मध्य
प्रदेश
के
पीथमपुरा
में
यूनियन
कार्बाइड
का
कचरा
जलाने
की
प्रक्रिया
शुरू
हो
चुकी
है।
कचरे
के
साथ
चूने
को
मिक्स
कर
9-9
किलो
के
पैकेट
बनाए
गए
हैं।
चूने
के
जरिए
जहर
के
असर
को
कम
करने
का
प्रयास
किया
जा
रहा
है।
अभी
भस्मक
को
वार्म
अप
किया
जा
रहा
है।
900
डिग्री
से
ज्यादा
तापमान
होने
के
बाद
कचरा
भस्मक
में
डाला
जाएगा।
कंपनी
के
समीप
के
गांव
और
आसपास
के
क्षेत्र
में
500
से
ज्यादा
पुलिस
जवान
तैनात
हैं।
दो
एम्बुलेंस
भी
गांव
में
घूम
रही
हैं।
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कोर्ट
के
निर्देश
पर
कुल
30
टन
कचरा
जलाया
जाएगा।
इस
ट्रायल
रन
की
रिपोर्ट
कोर्ट
में
पेश
की
जाएगी।
उसके
बाद
बचा
कचरा
जलाया
जाएगा।
कुल
337
टन
कचरा
भोपाल
से
इंदौर
तक
12
कंटेनरों
में
लाया
जा
चुका
है।
57
दिनों
से
यह
कंटेनर
पीथमपुर
में
रखे
गए
हैं।
फिलहाल
पांच
कंटेनरों
को
खोला
गया
है।
धार
कलेक्टर
प्रियंक
मिश्रा
ने
कहा
कि
कचरा
जलाने
की
प्रोसेस
जारी
है।
दस
टन
कचरे
के
निपटान
में
तीन
दिन
का
समय
लगेगा।
हाईकोर्ट
के
तय
मापदंडों
के
अनुसार
कचरे
का
ट्रायल
रन
किया
जा
रहा
है।
पटवारी
बोले-
जांच
में
कैंसर
न
मिला
तो
सार्वजनिक
माफी
मांगूंगा
मध्य
प्रदेश
कांग्रेस
अध्यक्ष
जीतू
पटवारी
ने
यूनियन
कार्बाइड
अपशिष्ट
निपटान
मामले
पर
कहा,
“यूनियन
कार्बाइड
के
कचरे
को
लेकर
सरकार
कोर्ट
का
बहाना
बना
रही
है…
यदि
सरकार
इस
कचरे
को
उठाकर
वहां
(इंदौर
के
पीथमपुरा)
लेकर
गई
तो
इसका
अर्थ
है
कि
इसके
पीछे
सरकार
और
सरकारी
नेताओं
के
आर्थिक
हित
छिपे
हुए
थे।
इंदौर
शहर
ने
लगातार
उन्हें
(भाजपा
को)
सांसद
दिए,
विधायक
दिए
और
महापौर
दिए
लेकिन
भाजपा
ने
इसके
बदले
भावी
पीढ़ी
को
कैंसर
दिया
है।
मैं
स्थानीय
नेताओं
और
प्रशासन
को
चुनौती
देता
हूं।
रामकी
कंपनी
के
आस-पास
के
10
किलोमीटर
के
भू-जल
की
जांच
कीजिए
और
देखिए
कि
उसमें
कैंसर
के
तत्व
हैं
या
नहीं…
मैं
इंदौर
शहर
से
आग्रह
करता
हूं
कि
आपने
अपना
मत
भाजपा
को
दिया,
जिन्होंने
इसके
बदले
आपको
कोरोना
काल
के
दौरान
यातनाएं
दीं,
कैंसर
का
कचरा
दिया,
भ्रष्टाचार
का
जहर
दिया।
हम
अपना
दायित्व
निभाएंगे,
लेकिन
आपका
सहयोग
चाहिए।
10
किलोमीटर
के
भू-जल
की
जांच
की
जाए
अगर
उसमें
कैंसर
के
तत्व
नहीं
मिलेंगे
तो
मैं
सार्वजनिक
माफी
मांगूगा।”
जीतू
के
बयान
पर
सीएम
बोले- ये
जहर
कांग्रेस
की
देन
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
ने
कांग्रेस
प्रदेशाध्यक्ष
जीतू
पटवारी
के
बयान
पर
पलटवार
किया
है।
उनका
कहना
है
कि
जीतू
पटवारी
की
जितनी
समझ
है
वे
उसके
अनुसार
काम
कर
रहे
हैं।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
मामले
को
देखा
है।
ये
जहर
कांग्रेस
की
देन
है।
उन्होंने
बीमारियां
फैलाईं।
गैस
हादसा
कांग्रेस
की
सरकार
के
समय
हुआ।
ये
उनकी
लापरवाही
थी।
घटना
के
बाद
यहां
कचरा
छोड़कर
चले
गए।
इस
पर
कांग्रेस
को
माफी
मांगनी
चाहिए।