Gwalior News: सौरभ शर्मा के ‘खास’ पर कसेगा शिकंजा, इंस्पेक्टर समेत चार आरक्षकों को लोकायुक्त ने किया तलब

मध्य
प्रदेश
के
बहुचर्चित
आरटीओ के
पूर्व
आरक्षक
सौरभ
शर्मा
से
मिली
अकूत
सम्पत्ति
के
मामले
में
भले
ही
उसके
परिजनों
को
कोर्ट
से
जमानत
की
राहत
मिल
गई
हो,
लेकिन
अब
लोकायुक्त
की
राडार
पर
सौरभ
के
करीबी
भी

रहे
हैं।
लोकायुक्त
ने
प्रदेश
के
विभिन्न
RTO
चेक
पोस्टों
पर
तैनात
रहे
एक
इंस्पेक्टर
और
चार
आरक्षकों
को
नोटिस
भेजकर
इस
मामले
मे
पूछताछ
के
लिए
तलब
किया
है।

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काटकर
734
चेक
ही
ले
गया
चोर,
पुलिस
तलाश
रही
वजह

लोकायुक्त
भोपाल
के
जांच
अधिकारी
डीएसपी
वीरेंद्र
सिंह
ने
परिवहन
विभाग
जरिये
सौरभ
शर्मा
मामले
में
परिवहन
विभाग
के
इंस्पेक्टर
किशोर
सिंह
बघेल,
सेवानिवृत्त
इंस्पेक्टर
वीरेश
कुमार,
तुमराम
सहित
चार
आरक्षकों
को
नोटिस
भेजकर
पूछताछ
के
लिए
बुलाया
है।
सौरभ
शर्मा
के
नजदीकी
कहे
जाने
परिवहन
आरक्षकों
में
गौरव
पाराशर,
हेमंत
जाटव,
धनंजय
चौबे,
नरेंद्र
सिंह
भदौरिया
को
भी
लोकायुक्त
ने
नोटिस
जारी
किए
हैं।
इस
नोटिस
में
कहा
गया
है कि
सौरभ
शर्मा
प्रकरण
में
जांच
के
दौरान
यह
तथ्य
प्रकाश
मे
आया
है कि
आपसे
तथ्यों
के
सम्बन्ध
और
परिस्थितियों
को
सुनिश्चित
करने
के
लिए
प्रश्न
पूछने
के
युक्तियुक्त
आधार
हैं।
अत:
आप एक
मई
को
सुबह
11
बजे
मेरे
समक्ष
उपस्थित
हों। 

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में
दिग्विजय
सिंह
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बोले-पार्टी
कार्यक्रमों
में
कभी
मंच
पर
नहीं
बैठूंगा

बता
दें
कि जानकारी
के
अनुसार
18
दिसंबर
2024
को
परिवहन
विभाग
के
पूर्व
आरक्षक
सौरभ
शर्मा
और
उसके
बिजनेस
पार्टनर

राजदार
चेतन
सिंह
गौर
और
शरद
जायसवाल
के
निवास,
कार्यालय
और
ठिकानों
पर
लोकायुक्त
पुलिस
ने
एक
साथ
छापेमारी
की
थी।
छापेमारी
में
परिवहन
विभाग
से
की
गई
करोड़ों
की
काली
कमाई
का
खुलासा
हुआ
था।
भ्रष्टाचार
का
प्रकरण
दर्ज
कर
लोकायुक्त
मामले
की
जांच
कर
रही
है।
इस
मामले
में
19-20
दिसंबर
की
दरमियानी
देर
रात
भोपाल
के
मेंडोरी
के
जंगल
में
आयकर
विभाग
ने
चेतन
सिंह
गौर
की
लावारिस
हालत
में
खड़ी
इनोवा
से
52
किलोग्राम
से
अधिक
सोना
और
करीब
ग्यारह
करोड़
नकदी
जब्त
की
थी।
इसके
बाद
27
दिसंबर
को
तीनों
के
खिलाफ
घर,
निवास
और
ठिकानों
सहित
ग्वालियर
और
जबलपुर
स्थित
रिश्तेदारों

करीबियों
के
यहां
प्रवर्तन
निदेशालय
ने
छापेमारी
की
थी।
छापेमारी
में
करोड़ों
की
संपत्ति
का
खुलासा
हुआ
था।
प्रवर्तन
निदेशालय
ये
हवाला
और
सेल
कंपनियां
बनाकर
करोड़ों
की
काली
कमाई
को
एक
नंबर
करने
का
मामला
बनाकर
आठ
अप्रैल
को
विशेष
न्यायालय
में
चालान
प्रस्तुत
कर
दिया
है।
ईडी
103
करोड़
से
अधिक
संपत्ति
सौरभ
और
उससे
जुड़े
लोगों

कंपनियों
की
अब
तक
जब्त
कर
चुकी
है।