

इफ्तार
में
शामिल
हुए
सियासत-दान
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
माह-ए-रमजान,
हर
रोज
अफ्तार
दस्तरख्वान,
खैर
की
दुआएं,
खुशियों
की
ख्वाहिशें,
लेकिन
ये
हिंदुस्तान
है,
यह
दुनिया
का
इकलौता
आंगन
है,
जिसमें
कई
धर्मों
के
लोग
एक
साथ
सजते
हैं।
दिवाली
की
खुशियों
में
रहीम
का
दिल
भी
बल्लियों
उछलता
दिखाई
देता
है।
ऐसे
ही
रमजान
और
ईद
की
खुशियों
रामप्रकाश
का
ह्रदय
मिठास
से
भरा
महसूस
होता
है।
समाज
के
इन्हीं
तानेबानों
को
रमजान
के
दस्तरख्वान
पर
सजाने
के
मौके
भी
नहीं
छोड़े
जा
रहे
हैं।
सामाजिक
समरसता
के
पैरोकार
इस
माह
में
तरह-तरह
के
अनूठे
प्रयासों
से
मुहब्बत
का
पैगाम
देते
नजर
आ
रहे
हैं।
आज
की
ये
कोशिशें
कल
की
खूबसूरत
धरोहर
को
भी
सहेज
रही
हैं।
साथ
ही
आने
वाली
आपसी
विश्वास
की
इमारत
की
नींव
को
भी
मजबूत
कर
रही
हैं।
मुनव्वर
की
दावत
में
पचौरी
और
कैलाश
राजनीतिक
रोजा
इफ्तार
दावतों
में
एक
शाम
कांग्रेस
महासचिव
मुनव्वर
कौसर
ने
भी
सजाई।
इस
दौरान
शहर
के
सभी
समाजों
के
धर्मगुरुओं
के
साथ
राजनीतिक
लोग
भी
पहुंचे।
हाल
ही
में
हुए
घटनाक्रम
में
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
सुरेश
पचौरी
और
पूर्व
जिला
कांग्रेस
अध्यक्ष
कैलाश
मिश्रा
के
भाजपा
में
शामिल
हो
जाने
के
बाद
उनका
इस
इफ्तार
दावत
में
शामिल
होना
लोगों
के
लिए
आश्चर्जनक
था।
लेकिन
मुनव्वर
कौसर,
सुरेश
पचौरी
और
कैलाश
मिश्रा
ने
इस
महफिल
को
मुहब्बत
और
आपसी
रिश्तों
से
तुलना
कर
कहा
कि
यहां
कोई
सियासत
नहीं
है।
क्योंकि
ये
शहर
मुहब्बत
का
है
स्टेट
प्रेस
क्लब
ने
रमजान
माह
के
इफ्तार
दस्तरख्वान
को
इस
शहर
की
खूबसूरत
मुहब्बत
की
रिवायत
का
एलान
करने
का
जरिया
बनाया।
प्रेस
क्लब
अध्यक्ष
प्रवीण
खरीवाल
ने
लोगों
को
आजीजी
के
साथ
बुलाया
और
मुहब्बत
को
साझा
किया।
उन्होंने
लोगों
को
भेजे
इमोशनल
इन्विटेशन
में
कहा
कि
हम
इंदौर
हैं,
हमें
पता
है
अपनी
रिवायतें
और
उन
रिवायतों
को
जिंदा रखने
का
शऊर
भी,
हम
अमीर
खां भी
हैं
और
लता
मंगेशकर
भी,
हम
एमएफ
हुसैन
भी
हैं
और
विष्णु
चिंचालकर
भी,
हम
कैप्टन
मुश्ताक
अली
भी
हैं
और
कर्नल
सीके
नायडू
भी,
हम
आरिफ
बेग
भी
हैं
और
कल्याण
जैन
भी,
हम
डॉ.
राहत
इंदौरी
भी
हैं
और
स्वानंद
किरकिरे
भी,
हम
सलमान
खान
भी
हैं
और
विजयेन्द्र
घाटगे
भी,
हम
शाहिद
मिर्जा
भी
हैं
और
गोपीकृष्ण
गुप्ता
भी।
इसलिए
हमारी
जिम्मेदारी
बनती
है,
गंगा-जमुनी
तहजीब
का
पालन
करते
हुए
पाक
माह
ए
रमजान
में
एक
साथ
रोजा
इफ्तार करें।
और
एक
इफ्तार
तालीम
के
नाम
लीक
से
हटकर
कुछ
करने
का
सारथी
शहर
इंदौर
इस
रमजान
में
भी
एक
संदेश
देता
नजर
आया।
तालीम
के
लिए
इफ्तार नाम
से
किए
गए
इस
आयोजन
में
स्टूडेंट्स,
अभिभावकों,
शिक्षकों
और
स्कूल
संचालकों
को
जोड़ा
गया।
इफ्तार
दावत
में
शामिल
उलेमाओं
ने
शिक्षा
का
महत्व
समझाया
और
इसके
लिए
जागरुकता
लाने
की
बात
कही।