MP News: तीन साल बाद शुरू हुई नर्सिंग की परीक्षाएं, घोटाले के बाद हो चुकी है सीबीआई जांच

MP News Nursing examinations started after three years CBI investigation has been done after scam

नर्सिंग
की
परीक्षाएं
शुरू


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

मध्यप्रदेश
में
नर्सिंग
की
परीक्षाओं
का
इंतजार
कर
रहे
छात्रों
के
लिए
बुधवार
का
दिन
खुशखबरी
लेकर
आया,
जब
करीब
तीन साल के
लंबे
इंतजार
के
बाद
प्रदेश
भर
के
करीब
30
हजार
799
छात्र-छात्राएं
प्रथम
वर्ष
की
परीक्षा
देने
अपने-अपने
एग्जाम
सेंटर
पहुंचे।
वहीं,
प्रदेश
के
खंडवा
जिले
के
नंदकुमार
सिंह
मेडिकल
कॉलेज
में
भी
जिले
भर
के
पांच
कॉलेजों
से
आए 224
छात्र-छात्राएं
प्रथम
वर्ष
की
परीक्षा
देने
पहुंचे
थे।
इसके
बाद
लगभग
दो बजे
पर्चा
देकर
बाहर
आए
छात्र-छात्राओं
में
जहां
एक
ओर
एग्जाम
शुरू
होने
की
खुशी
थी,
तो
वहीं
दूसरी
ओर
अपनी
डिग्री
के
तीन साल
लेट
होने
और
सरकारी
वैकेंसी
भरने
की
समय
सीमा
से
इतना
ही
दूर
होने
की
निराशा
भी
थी।

बता
दें
कि
प्रदेश
में
हुए
नर्सिंग
कॉलेज
घोटाले
के
बाद
इसको
लेकर
मध्यप्रदेश
हाईकोर्ट
में
एक
याचिका
लगाई
गई
थी,
जिसके
चलते
हाईकोर्ट
के
निर्देश
पर
इसकी
जांच
सीबीआई
के
द्वारा
की
जा
रही
थी। सीबीआई
की
अलग-अलग
टीमों
ने
लगातार
प्रदेश
के
कई
जिलों
में
स्थित
नर्सिंग
कॉलेज
में
छापेमारी
भी
की
थी।


सरकारी
वैकेंसी
मिलने
में
आएगी
परेशानी

वहीं,
एग्जाम
देने
आई
छात्रा
रुचिका
तिरोले
ने
बताया
कि
इतने
टाइम
बाद
एग्जाम
हो
रहा
है,
तो
उससे
हमारे
समय
की
खराबी
हुई
है।
और
हमें
जो
डिग्री
2024
में
मिलने
वाली
थी,
वह
बहुत
आगे
बढ़
जाएगी।
अभी
हमारी
फर्स्ट
ईयर
की
एग्जाम
हुई
है,
इस
हिसाब
से
हमारी
पढ़ाई
और
भी
लंबी
हो
जाएगी,
जिससे
डिग्री
मिलने
में
और
समय
लगेगा। जो
गवर्नमेंट
वैकेंसी
है,
उसके
लिए
हम
एलिजिबल
नहीं
रह
पाएंगे और
इतने
समय
तक
एग्जाम
नहीं
होने
से
मेंटली
प्रेशर
के
साथ
ही
डिस्टरबेंस
भी
हुआ
है।
अब
गवर्नमेंट
से
हमारी
यही
मांग
रहेगी
कि
जल्द
से
जल्द
हमारी
एग्जाम
कंडक्ट
कराई
जाए और
हमें
जल्दी
डिग्री
देकर
आने
वाली
वैकेंसी
के
लिए
एलिजिबल
करें।


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दो
सिलेबस
एक
साथ
पढ़ने
में
होती
है
प्रॉब्लम

खंडवा
में
एग्जाम
देने
आयी
मां
विजयलक्ष्मी
कॉलेज
की
छात्रा
अंकिता
साकले
ने
बताया
कि
एग्जाम
लेट
होने
से
हमारा
बहुत
नुकसान
हुआ
है,
और
यूनिवर्सिटी
ने
पूरा
तीन साल
डिले
कर
दिया
है, जिसके
कारण
हमारे
फ्यूचर
सिक्योरिटीज
और
गवर्नमेंट
जॉब
की
प्लानिंग
बिगड़
चुकी
है। बीच
में
प्रॉपर
पढ़ाई

होने
के
चलते
हमारा
मन
भी
अभी
डिस्टर्ब
हो
चुका
है।
क्योंकि
एग्जाम
न होने
का
टेंशन,
कॉलेज
को
फीस
भरने
का
टेंशन और
कई
बार
एग्जाम
भी
पोस्टपोन
हो
चुकी
है,
जिसमें
हम
रात-रात
भर
जागकर
पढ़ाई
करते
थे,
उससे
हमारी
हेल्थ
पर
भी
असर
पड़ा
है,
और
अब
हम
थर्ड
ईयर
का
सिलेबस
पढ़
चुके
हैं।
ऐसे
में
एग्जाम
के
चलते
वापस
से
फर्स्ट
ईयर
का
सिलेबस
रिपीट
करने
से
दोनों
सिलेबस
एक
साथ
पढ़ने
में
बहुत
प्रॉब्लम
हो
जाती
है।


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पांच
कॉलेजों
के
224
बच्चे
दे
रहे
एग्जाम

वहीं,
खंडवा
मेडिकल
कॉलेज
के
एनाटॉमी
विभाग
के
डॉक्टर
विनीत
गोहिया
ने
बताया
कि
मध्यप्रदेश
मेडिकल
साइंस
यूनिवर्सिटी
का
नर्सिंग
का
एग्जाम
हो
रहा
है,
जिसमें
224
बच्चे
बैठ
रहे
हैं,
और
इसमें
खंडवा
के
पांच
नर्सिंग
कॉलेज
हैं।
और
जितने
भी
एमपीएमएसयू
के
एग्जाम
होते
हैं,
उनका
सेंटर
गवर्नमेंट
कॉलेज
को
ही
बनाया
जाता
है। लंबे
समय
बाद
यूनिवर्सिटी
का
एग्जाम
हो
रहा
है,
इसमें
हमारे
यहां
पूरी
व्यवस्था
है और
सीसीटीवी
कैमरा
वगैरह
से
नजर
रखते
हुए
एग्जाम
कराई
जाती
है। साथ
ही
यूनिवर्सिटी
से
आने
वाले
इनविजीलेटर
भी
इस
प्रक्रिया
पर
नजर
रखते
हैं।