
मध्यप्रदेश
हाईकोर्ट,
जबलपुर
–
फोटो
:
सोशल
मीडिया
विस्तार
हाईकोर्ट
ने
सेवानिवृत्त
सहायक
शिक्षिका
को
8
फीसदी
ब्याज
के
साथ
सभी
सेवानिवृत्ति
देयकों
का
भुगतान
करने
के
निर्देश
दिये
हैं।
जस्टिस
संजय
द्विवेदी
की
एकलपीठ
ने
कहा
कि
यह
शिक्षा
विभाग
के
अधिकारियों
द्वारा
एक
सरकारी
कर्मचारी
के
उत्पीड़न
का
स्पष्ट
मामला
है।
सरकार
के
अधिकारी
अदालत
की
मंशा
नहीं
समझ
रहे
और
आदेश
का
पालन
नहीं
कर
रहे
हैं।
याचिकाकर्ता
2018
में
सेवानिवृत्त
हुई
है
और
उसे
अभी
तक
सेवानिवृत्ति
का
बकाया
नहीं
दिया
गया,
यह
बहुत
चिंताजनक
है।
न्यायालय
ने
मामले
में
संचालक
लोक
शिक्षण
को
निर्देशित
किया
कि
वह
संबंधित
दोषी
अधिकारी
के
खिलाफ
जांच
कर
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
करें।
इसके
साथ
ही
न्यायालय
ने
सरकार
पर
10
हजार
रुपए
की
कॉस्ट
लगाई
है।
शहडोल
निवासी
हमीदा
बेगम
की
ओर
से
यह
मामला
दायर
किया
गया
था।
जिसमें
कहा
गया
था
कि
वह
2018
में
सेवानिवृत्त
हो
चुकी
है।
इसके
बावजूद
उसे
सेवानिवृत्ति
लाभ
नहीं
दिया
गया।
याचिकाकर्ता
को
पहले
जून
1995
में
नियुक्ति
दी
गई,
लेकिन
अगस्त
1995
में
निरस्त
कर
दी
गई।
वर्ष
2008
में
कोर्ट
ने
वरिष्ठता
के
साथ
सेवा
में
बहाली
के
आदेश
दिये
थे।
इसके
बाद
याचिकाकर्ता
को
2008
से
2016
तक
के
वेतन
का
एरियर्स
दिया
गया,
जबकि
वो
2018
में
सेवानिवृत्त
हुई।
सुनवाई
पश्चात्
मामले
को
गंभीरता
से
लेते
हुए
न्यायालय
ने
सरकार
के
रवैये
को
जमकर
आड़े
हाथों
लेते
हुए
उक्त
निर्देश
दिये।