
अदालत(सांकेतिक)
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
हनुमान
मंदिर
के
पास
सार्वजनिक
शौचालय
बनाए
जाने
को
चुनौती
देते
हुए
हाईकोर्ट
में
याचिका
दायर
की
गई
थी।
याचिका
की
सुनवाई
के
दौरान
हाईकोर्ट
जस्टिस
जीएस
अहलूवालिया
की
एकलपीठ
को
बताया
कि
मंदिर
में
आने
वाले
भक्तों
के
लिए
सार्वजनिक
शौचालय
का
निर्माण
किया
जा
रहा
है।
एकलपीठ
ने
याचिकाकर्ता
के
आपराधिक
रिकॉर्ड
तथा
मुद्दे
को
औचित्यहीन
पाते
हुए
याचिका
को
खारिज
कर
दिया।
याचिकाकर्ता
कपिल
कुमार
दुबे
की
तरफ
से
दायर
की
गई
याचिका
में
नगर
परिषद
गाडरवारा
द्वारा
हनुमान
मंदिर
के
समीप
सार्वजनिक
शौचालय
बनाए
जाने
को
चुनौती
दी
गई
थी।
याचिका
में
कहा
गया
था
कि
मंदिर
के
समीप
सार्वजनिक
शौचालय
का
निर्माण
किए
जाने
से
आसपास
का
माहौल
खराब
होने
की
संभावना
है।
सरकार
की
तरफ
कहा
गया
था
कि
याचिकाकर्ता
के
खिलाफ
17
आपराधिक
मामले
दर्ज
हैं।
न्यायालय
ने
उसे
आजीवन
कारावास
की
सजा
से
दंडित
भी
किया
है।
हनुमान
मंदिर
में
आने
वाले
श्रद्धालु
खुले
क्षेत्र
में
आराम
करते
हैं।
भक्तों
की
सुविधा
तथा
आसपास
के
क्षेत्रों
को
साफ
और
स्वच्छ
बनाए
रखने
सार्वजनिक
शौचालय
का
निर्माण
किया
जा
रहा
है।
विज्ञापन
विज्ञापन
एकलपीठ
ने
अपने
आदेश
में
कहा
कि
याचिकाकर्ता
यह
बताने
में
असमर्थ
था
कि
मंदिर
व
सार्वजनिक
शौचालय
के
बीच
कितनी
दूरी
है।
इसके
अलावा
याचिकाकर्ता
का
अपराधिक
रिकॉर्ड
भी
है।
सार्वजनिक
उपयोगिता
तथा
निर्माण
भक्तों
के
लाभ
के
लिए
शौचालय
का
निर्माण
किया
जा
रहा
है।
हनुमान
मंदिर
के
आस-पास
के
क्षेत्र
को
साफ
और
स्वच्छ
रखने
के
उद्देश्य
से,
इसलिए
इस
न्यायालय
का
मानना
है
कि
याचिका
हस्तक्षेप
योग्य
नहीं
है।
एकलपीठ
ने
उक्त
आदेश
के
साथ
याचिका
को
खारिज
कर
दिया।