शहडोल
जिले
के
पकरिया
गांव
में
दो
वर्ष
पहले
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
दौरा
हुआ
था।
तब विकास
योजनाओं
पर
बात
हुई
थी।
गांववालों
को
उम्मीद
बंधी
थी
कि
सुविधाएं
जल्द
मिलेंगी।
पर
इसका
असर
अब
तक
नहीं
दिख
रहा
है।
गांव
के
लोगों
का
कहना
है
कि
यहां
बनी
पानी
की
टंकियों
में
पिछले
दो
वर्षों
से
एक
बूंद
भी
पानी
नहीं
भरा
गया
है।
सरकार
की
योजनाओं
के
बावजूद,
गांव
वाले
पानी
की
गंभीर
कमी
का
सामना
कर
रहे
हैं।
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गांव
के
चारों
टोले
में
पानी
की
टंकियां
बनाई
गई
थीं,
लेकिन
अब
तक
इनका
कोई
उपयोग
नहीं
हो
पाया
है।
सरपंच
गेंद
बाई
ने
बताया
कि
यह
हमारी
बड़ी
समस्या
है।
हम
पानी
के
लिए
तरस
रहे
हैं,
लेकिन
योजनाओं
का
कोई
असर
नहीं
है।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
कई
घरों
में
तो
नल
तक
नहीं
लगे
हैं
और
कुछ
जगहों
पर
पाइप
लाइन
खुली
पड़ी
है,
जो
समस्या
को
और
बढ़ा
रही
है।
सरपंच
ने
कहा
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
जब
गांव
आए
तो
तुरंत
तुरंत
सारी
व्यवस्थाएं
कर
दी
गई
थीं,
लेकिन
उसे
अब
देखने
वाला
कोई
नहीं
है
कि
वह
व्यवस्थाएं
सुचारू
रूप
से
चल
पा
रही
हैं
या
नहीं।
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टूटी
है
पाइप
लाइन
बुढ़ार
जनपद
पंचायत
के
सीईओ
संजीव
लघाटे
ने
इस
मामले
पर
प्रतिक्रिया
देते
हुए
कहा
कि
गांव
में
नल
योजना
का
काम
चल
रहा
है।
पानी
की
कमी
होने
पर
टैंकर
के
माध्यम
से
पानी
उपलब्ध
कराया
जाता
है।
यदि
लोगों
की
समस्या
है,
तो
हम
इस
बारे
में
जानकारी
लेकर
समाधान
करेंगे।
हालांकि,
यह
आश्वासन
तब
तक
मायने
नहीं
रखता
जब
तक
कि
लोगों
को
वास्तविकता
में
पानी
की
उपलब्धता
नहीं
होती।
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लाइन
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लग
रहे
किसान
पकरिया
गांव
के
कुछ
ग्रामीणों
ने
बताया
कि
उन्हें
पानी
लाने
के
लिए
दूर-दूर
तक
जाना
पड़ता
है।
इस
स्थिति
से
न
सिर्फ
उनकी
दिनचर्या
प्रभावित
हो
रही
है,
बल्कि
उनके
स्वास्थ्य
पर
भी
इसका
बुरा
असर
पड़
रहा
है।
ग्रामीणों
ने
मांग
की
है
कि
सरकार
को
इस
समस्या
का
तत्काल
समाधान
करना
चाहिए,
ताकि
वे
अपनी
बुनियादी
जरूरतों
को
पूरा
कर
सकें।