
अवैध
खनन
पर
सख्त
कार्रवाई।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
रेत
खनन
कंपनी
मेसर्स
फेयर
ब्लैक
इंफाटेक
इंडिया
प्राइवेट
लिमिटेड
के
विरुद्ध
निर्धारित
स्वीकृति
से
17
हेक्टेयर
से
अधिक
क्षेत्र
में
अवैध
रूप
से
रेत
खनन
करने
के
मामले
में
कलेक्टर
और
जिला
दंडाधिकारी
की
न्यायालय
ने
करीब
7
करोड़
का
जुर्माना
लगाया
है।
शासन
को
हुए
रॉयल्टी
नुकसान
से
60
गुना
अधिक
की
राशि
को
पर्यावरण
क्षतिपूर्ति
के
रूप
में
शामिल
करते
हुए
जुर्माना
लगाया
है।
रेत
के
अवैध
उत्खनन,
परिवहन,
भंडारण
के
संबंध
में
मप्र
स्टेट
माइनिंग
कार्पोरेशन
लिमिटेड
के
उप
कार्यालय
कटनी
द्वारा
कलेक्टर
न्यायालय
को
प्रतिवेदन
सौंपते
हुए
बताया
था
कि
विजयराघवगढ़
क्षेत्र
के
ग्राम
घुघरी
के
खसरा
नंबर
122
रकवा
8.030
हेक्टेयर
पर
रेत
के
खनन
के
लिए
पट्टा
स्टेट
माइनिंग
कार्पोरेशन
के
पक्ष
स्वीकृत
है।
जिसका
संचालन
उप
पट्टाधारी
मेसर्स
फेयर
ब्लैक
इंफाटेक
इंडिया
प्राइवेट
लिमिटेड
द्वारा
किया
जा
रहा
है।
लेकिन,
कंपनी
द्वारा
स्वीकृत
क्षेत्र
के
अलावा
अन्य
क्षेत्र
में
अवैध
रूप
से
रेत
का
खनन
करते
हुए
करीब
17
हेक्टेयर
में
अवैध
खनन
कर
करीब
5,733
घनमीटर
रेत
निकली
गई
थी।
खनिज
विभाग
द्वारा
सौंपे
गए
प्रतिवेदन
पर
कलेक्टर
न्यायालय
में
जिला
दंडाधिकारी
अवि
प्रसाद
ने
संयुक्त
जांच
दल
के
प्रतिवेदन
के
साथ
ही
कंपनी
से
भी
जवाब
तलब
किया
था।
जिसके
बाद
फेयर
ब्लैक
इंफ्राटेक
इंडिया
प्राइवेट
लिमिटेड
के
खिलाफ
6
करोड़
93
लाख
69
हजार
300
रूपए
का
जुर्माना
लगाया
है।
साथ
ही
अवैध
रूप
से
खोदी
गई
करीब
5
हजार
733
घनमीटर
की
रेत
की
रॉयल्टी
राशि
के
रूप
में
5
लाख
73
हजार
360
रुपए
का
60
गुना
राशि
जो
3
करोड़
43
लाख
98
हजार
रूपए
और
उसी
के
बराबर
पर्यावरण
क्षतिपूर्ति
के
रूप
में
3
करोड़
43
लाख
98
हजार
रूपए
की
राशि
शामिल
करते
हुए
जुर्माना
लगाया
है,
जिसे
न्यायालय
ने
खनिज
प्रतिष्ठान
मद
में
जमा
करने
के
आदेश
जारी
किए
हैं।
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