भोपाल
का
मौसम
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मध्य
प्रदेश
में
बारिश
में
थोड़ा
कमी
आई
है।
कुछ
जिलों
में
हल्की
बारिश
दर्ज
की
गई
वहीं
राजधानी
भोपाल
में
दिन
भर
धूप
खिली
रही
हालांकि
सोमवार
सुबह
से
प्रदेश
के
अधिकतर
जिलों
में
धूप
खिली
रही।
कुछ
जिलों
में
बारिश
हुई।
इधर
एक
दिन
पहले
बारिश
होने
से
सुबह
भोपाल
के
भदभदा
और
कलियासोत
डैम
के
1-1
गेट
खोले
गए।
सुबह
साढ़े
9
बजे
भदभदा
डैम
का
एक
गेट
खोला
गया।
फिर
कलियासोत
डैम
का
गेट
खुला।
जानकारी
के
लिए
बतादें
कि
इस
सीजन
में
भदभदा
डैम
के
गेट
10वीं
बार
खुले
हैं।
वहीं,
कलियासोत
डैम
के
गेट
14
बार
खोले
जा
चुके
हैं।
भोपाल
के
पास
कोलार
डैम
भी
पानी
का
लेवल
फुल
टैंक
लेवल
पर
पहुंच
गया
है।
केरवा
भी
फुल
भर
चुका
है।
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जाने
क्यों
है
ऐसा
मौसम
मौसम
वैज्ञानिक
वेद
प्रकाश
के
अनुसार
वर्तमान
में
उत्तर-पश्चिमी
एमपी
पर
हवा
के
ऊपरी
भाग
में
एक
चक्रवात
बना
हुआ
है।
अरब
सागर
से
लेकर
बिहार
तक
एक
द्रोणिका
बनी
हुई
है,
जो
उत्तर-पश्चिमी
एमपी
से
होकर
गुजर
रही
है।
पाकिस्तान
के
पास
एक
पश्चिमी
विक्षोभ
द्रोणिका
के
रूप
में
बना
हुआ
है।सितंबर
अंत
से
प्रदेश
में
अब
बारिश
की
गतिविधियों
में
कमी
आना
शुरू
होगी।
हालांकि
हवाओं
के
साथ
अरब
सागर
से
कुछ
नमी
आ
रही
है,
जिसके
चलते
आंशिक
बादल
छाने
के
साथ
कहीं-कहीं
हल्की
बारिश
भी
हो
सकती
है।अक्टूबर
के
दूसरे
हफ्ते
में
तापमान
में
गिरावट
आने
से
गुलाबी
ठंड
का
अहसास
होने
लगेगा।
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जाने
अब
तक
कहां
कितनी
हुई
वर्षा
प्रदेश
में
1
जून
से
शुरू
हुए
मानसूनी
सीजन
से
लेकर
अब
तक
प्रदेश
में
औसत
से
18%
अधिक
बारिश
हो
चुकी
है।
महज
रीवा
जिले
को
छोड़कर
सभी
जिलों
में
बारिश
सामान्य
हुई।
इस
सीजन
में
रीवा
में
कुल
738.9
मिमी
बारिश
हुई,
जो
सामान्य
बारिश
(984.6
मिमी.)
की
तुलना
में
25
प्रतिशत
कम
है।
पूर्वी
मध्य
प्रदेश
में
औसत
से
13%
अधिक,
जबकि
पश्चिमी
मध्य
प्रदेश
औसत
से
19%
ज्यादा
पानी
बरस
चुका
है।राज्य
में
आमतौर
पर
1
जून
से
30
सितंबर
तक
949.5
मिमी
औसत
वार्षिक
वर्षा
दर्ज
की
जाती
है,
लेकिन
इस
साल
इस
अवधि
के
दौरान
1092
मिमी
बारिश
हुई।