
पीसीसी
चीफ
जीतू
पटवारी
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मध्य
प्रदेश
कांग्रेस
पार्टी
के
नए
प्रदेश
अध्यक्ष
जीतू
पटवारी
को
पद
संभाले
करीब
8
महीने
से
ज्यादा
का
समय
बीत
गया
है,
लेकिन
पटवारी
अभी
तक
अपनी
टीम
का
गठन
नहीं
कर
पाए
हैं।
प्रदेश
कार्यकारिणी
के
घोषणा
को
लेकर
लगातार
कयास
लगाया
जा
रहे
हैं।
भोपाल
से
दिल्ली
तक
मंथन
चल
रहा
है।
मध्य
प्रदेश
प्रभारी
जितेंद्र
भंवर
सिंह
भी
कई
बार
बोल
चुके
हैं
कि
पदाधिकारियों
की
लिस्ट
तैयार
हो
गई
है
जल्द
ही
घोषणा
की
जाएगी।
कांग्रेस
सूत्रों
की
माने
तो
पार्टी
ने
कार्यकारिणी
की
लिस्ट
तैयार
कर
ली
है
लेकिन
बुधनी
और
विजयपुर
में
होने
वाले
उप
चुनाव
के
कारण
कार्यकारिणी
का
घोषणा
नहीं
किया
गया
है।
पार्टी
के
बड़े
नेताओं
को
लग
रहा
है
कि
कार्यकारिणी
की
घोषणा
होने
पर
कई
नेता
नाराज
हो
सकते
हैं
और
इसका
असर
उपचुनाव
पर
पड़
सकता
है।
यही
कारण
है
की
कार्यकारिणी
की
घोषणा
लगातार
टलती
जा
रही
है।
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गुटबाजी
हावी,
पटवारी
कैसे
बनाएंगे
समन्वय
मध्य
प्रदेश
में
कांग्रेस
और
गुटबाजी
का
गहरा
नाता
हो
चला
है।
दरअसल
प्रदेश
अध्यक्ष
जीतू
पटवारी
युवा
और
महिलाओं
को
अपनी
टीम
में
अधिक
से
अधिक
जगह
देना
चाहते
हैं।
जबकि
कांग्रेस
के
बड़े
नेता
खुद
को
या
अपने
चाहने
वालों
को
कार्यकारिणी
में
जगह
दिलाना
चाहते
हैं।
यही
कारण
है
कि
कई
नेता
जीतू
पटवारी
से
नाराज
चल
रहे
हैं।
कई
नेता
तो
खुलकर
भी
पटवारी
के
खिलाफ
बयान
बाजी
कर
चुके
हैं।
पटवारी
के
सामने
परीक्षा
की
घड़ी
है
कि
पार्टी
को
कैसे
मैनेज
करते
हैं
और
कार्यकारिणी
में
सभी
का
समन्वय
बनाते
हैं।
दरअसल
राज्य
में
किसी
दौर
में
कांग्रेस
सत्ता
में
थी,
संगठन
भी
मजबूत
हुआ
करता
था,
मगर
वर्ष
2003
के
बाद
ऐसी
स्थितियां
बनी
कि
कांग्रेस
लगातार
कमजोर
होती
गई।
अब
एक
बार
फिर
से
कांग्रेस
को
मजबूत
करने
में
पार्टी
के
सभी
नेता
जुटे
हुए
है।
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विधानसभा
चुनाव
हारने
के
बाद
कमलनाथ
की
हुई
थी
विदाई
कांग्रेस
पार्टी
ने
दिसंबर
2023
विधानसभा
में
करारी
हार
के
बाद
प्रदेश
अध्यक्ष
की
कमान
जीतू
पटवारी
को
सौंपी
गई
थी।
कमलनाथ
की
प्रदेश
अध्यक्ष
पद
से
विदाई
की
गई
थी। गौरतलब
है
कि
मध्य
प्रदेश
में
कांग्रेस
पार्टी
विधानसभा
के
लगातार
तीन
चुनाव
हार
गई।
लेकिन
साल
2018
के
विधानसभा
चुनाव
में
पार्टी
ने
अन्य
दलों
के
सहयोग
से
सत्ता
हासिल
की।
पार्टी
को
सत्ता
जरूर
मिल
गई,
मगर
गुटबाजी
के
रोग
ने
उसे
ज्यादा
दिन
सत्ता
हाथ
में
नहीं
रहने
दिया।15
महीने
ही
कमलनाथ
के
नेतृत्व
में
कांग्रेस
की
सरकार
ने
काम
किया।
उसके
बाद
सिंधिया
के
अलग
होने
से
सरकार
गिर
गई
और
तब
से
कांग्रेस
को
सत्ता
से
बाहर
रहना
पड़
रहा
है।
कांग्रेस
के
प्रदर्शन
में
नेता
दिख
रहे
सक्रियता
जब
से
जीतू
पटवारी
को
प्रदेश
अध्यक्ष
बनाया
गया
है
मध्य
प्रदेश
सरकार
के
खिलाफ
कांग्रेस
पार्टी
लगातार
सड़कों
पर
आंदोलन
करती
नजर
आ
रही
है।
पिछले
दो
महीने
में
10
से
ज्यादा
बड़े
आंदोलन
प्रदेश
में
हो
चुके
हैं।
खास
बात
यह
है
कि
नर्सिंग,
बेरोजगारी
जैसे
मुद्दों
पर
कांग्रेस
के
प्रदर्शन
में
सभी
बड़े
नेता
शामिल
हो
रहे
हैं,
यह
पार्टी
के
लिए
अच्छे
संकेत
है।
हालांकि
कई
नेता
पार्टी
में
सक्रियता
दिखाकर
कार्यकारिणी
में
जगह
चाहते
हैं।
नए
प्रदेश
अध्यक्ष
बनने
के
बाद
पार्टी
के
सक्रिय
नेताओं
को
जिम्मेदारी
का
इंतजार
है।
मीडिया
विभाग
के
अलावा
कुछ
नेताओं
के
पास
जिम्मेदारी
है,
मगर
ज्यादातर
पद
अब
भी
खाली
हैं
और
दावेदार
जोर
आजमाइश
कर
रहे
हैं।