मध्यप्रदेश
में
पानी
की
हर
बूंद
को
सहेजने
के
लिए
चलाए
गए
‘जल
गंगा
संवर्धन
अभियान’
का
समापन
सोमवार
30
जून
को
खंडवा
में
होगा।
इस
मौके
पर
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
कार्यक्रम
को
वर्चुअली
संबोधित
करेंगे।
वहीं,
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
1518
करोड़
रुपये
से
अधिक
के
जल
संरक्षण
और
सिंचाई
परियोजनाओं
का
लोकार्पण
और
भूमि-पूजन
करेंगे। मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
की
पहल
पर
प्रदेश
में
30
मार्च
से
90
दिनों
का
यह
अभियान
शुरू
हुआ
था।
इसका
उद्देश्य
वर्षा
जल
संचयन,
जल
स्रोतों
का
पुनरुद्धार
और
नए
जल
संरचनाओं
का
निर्माण
रहा।
इस
अभियान
के
दौरान
मनरेगा
के
तहत
57,207
जल
संरक्षण
कार्य
पूरे
किए
गए,
जिन
पर
578.08
करोड़
खर्च
हुए।
साथ
ही,
वाटरशेड
योजना
के
अंतर्गत
888
कार्यों
पर
63.46
करोड़
खर्च
किए
गए।
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कार्यक्रम
में
मुख्यमंत्री
जल
संसाधन
विभाग
की
चार
परियोजनाओं
का
लोकार्पण
भी
करेंगे,
जिनसे
8557
हेक्टेयर
में
सिंचाई
संभव
होगी
और
7260
किसान
लाभान्वित
होंगे।
साथ
ही,
563.72
करोड़
लागत
की
जावर
माइक्रो
उद्वहन
सिंचाई
योजना
का
भी
लोकार्पण
होगा,
जिससे
खंडवा
जिले
के
21
हजार
से
अधिक
किसानों
की
26
हजार
हेक्टेयर
भूमि
सिंचित
होगी।
इसके
अलावा
50
करोड़
रुपये
से
बनी
74
जल
संरचनाओं
का
भी
लोकार्पण
होगा।
अभियान
के
दौरान
प्रदेशभर
में
अब
तक
84,930
खेत
तालाब
बनाए
जा
चुके
हैं,
जबकि
लक्ष्य
77,940
का
था।
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पहली
ही
बारिश
में
बढ़ा
जलस्तर
खास
बात
यह
है
कि
पहली
ही
बारिश
में
खेत
तालाबों
में
पानी
भरने
लगा
है
और
कुओं
का
जलस्तर
भी
बढ़ा
है।
सरकार
ने
1
लाख
4
हजार
से
अधिक
कूप
रिचार्ज
पिट
बनवाए
हैं,
जो
लक्ष्य
से
ज्यादा
हैं।
ये
10
जिले
अग्रणी
इस
अभियान
में
सबसे
बेहतर
प्रदर्शन
करने
वाले
टॉप
10
जिलों
में
खंडवा,
बालाघाट,
रायसेन,
उज्जैन,
छिंदवाड़ा,
बुरहानपुर,
राजगढ़,
अशोकनगर,
बैतूल
और
मंडला
शामिल
हैं।
अभियान
के
दौरान
तकनीक
आधारित
प्लानिंग
की
गई।
सिपरी
और
प्लानर
सॉफ्टवेयर
के
माध्यम
से
वर्षा
जल
बहाव
का
विश्लेषण
कर
जल
संरचनाओं
का
स्थान
तय
किया
गया।
यह
पहली
बार
है
जब
इतनी
बड़ी
संख्या
में
जल
संरक्षण
कार्य
इतने
कम
समय
में
पूरे
किए
गए
हैं।