
रात
में
लाइट
से
जगमगा
रहे
खेत
विस्तार
दमोह
जिले
के
जबेरा
ब्लाक
के
ग्राम
पंचायत
खैरी
सिंगोरगढ़
का
पड़रिया
धोबन
गांव
मध्यप्रदेश
का
सबसे
स्मार्ट
गांव
है।
अब
यह
ग्रामीण
पर्यटन
और
आनंद
ग्राम
के
रूप
में
भी
अपनी
पहचान
बनाने
जा
रहा
है।
यहां
पर
होम
स्टे
बनाने
के
लिए
जिला
प्रशासन
एमपी
टूरिज्म
को
प्रस्ताव
भेज
चुका
है।
इससे
गांव
में
रोजगार
का
रास्ता
खुलेगा
और
पर्यटक
गांव
में
रात
को
रूक
सकेंगे।
बता
दें
जब
से
यह
क्षेत्र
रानी
दुर्गावती
अभयारण्य
में
आया
है।
पर्यटन
के
नक्शे
पर
आ
गया
है।
इसे
मध्यप्रदेश
के
आनंदम
विभाग
ने
आनंद
ग्राम
भी
घोषित
किया
है।
गांव
के
युवाओं
को
भोपाल
में
प्रशिक्षण
देकर
स्थानीय
स्तर
पर
गांव
की
समस्याओं
का
समाधान
करने
और
ग्रामीणों
को
तनाव
मुक्त
रखने
के
लिए
योग
कक्षाएं
चलाने
का
प्रशिक्षण
दिया
था।
यह
गांव
अब
पर्यटन
के
क्षेत्र
में
पहचान
बनाने
जा
रहा
है।
कलेक्टर
सुधीर
कुमार
कोचर
ने
भी
गांव
का
भ्रमण
किया
और
यहां
की
व्यवस्थाएं
देखकर
काफी
प्रसन्न
हुए।
इससे
पहले
एमपी
टूरिज्म
की
टीम
ने
भी
गांव
देखा
था।
जिसके
बाद
यहां
पर
होम
स्टे
बनाने
का
प्रस्ताव
शासन
को
भेजा
था।
कलेक्टर
सुधीर
कुमार
कोचर
ने
बताया
कि
गांव
का
भ्रमण
किया
था।
एमपी
टूरिज्म
को
प्रस्ताव
पहले
भेजा
जा
चुका
है।
सीसीटीवी
से
होती
है
निगरानी
पड़रिया
थोबन
गांव
की
खास
बात
यह
है
कि
इसकी
निगरानी
सीसीटीवी
कैमरे
से
होती
है।
सार्वजनिक
स्थलों
पर
कचरा
नहीं
डाला
जा
सकता,
चोरी
नहीं
हो
सकती
और
किसी
तरह
का
कोई
गलत
काम
होने
पर
तुरंत
पब्लिक
एड्रेसिंग
सिस्टम
से
टोक
दिया
जाता
है।
गांव
के
अनुज
वाजपेयी
ने
बताया
कि
अमेरिका
के
एक
समूह
ने
गांव
को
स्मार्ट
बनाने
के
लिए
कैमरे
और
सिस्टम
लगवाए
थे।
समय-समय
पर
समूह
के
सदस्य
गांव
आते
हैं
और
निगरानी
करते
हैं।
यहीं
कारण
है
कि
यहां
पर
आपसी
बुराई
नहीं
होती।
अपराध
पर
अंकुश
रहता
है।
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विज्ञापन
अब
तक
मिली
यह
उपलब्धियां
स्मार्ट
गांव
बनने
के
बाद
अब
तक
गांव
में
8
उपलब्धियां
जुड़
चुकी
हैं।
यहां
पर
50
घरों
के
सामने
डस्टबिन
रखे
हैं
जिनसे
कचरा
का
कलेक्शन
होता
है,
इसी
तरह
नवजात
और
छोटे
बच्चों
के
लिए
मिनी
आंगनबाड़ी
केंद्र,
गांव
की
सार्वजनिक
सड़क
और
बस्ती
में
100
पेड़
लगाए
गए
हैं।
शिक्षा
के
लिए
प्राइमरी
स्कूल
और
इसी
साल
आनंद
ग्राम
भी
घोषित
कर
दिया
गया
है।
अमृत
और
स्मार्ट
क्लास
के
माध्यम
से
बच्चों
को
कोचिंग
दी
जाती
है।
घर-घर
पीने
का
पानी
पहुंचाने
