एमपी
के
सीएम
डॉ.
मोहन
यादव
और
राजस्थान
के
सीएम
भजनलाल
शर्मा
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
वॉट्सऐप
चैनल
फॉलो
करें
20
साल
बाद
पार्वती-कालीसिंध-चंबल
लिंक
राष्ट्रीय
परियोजना
को
आगे
बढ़ाने
की
कवायद
शुरू
हो
गई
है।
इसको
लेकर
भोपाल
के
कुशाभाऊ
ठाकरे
सभागार
में
पार्वती-कालीसिंध-चंबल
अंतरराज्यीय
नदी
लिंक
परियोजना
के
क्रियान्वयन
की
संयुक्त
पहल
का
कार्यक्रम
आयोजित
किया
गया।
इसमें
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
और
राजस्थान
के
मुख्यमंत्री
भजन
लाल
शर्मा
के
बीच
मध्य
प्रदेश
और
राजस्थान
ने
डीपीआर
तैयार
करने
के
लिए
एमओयू
किया
है।
परियोजना
में
तीन
नदियों
को
जोड़ने
पर
कुल
72
हजार
करोड़
रुपये
का
खर्च
आएगा।
इसमें
मध्य
प्रदेश
का
हिस्सा
35
हजार
करोड़
और
राजस्थान
का
37
हजार
करोड़
रुपये
है।
परियोजना
के
पूरा
होने
पर
कुल
6.17
लाख
हेक्टेयर
भूमि
की
सिंचाई
होगी।
इससे
मध्य
प्रदेश
और
राजस्थान
के
लाखों
किसानों
को
फायदा
होगा।
इसमें
प्रदेश
के
30
लाख
किसान
परिवारों
को
लाभ
मिलेगा।
वहीं,
परियोजना
के
अंतर्गत
मध्य
प्रदेश
में
कुल
17
बैराज
बनाए
जाएंगे। यह
इंदौर,
उज्जैन,
धार,
गुना,
शिवपुर,
शिवपुरी,
ग्वालियर,
भिंड,
शाजापुर
और
आगर
मालवा
में
बनेंगे। इंदौर
में
बांध
बनने
से
12
हजार
हेक्टेयर
भूमि
की
सिंचाई
होगी।
उज्जैन
में
65
हजार,
धार
में
10
हजार,
आगर
मालवा
में
4,
शाजापुर
में
46,
शिवपुरी
95
हजार,
श्योपुर
में
25
हजार,
गुना-ग्वालियर-भिंड
में
80
हजार
हेक्टेयर
भूमि
में
सिंचाई
होगी।
नौ
जिलों
में
पेयजल
व्यवस्था
होगी
इसके
साथ
ही
इस
परियोजना
से
पेयजल
की
भी
व्यवस्था
की
जाएगी।
प्रदेश
के
कुल
9
जिलों
में
323
मिलियन
घनमीटर
पीने
के
पानी
की
व्यवस्था
होगी।
इनमें
इंदौर,
उज्जैन,
धार,
गुना,
श्योपुर,
शिवपुरी,
ग्वालियर,
भिंड
और
शाजापुर
जिले
शामिल
हैं।
इसके
साथ
ही
इस
परियोजना
से
चार
जिलों
में
उद्योगों
के
लिए
भी
पानी
की
व्यवस्था
की
जाएगी।
इसमें
उज्जैन,
देवास,
शाजापुर
और
आगर
मालवा
शामिल
हैं।
कुल
30
मिलियन
घनमीटर
पानी
की
व्यवस्था
होगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
राजस्थान
में
छह
बैराज
बनेंगे
वहीं,
राजस्थान
में
कूल
नदी,
पार्वती
नदी,
कालीसिंध
नदी,
मेज
नदी
पर
एक-एक
और
बनास
नदी
पर
दो
मिलाकर
कुल
6
बैराज
बनेंगे।
2.80
लाख
हेक्टेयर
जमीन
की
सिंचाई
क्षमता
में
वृद्धि
होगी।
इसके
साथ
ही
इस
परियोजना
के
लिए
ईसारदा
बांध
और
26
अन्य
बांधों
का
नवीनीकरण
और
एकीकरण
किया
जाएगा।
17
बैरोज/
बांध
बनेंगे
एमपी
में
श्रीमंत
माधवराव
सिंधिया
सिंचाई
कॉम्पलेक्स
में
चार
बांध
और
दो
बैराज
का
निर्माण
होगा।
दूसरा
कुंभराज
कॉम्पलेक्स
में
दो
बांध
बनेंगे।
रजीगत
सागर
बैराज,
लखुंदर
बैरोज,
ऊपरी
चंबल
कछार
में
सात
बांध
बनेंगे।
एमपी
में
कुल
17
बांध
और
बैरोज
बनने
हैं।
2004
में
प्रस्तावित
हुई
थी
परियोजना
पार्वती-कालीसिंध-चंबल
लिंक
राष्ट्रीय
परियोजना
मध्य
प्रदेश
और
राजस्थान
के
बीच
2004
में
प्रस्तावित
हुई
थी,
लेकिन
दोनों
सरकारों
के
बीच
पानी
के
बंटवारे
को
लेकर
सहमति
नहीं
बन
पाई।
इसके
बाद
यह
योजना
ठंडे
बस्ते
में
चली
गई।
अब
मध्य
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
और
राजस्थान
के
मुख्यमंत्री
भजन
लाल
के
बीच
रविवार
को
परियोजना
को
लेकर
नए
सिरे
एमओयू
हुआ
है।
रामपथ
की
तरह
बनेगा
