

पूर्व
विधायक
लक्ष्मण
तिवारी
कांग्रेस
में
शामिल
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
वॉट्सऐप
चैनल
फॉलो
करें
भारतीय
जनशक्ति
पार्टी
के
पूर्व
विधायक
लक्ष्मण
तिवारी
ने
कांग्रेस
की
सदस्यता
ले
ली।
पीसीसी
चीफ
जीतू
पटवारी
ने
प्रदेश
कांग्रेस
मुख्यालय
में
पार्टी
का
दुपट्टा
पहनाकर
उनको
पार्टी
की
सदस्यता
दिलाई।
लोकसभा
चुनाव
से
पहले
कांग्रेस
नेता
लगातार
पार्टी
छोड़कर
भाजपा
में
शामिल
हो
रहे
हैं।
इस
बीच,
विंध्य
क्षेत्र
के
नेता
और
पूर्व
विधायक
लक्ष्मण
तिवारी
कांग्रेस
में
शामिल
हुए।
उनको
भोपाल
में
कांग्रेस
मुख्यालय
में
पीसीसी
चीफ
जीतू
पटवारी
ने
पार्टी
का
दुपट्टा
पहनाकर
पार्टी
की
सदस्यता
दिलाई।
इस
अवसर
पर
लक्ष्मण
तिवारी
ने
कहा
कि
भाजपा
एक
दल
नहीं
दलदल
वाली
पार्टी
बन
गई
है।
भाजपा
में
लोग
अपनी
संपत्ति
बचाने
के
लिए
जा
रहे
है,
कुछ
बिक
रहे
हैं
तो
कुछ
को
खरीदा
जा
रहा
है।
देश
की
जनता
के
हित
के
लिए
आज
लड़ाई
लड़ने
की
जरूरत
है
और
कांग्रेस
के
बैनर
के
साथ
ही
लड़ाई
लड़ी
जा
सकती
है।
वहीं,
जीतू
पटवारी
ने
कहा
कि
भाजपा
जो
भी
बोलती
है
केवल
झूठ
बोलती
है।
प्रदेश
की
बहनों
को
1000
और
फिर
3000
रुपये
देने
की
बात
की
थी,
लेकिन
सरकार
बहनों
के
साथ
धोखा
कर
रही
है।
आज
घर
के
राशन
की
लागत
पांच
गुना
बढ़
गई
है।
किसानों
की
आय
दोगुनी
करने
के
बजाय
उनकी
फसल
का
उचित
मूल्य
उन्हें
नहीं
मिल
रहा
है।
देश
में
किसानों
की
जो
दुगर्ति
हो
रही
है
वह
दुनिया
में
कहीं
नहीं
हुई।
भाजपा
सरकार
में
चाहे
मंत्री
का
बेटा
हो
या
भाजपा
का
विधायक
का
बेटा
हो
तांडव
मचा
रखा
है।
पर्ची
वाले
मुख्यमंत्री
ने
कर्ज,
क्राइम
और
करप्शन
की
सरकार
चला
रहे
हैं।
लोकतंत्र
तानाशाही
से
चल
रहा
है।
प्रदेश
कांग्रेस
मीडिया
विभाग
के
अध्यक्ष
मुकेश
नायक
ने
संचालन
करते
हुए
कहा
कि
भाजपा
में
जाने
वाले
की
वहां
कोई
पूछ
परख
नहीं
है,
वह
तो
केवल
अपनी
संपत्ति
बचाने
और
अपना
डर
के
कारण
भाजपा
में
जा
रहे
हैं।
2008
में
बने
थे
विधायक
लक्ष्मण
तिवारी
2008
में
उमा
भारती
की
भारतीय
जनशक्ति
पार्टी
से
मऊगंज
से
विधायक
बने
थे।
इसके
बाद
2013
में
उमा
भारती
ने
अपनी
पार्टी
का
भाजपा
में
विलय
कर
दिया।
2013
के
विधानसभा
चुनाव
में
लक्ष्मण
तिवारी
मऊगंज
सीट
से
भाजपा
के
टिकट
पर
चुनाव
लड़े
थे,
लेकिन
कांग्रेस
प्रत्याशी
से
हार
गए।
इसके
बाद
2018
में
टिकट
नहीं
मिलने
पर
उन्होंने
भाजपा
से
बागी
होकर
निर्दलीय
चुनाव
लड़ा
और
10
हजार
वोट
मिले।
2023
में
उन्होंने
समाजवादी
पार्टी
की
सदस्यता
ली।
सपा
ने
उनको
सिरमौर
से
अपना
प्रत्याशी
बनाया
था,
लेकिन
उनको
सफलता
नहीं
मिली।
बता
दें,
उमा
भारती
की
भाजश
अब
समाप्त
हो
चुकी
है।