के
लिए
पाइप
लाइन
भी
बिछ
गई
है।
सड़कों
पर
स्ट्रीट
लाइटें
लगी
हैं।
अभी
हाल
ही
में
देव्य
हेल्थ
केयर
सेंटर
भी
एक
परिवार
ने
निशुल्क
खोला
है।
जिसमें
ग्रामीणों
के
स्वास्थय
की
जांच
होती
है
और
दवाएं
भी
दी
जाती
हैं।
वाजपेयी
ने
बताया
कि
टूरिज्म
का
प्रस्ताव
मंजूर
होने
पर
गांव
में
ग्रामीण
पर्यटन
की
संभावना
बढ़
जाएगी।
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इस
तरह
हुई
गांव
को
स्मार्ट
बनाने
की
पहल
2019
में
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
से
प्रेरित
होकर
अमेरिका
निवासी
रजनीश
वाजपेई
और
मुंबई
निवासी
योगेश
साहू
ने
इसे
स्मार्ट
गांव
फाउंडेशन
से
जोड़ा।
दोनों
ने
फांउडेशन
की
मदद
से
गांव
में
आठ
कैमरे,
आठ
एड्रेसिंग
सिस्टम,
स्ट्रीट
लाइट,
सोलर
लाइटें
लगवाई।
यहां
तक
कि
गांव
की
दीवारों
पर
पेटिंग
और
आंगनवाड़ी
केंद्रों
में
बच्चों
को
पढ़ाने
के
लिए
पाठ्य
सामग्री
तक
उपलब्ध
कराई।
गांव
के
प्राइमरी
स्कूल
में
स्मार्ट
टीवी
लगाई
गई
है।
यहां
पर
गांव
के
एक-एक
मकान
और
उसके
लोगों
का
डेटा
वेबसाइट
पर
उपलब्ध
है।
यही
नहीं
गांव
का
पूरा
नक्शा
अलग
से
तैयार
करवाया
गया
है।
गांव
के
तालाब,
गोचर
भूमि,
कृषि
योग्य
जमीन,
नहर,
सड़कें
एवं
घर
किसका
है
यह
सभी
जानकारी
सिर्फ
एक
लिंक
से
प्राप्त
की
जा
सकती
है।
हर
परिवार
का
डेटा
फीड
किया
जा
रहा
है,
जो
एक
क्लिक
पर
उपलब्ध
होगा।
दुनिया
के
किसी
भी
कोने
से
गांव
के
किसी
भी
व्यक्ति
से
संपर्क
किया
जा
सकता
है।
रजनीश
बाजपेई
ने
बताया
उनके
एक
दोस्त
सत्येंद्र
सिंह
जबेरा
के
रहने
वाले
हैं।
उनसे
संपर्क
करने
पर
इस
गांव
के
बारे
में
जानकारी
लगी।
सेटेलाइट
से
पूरे
गांव
की
निगरानी
की
और
उसके
बाद
गांव
का
रि-डेवलपमेंट
प्लान
तैयार
करवाया।
यहां
के
पब्लिक
एड्रेस
सिस्टम
की
विशेषता
यह
है
कि
गांव
में
हों
या
कहीं
और
इंटरनेट
के
माध्यम
से
सीधे
ग्रामीणों
के
साथ
बातचीत
कर
सकते
हैं।
यहां
पर
स्मार्ट
क्लासरूम
सहित
अनेक
सुविधाएं
बहुत
ही
कम
समय
में
सुनिश्चित
हुई
हैं।
गांव
के
अधिकांश
लोग
हैं
पड़े
लिखे
पड़रिया
थोवन
गांव
शिक्षा
के
क्षेत्र
में
भी
काफी
आगे
है।
गांव
में
करीब
40
परिवार
रहते
हैं,
जिसमें
350
के
करीब
सदस्य
हैं।
यहां
के
रहने
वाले
लोगों
में
कोई
एमबीए
है
तो
कोई
एयर
फोर्स,
पुलिस,
बिजली
कंपनी
और
बैंकिंग
जैसे
सेक्टर
में
काम
करता
है।
गांव
का
कोई
भी
व्यक्ति
नशा
नहीं
करता,
क्योंकि
नशा
करने
वाले
पर
पूरा
गांव
नजर
रखता
है।
गांव
के
प्रत्येक
व्यक्ति
का
डेटा
वेबसाइट
पर
उपलब्ध
है।