MP News: भोपाल में लगे ईरान के लीडर खामेनेई के पोस्टर, डेरे के इमाम बोले- यह कोई उत्सव नहीं, वैचारिक संदेश है


भोपाल
रेलवे
स्टेशन
के
पास
प्लेटफॉर्म
नंबर-6
के
नजदीक
स्थित
ईरानी
डेरे
में
इस
बार
मोहर्रम
के
मौके
पर
अलग
नजारा
देखने
को
मिला।
डेरे
की
दीवारों
पर
ईरान
के
धार्मिक
और
सैन्य
नेताओं
के
बड़े-बड़े
पोस्टर
लगाए
गए
हैं।
इनमें
आयतुल्ला
अली
खामेनेई,
अली
अल
सिस्तानी,
जनरल
मोहम्मद
बाघेरी,
कासिम
सुलेमानी
और
अयातुल्ला
खोमैनी
जैसे
नाम
शामिल
हैं।
खास
बात
यह
रही
कि
एक
पोस्टर
में
खामेनेई
की
तस्वीर
भारतीय
तिरंगे
के
नीचे
लगी
हुई
दिखाई
दी। फतेहपुर
से
भोपाल
आए
ईरानी
डेरे
के
इमाम
शाहकार
हुसैन
ने
बताया
कि
हर
साल
पोस्टर
लगाए
जाते
हैं,
लेकिन
इस
बार
इनकी
संख्या
ज्यादा
है।
इसकी
वजह
उन्होंने
हाल
ही
में
ईरान
और
इजराइल
के
बीच
हुआ
संघर्ष
बताया।
उनका
कहना
है
कि
ईरान
ने
इजराइल
को
करारा
जवाब
दिया
और
उसी
के
सम्मान
में
यह
संदेशात्मक
प्रदर्शन
किया
गया
है।


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इमाम
शाहकार
हुसैन
ने
साफ
कहा
कि
यह
कोई
उत्सव
नहीं,
बल्कि
एक
वैचारिक
प्रदर्शन
है।
उन्होंने
कहा
कि
मोहर्रम
अन्याय
के
खिलाफ
संघर्ष
का
प्रतीक
है,
और
इस
वर्ष
इसे
दुनिया
के
सामने
रखने
की
जरूरत
थी।
“हमने
इमाम
हुसैन
से
सीखा
है
कि
जुल्म
के
आगे
सिर
नहीं
झुकाते,”
उन्होंने
कहा।
शाहकार
हुसैन
ने
भारत
के
संतुलित
दृष्टिकोण
की
सराहना
की
और
बताया
कि
ईरानी
कल्चरल
हाउस
ने
भारत
की
जनता
के
समर्थन
के
लिए
धन्यवाद
पत्र
भेजा
है।
उन्होंने
कहा
कि
भारत
का
रुख
जंग
के
खिलाफ
और
शांति
के
पक्ष
में
रहा
है,
जो
सराहनीय
है।

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हटाया

 
डेरे
में
लगाए
गए
बैनरों
में
महात्मा
गांधी
का
एक
उद्धरण
भी
छपा
है,
जिसमें
कहा
गया
है
कि
“मोहर्रम
केवल
पर्व
नहीं,
बल्कि
आतंकवाद
के
खिलाफ
विरोध
है।”
इन
बैनरों
के
साथ
भारतीय
तिरंगा
और
काले
झंडे
भी
लगाए
गए
हैं।
तिरंगे
के
साथ
ईरानी
नेताओं
के
पोस्टर
लगाए
जाने
पर
मोहम्मद
अली
नामक
युवक
ने
कहा,
“हम
भारत
के
हैं,
इसी
मिट्टी
में
पले-बढ़े
हैं।
देश
के
लिए
जान
देने
से
भी
पीछे
नहीं
हटेंगे।
तिरंगा
इसलिए
लगाया
है
ताकि
यह
संदेश
जाए
कि
हमारी
आस्था
में
कोई
विरोध
नहीं,
बल्कि
समरसता
है।”

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