मकर
संक्रांति
पर्व
पर
महाकाल
का
भस्म
आरती
शृंगार
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
विश्व
प्रसिद्ध
श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
में
प्रत्येक
तीज
त्यौहार
हर्षोल्लास
के
साथ
मनाए
जाते
हैं।
नववर्ष
हो,
रक्षाबंधन
हो
या
दीपावली
सबसे
पहले
बाबा
महाकाल
के
दरबार
से
ही
हर
उत्सव
की
शुरुआत
होती
है।
मकर
संक्रांति
पर
भी
प्रतिवर्ष
की
तरह
ही
इस
वर्ष
भी
मंदिर
में
विशेष
आयोजन
हुए।
माघ
कृष्ण
पक्ष
की
प्रथमा
तिथि
पर
मंगलवार
सुबह
4
बजे
होने
वाली
बाबा
महाकाल
की
भस्म
आरती
के
दौरान
बाबा
महाकाल
को
तिल
के
तेल
व
उबटन
से
स्नान
कराने
के
बाद
उन्हें
तिल्ली
के
लड्डुओं
का
भोग
लगाया
गया।
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महाकालेश्वर
मंदिर
के
पुजारी
पंडित
महेश
शर्मा
ने
मकर
संक्रांति
पर
होने
वाले
पूजन
अर्चन
की
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
भस्म
आरती
के
दौरान
होने
वाले
पंचामृत
स्नान
के
बाद
बाबा
को
तिल
का
तेल
चढ़ाकर
और
उबटन
लगाकर
स्नान
करवाया
गया।
इसके
बाद
बाबा
महाकाल
का
विशेष
पूजन-अर्चन
कर
उन्हें
तिल
से
बने
पकवानों
का
भोग
भी
लगा।
तिल
लक्ष्मी
व
सुख
समृद्धि
को
देने
वाली
होती
है।
इसीलिए
बाबा
महाकाल
को
इस
प्रकार
से
तिल
के
पकवानों
का
भोग
लगाया
गया।
आपने
बताया
कि
भगवान
को
श्वेत
और
काली
तिल
चढ़ाने
का
अलग-अलग
महत्व
है।
श्वेत
तिल
चढ़ाने
से
धन-धान्य
में
बरकत
रहती
है,
साथ
ही
सदैव
शांति
भी
बनी
रहती
है
ऐसी
मान्यता
है।
मकर
संक्रांति
पर्व
पर
महाकालेश्वर
मंदिर
में
जहां
बाबा
महाकाल
को
तिल
के
पकवानों
का
भोग
लगाया
गया।
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मां
शिप्रा
में
स्नान
कर
श्रद्धालुओं
ने
किया
दान
पुण्य
दान
पुण्य
के
लिए
मकर
संक्रांति
पर्व
को
सबसे
उत्तम
माना
जाता
है।
इस
दिन
श्रद्धालु
शिप्रा
तट
पर
पहुंचकर
मां
शिप्रा
में
डुबकी
लगाकर
हर-हर
शिप्रे
का
उद्घोष
करते
हैं
और
उसके
साथ
ही
देव
दर्शन
करने
के
बाद
दान
पुण्य
भी
करते
हैं।
रामघाट
पर
इस
स्नान
को
लेकर
कई
दिनों
से
विशेष
तैयारी
की
जा
रही
थी,
जिससे
अधिक
से
अधिक
धर्मालुजन
बिना
किसी
अव्यवस्था
के
घाट
पर
डुबकी
लगाकर
धर्मलाभ
अर्जित
कर
सकें।
आज
सुबह
हजारों
श्रद्धालुओं
ने
आस्था
की
डुबकी
लगाई।
पतंगबाजों
के
लिए
भी
खास
है
यह
त्योहार
मकर
संक्रांति
पर्व
जहां
आस्था
का
त्यौहार
है
वहीं
धार्मिक
नगरी
उज्जैन
में
इस
दिन
बड़ी
संख्या
में
शहरवासी
पतंग
भी
उड़ाते
हैं।
आज
सुबह
से
ही
घरों
की
छतों
पर
बड़ी
संख्या
में
पतंगबाज
नजर
आए
जो
की
दिनभर
पतंग
उड़ाकर
इस
त्यौहार
को
धूमधाम
से
मना
रहे
है।
इस
त्यौहार
को
लेकर
बाजारों
में
भी
खांसी
रंगत
दिखाई
दे
रही
है।
कुल
मिलाकर
मकर
संक्रांति
के
इस
पर्व
को
उत्साह,
उमंग
से
उज्जैन
मे
मनाया
जा
रहा
है।
विशेष
साज-सजा
से
जगमग
हुआ
दरबार
बाबा
महाकाल
की
नगरी
उज्जैन
में
हर
पर्व
बड़ी
ही
धूमधाम
के
साथ
में
बनाने
की
परंपरा
सदियों
से
चली
आई
है।
समय
समय
पर्व
व
त्योहारों
पर
महाकालेश्वर
मंदिर
की
साज-सज्जा
की
जाती
है।
मकर
संक्रांति
के
पावन
पर्व
पर
भी
महाकाल
मंदिर
मे
विशेष
साज-सजा
देखी
गई।