कृष्ण
पथ
मुख्यमंत्री
भजन
लाल
शर्मा
ने
कहा
कि
इस
योजना
से
दोनों
प्रदेशों
को
लाभ
होगा
साथ
ही
आपसी
रिश्ते
भी
सुदृढ़
होंगे।
इसके
अतिरिक्त
कुछ
योजनाएं
मध्यप्रदेश
और
राजस्थान
दोनों
मिलकर
आगे
बढ़ा
सकते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
भगवान
श्रीकृष्ण
राजस्थान
में
भी
आए
थे।
मध्य
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
कृष्ण
पथ
बनाने
का
प्रस्ताव
दिया
है।
भगवान
उज्जैन
के
सांदीपनि
आश्रम
में
शिक्षा
ग्रहण
करने
आए
थे।
खाटू
श्याम
से
महाकाल
तक
कॉरिडोर
राजस्थान
और
मध्यप्र
देश
के
अंदर
खाटू
श्याम
से
महाकाल
तक
कॉरीडोर
बनाने
के
प्रयास
होंगे।
इससे
राजस्थान-
मध्यप्रदेश
के
अंदर
पर्यटक
और
श्रद्धालुओं
की
संख्या
बढ़ेगी।
स्थापत्य
कला
को
भी
देखने
का
अवसर
मिलेगा।
मुख्यमंत्री
शर्मा
ने
कहा
कि
कृषि
के
क्षेत्र
में
श्रीअन्न
(मोटा
अनाज)
को
बढ़ावा
देने
के
प्रयास
होंगे।
इन
योजनाओं
से
जल
का
स्तर
बढ़ेगा।
किसानों
को
लाभ
पहुंचेगा।
पीने
का
पानी
भी
नागरिकों
को
मिलेगा।
रणथंभोर
से
टाइगर
मध्य
प्रदेश
आ
जाते
हैं।
इसी
तरह
मध्य
प्रदेश
से
चीते
राजस्थान
के
बारां
जिले
पहुंच
जाते
हैं।
वन्य-प्राणियों
के
संरक्षण
और
पर्यटन
के
लिए
योजना
बनाई
जाएगी।
आज
का
दिन
मप्र
के
इतिहास
में
स्वर्णिम
अक्षरों
में
लिखा
जाएगा
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
कहा
कि
आज
का
दिन
मध्य
प्रदेश
के
इतिहास
में
स्वर्णिम
अक्षरों
में
लिखा
जाएगा।
यह
नवाचार
भी
है
साथ
ही
हमारे
देश
की
संघीय
भावना
का
प्रकटीकरण
भी
है।
हम
छोटे
छोटे
मुद्दों
को
लेकर
20
साल
तक
उलझे
रहे।
अब
देश
हित
से
बढ़ा
कोई
हित
नहीं
हो
सकता।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
सोच
रही
है
कि
राज्य
अपने
मसलों
को
सुलझाएं।
28
जनवरी
को
हमने
राजस्थान
के
मुख्यमंत्री
से
मुलाकात
की
थी।
इस
दौरान
तीनों
नदियों
के
जल
के
उपयोग
को
लेकर
चर्चा
की।
इससे
पहले
हम
लोग
केंद्रीय
जल
शक्ति
मंत्री
से
मिले
थे।
फिर
हम
दोनों
ने
बैठ
कर
इस
परियोजना
पर
आगे
निर्णय
किया
है।
इस
मुद्दे
पर
राजस्थान
के
सीएम
ने
कहा
कि
हम
दोनों
राज्य
मिलकर
आगे
बढ़ेंगे।
अफीम
की
खेती
का
लाभ
किसानों
को
दिलाने
के
लिए
संयुक्त
प्रयास
किए
जाएंगे।
मुख्यमंत्री
डॉ.यादव
ने
कहा
कि
वन्य
जीवों
की
सुरक्षा
दोनों
राज्य
मिलकर
करेंगे।
पर्यटन
और
रोजगार
आधारित
उद्योगों
को
बढ़ावा
दिया
जाएगा।
राजस्थान
एवं
मध्यप्रदेश
के
मध्य
सहयोग
के
बिंदु
–
पर्यटन
क्षेत्रों
का
संयुक्त
विकास।
-श्री
कृष्ण
पाथेय
कृष्ण
गमन
पथ
निर्माण।
-खाटू-श्याम
जी,
नाथद्वारा,
उज्जैन,
ओंकारेश्वर
के
मध्य
वंदे
भारत
ट्रेन/
इलेक्ट्रिक
बस
का
संचालन
किया
जाए।
–
राजस्थान
मध्यप्रदेश
की
खनन
नीति
को
अपना
कर
राजस्व
में
वृद्धि
कर
सकता
है।
–
बजरी
का
प्रयोग
बंद
कर
स्टोन
डस्ट
और
एम
सैंड
के
उपयोग
को
बढ़ावा।
–
आयुर्वेद/आयुष/
पंचकर्म
पर्यटन
को
बढ़ावा
देने
के
संयुक्त
प्रयास।
–
मध्य
प्रदेश
पर्यटन
की
होटल
आऊटसोर्सिंग
पॉलिसी
को
राजस्थान
अपना
सकता
है।
–
अफीम/डोडा
चूरा
से
जुड़े
अपराधियों
का
डेटा
बेस
साझा
किया
जाए
एवं
नीलामी
पॉलिसी
में
एकरूपता
लाई
जाए।
–
दोनों
राज्यों
की
सीमा
पर
स्थित
मेडिकल
कॉलेज
की
स्थिति/
दूरी
का
युक्ति
युक्तकरण
किया
जाए।
–
कूनो
से
लगे
राजस्थान
के
वन
क्षेत्रों
को
मिलाकर
एक
संयुक्त
बड़ा
राष्ट्रीय
पार्क
बनाया
जाए।