दमोह
जिले
के
तेंदूखेड़ा
नगर
के
वार्ड
क्रमांक
3
और
4
में
उल्टी-दस्त
की
बीमारी
का
प्रकोप
लगातार
बढ़ता
जा
रहा
है।
गुरुवार
को
दर्जनों
लोग
इस
बीमारी
की
चपेट
में
आ
गए
और
इलाज
के
लिए
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र
पहुंचे।
स्थानीय
लोगों
का
आरोप
है
कि
दूषित
पानी
की
सप्लाई
और
वार्डों
में
फैली
गंदगी
इस
बीमारी
का
प्रमुख
कारण
है।
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गंदे
पानी
की
सप्लाई
से
बीमारी
का
फैलाव
वार्ड-3
निवासी
शांति
रैकवार
ने
बताया
कि
उनकी
सास
ममता
विश्वकर्मा
की
अचानक
तबीयत
बिगड़
गई,
जिन्हें
इलाज
के
लिए
अस्पताल
में
भर्ती
कराना
पड़ा।
उन्होंने
आरोप
लगाया
कि
इलाके
में
साफ-सफाई
न
होने
और
दूषित
पानी
की
सप्लाई
के
कारण
बीमारी
तेजी
से
फैल
रही
है।
मच्छरों
और
मक्खियों
की
भरमार
ने
लोगों
का
घर
में
रहना
मुश्किल
कर
दिया
है।
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पढ़ें; चोरी
के
शक
में
मजदूर
की
बेरहमी
से
पिटाई,
सड़क
पर
तड़प-तड़प
कर
दी
जान
शुभम
यादव,
जो
स्वयं
बीमारी
से
पीड़ित
हैं,
ने
बताया
कि
उनका
पूरा
परिवार
उल्टी-दस्त
से
पीड़ित
है
और
पड़ोसी
इलाज
के
लिए
जबलपुर
तक
जा
चुके
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
जिन
बोरवेल
और
कुओं
से
जलापूर्ति
की
जा
रही
है,
उनमें
कीचड़
और
गंदगी
मिली
हुई
है,
लेकिन
नगर
परिषद
इस
पर
कोई
ध्यान
नहीं
दे
रही
है।
प्रशासन
ने
लिया
संज्ञान,
शुरू
हुआ
निरीक्षण
बीमारी
की
गंभीरता
को
देखते
हुए
गुरुवार
शाम
एसडीएम
सौरभ
गंधर्व,
नगर
परिषद
सीएमओ
पीयूष
अग्रवाल
और
स्वास्थ्य
विभाग
की
टीम
प्रभावित
वार्डों
में
पहुंचे।
एसडीएम
ने
बताया
कि
वार्ड
3,
4
और
8
में
मरीज
सामने
आए
हैं
और
समस्या
के
पीछे
पाइपलाइन
में
लीकेज,
खुले
नल,
और
कचरे
के
ढेर
जैसे
कारण
जिम्मेदार
हैं।
सीएमओ
ने
वार्डवासियों
से
साफ-सफाई
में
सहयोग
करने
की
अपील
की
है
और
खुले
नलों
को
तुरंत
बंद
करने
के
निर्देश
दिए
हैं।
60
मरीज
सामने
आए,
56
स्वस्थ
होकर
लौटे
तेंदूखेड़ा
सीबीएमओ
डॉ.
अशोक
बारोनिया
ने
बताया
कि
पिछले
दो
दिनों
में
उल्टी-दस्त
के
60
मरीज
सामने
आए
हैं,
जिनमें
से
56
मरीज
इलाज
के
बाद
स्वस्थ
होकर
घर
लौट
चुके
हैं,
जबकि
4
मरीज
अभी
उपचाररत
हैं।
स्वास्थ्य
विभाग
ने
प्रभावित
क्षेत्रों
में
सर्वे
और
निगरानी
अभियान
तेज
कर
दिया
है।
एएनएम
और
पर्यवेक्षक
घर-घर
जाकर
सलाह
दे
रहे
हैं
कि
पानी
उबालकर
पिएं,
साफ-सफाई
रखें,
और
खुले
में
शौच
से
बचें।
सभी
मरीजों
को
दवाइयां,
ओआरएस
और
जिंक
की
टेबलेट
दी
जा
रही
हैं।