदेश
में
निवेश
बढ़ाने
को
लेकर
खूब
तैयारी
कर
रहे
हैं।
इसी
क्रम
में
गुरुवार
को
मुख्यमंत्री
ने
महकौशल
क्षेत्र
के
उद्यमियों
के
साथ
वर्चुअल
संवाद
किया।
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
कहा
कि
निवेश
प्रोत्साहन
को
प्राथमिकता
देते
हुए
राज्य
शासन
द्वारा
वर्ष
2025
को
उद्योग
वर्ष
के
रूप
में
मनाने
का
निर्णय
लिया
गया
है।
रीजनल
इंडस्ट्रियल
कॉन्क्लेव,
स्थानीय
उद्योगों
की
समस्याओं
का
समाधान
कर
उन्हें
प्रोत्साहित
करते
हुए
प्रदेश
व
देश
की
अर्थव्यवस्था
की
उन्नति
में
उनकी
उद्यमशीलता
के
योगदान
को
बढ़ाने
के
उद्देश्य
से
आयोजित
की
जा
रही
हैं।
जबलपुर
में
होने
वाले
इंडस्ट्रियल
कॉन्क्लेव
से
जबलपुर
व
आसपास
के
जिलों
की
औद्योगिक
गतिविधियों
को
प्रोत्साहन
मिलेगा।
सरकार
स्थानीय
उद्यमियों
के
साथ
बाहर
के
उद्यमियों
को
जोड़कर
प्रदेश
के
सभी
अंचलों
में
समान
विकास
सुनिश्चित
करने
के
लिए
प्रतिबद्ध
हैं।
कृषि,
रोजगार,
व्यापार
और
पर्यटन
आदि
क्षेत्र
में
स्थानीय
परिस्थितियों
के
अनुसार
रोजगारमूलक
गतिविधियों
को
विशेष
रूप
से
प्रोत्साहित
किया
जाएगा।
मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
20
जुलाई
को
जबलपुर
में
होने
वाली
रीजनल
इंडस्ट्रियल
कॉन्क्लेव
के
संबंध
में
समत्व
भवन
से
जबलपुर,
कटनी,
मंडला,
डिंडौरी
और
नरसिंहपुर
के
औद्योगिक
संघों
के
पदाधिकारियों
व
उद्योगपतियों
से
वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग
के
माध्यम
से
संवाद
कर
रहे
थे।
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फर्नीचर
क्लस्टर,
खाद्य
प्रसंस्करण
और
माइनिंग
में
पर्याप्त
संभावनाएं
मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
ने
कहा
कि
प्रदेश
में
उपलब्ध
खनिज
संपदा
तथा
अन्य
प्राकृतिक
संसाधनों
की
वैल्यू
एडिशन
के
लिए
युवाओं
को
विभिन्न
कौशलों
का
आवश्यक
प्रशिक्षण
उपलब्ध
कराने
के
साथ-साथ
व्यापार-व्यवसाय
के
लिए
उनके
बेहतर
लिंकेज
की
व्यवस्था
की
जाएगी।
इससे
व्यवसाय
में
होने
वाला
अधिकतम
लाभ
स्थानीय
लोगों
को
मिलेगा।
उन्होंने
कहा
कि
जबलपुर
जिले
में
पांच
विकसित
औद्योगिक
क्षेत्र
और
एक
विकासाधीन
औद्योगिक
क्षेत्र
640
हेक्टेयर
से
अधिक
भूमि
पर
स्थित
है,
जिसमें
514
एमएसएमई
इकाइयां
कार्यरत
हैं।
जबलपुर
में
विकसित
किए
गए
आई.टी.
पार्क
में
भी
रोजगार
की
बहुत
संभावनाएं
मौजूद
हैं।
इसके
साथ
ही
फर्नीचर
क्लस्टर,
नवीन
गारमेंट
क्लस्टर,
खाद्य
प्रसंस्करण
आधारित
उद्योगों,
माइनिंग
एंड
मिनरल
प्रोसेसिंग
और
फार्मा
इकाइयों
में
भी
बहुत
संभावनाएं
हैं।
रीजनल
इंडस्ट्री
कॉन्क्लेव
के
माध्यम
से
क्षेत्र
के
लोग
औद्योगिक
विकास
को
मूर्त
रूप
लेते
हुए
अपने
सामने
देख
सकेंगे।
यह
प्रक्रिया
निरंतर
जारी
रहेगी।
देश
के
दूसरे
भागों
से
भी
उद्योगपतियों
को
निवेश
और
औद्योगिक
गतिविधियों
के
लिए
आमंत्रित
किया
जा
रहा
है।
प्रदेश
में
सागर,
ग्वालियर,
रीवा
में
भी
रीजनल
इंडस्ट्रियल
कॉन्क्लेव
आयोजित
किए
जाएंगे।
जबलपुर,
कटनी,
मंडला,
नरसिंहपुर
और
डिंडौरी
के
उद्योगपति
संवाद
में
हुए
शामिल
मुख्यमंत्री
के
साथ
वर्चुअल
संवाद
में
जबलपुर
से
महाकौशल
चेंबर
ऑफ
कॉमर्स
के
अध्यक्ष
रवि
गुप्ता,
फेडरेशन
ऑफ
म.प्र.
चेंबर
ऑफ
कॉमर्स
एंड
इंडस्ट्रीज
के
सीनियर
वाइस
सेक्रेटरी
हिमांशु
खरे,
लघु
उद्योग
भारती
के
अध्यक्ष
व्ही.के.
नेमा,
महाकौशल
उद्योग
संघ
के
अध्यक्ष
बी.आर.
जैसवानी,
कटनी
से
मप्र
लघु
उद्योग
संघ
के
सुधीर
कुमार
मिश्रा,
मध्य
प्रदेश
रिफ्रेक्ट्रीज
एसोसिएशन
के
अध्यक्ष
अरविंद
गुगलिया,
मंडला
से
राइस
मिल
एसोसिएशन
के
अध्यक्ष
अनिल
वीरानी
सहित
नरसिंहपुर
के
सजल
अग्रवाल
और
डिंडौरी
के
रमेश
राजपाल
ने
अपने
विचार
रखे।