
ध्वज
पूजन
के
बाद
उज्जैन
में
निकली
बाबा
महाकाल
की
परंपरागत
गैर
उज्जैन
में रंगपंचमी
के
मौके
पर
महाकालेश्वर
मंदिर
में
पारम्परिक
तरीके
से
होली
खेले
जाने
के
बाद
शाम
के
समय
ध्वज
चल
समारोह
निकाला
गया।
सभा
मंडप
में
पंडे-पुजारियों
और
अधिकारियों
ने
भगवान
और
ध्वज
का
पूजन
अर्चन
कर
कोटि
तीर्थ
कुंड
का
चक्कर
लगाया।
इसके
पश्चात
सभी
ने
सभा
मंडप
में
हथियार
घुमाकर
प्रदर्शन
भी
किया।
फिर
यह
समारोह
मंदिर
परिसर
से
बाहर
निकला
और
शहर
के
प्रमुख
मार्ग
का
भ्रमण
करता
दिखाई
दिया।
महाकालेश्वर
मंदिर
में
कोटि
तीर्थ
के
चक्कर
लगाने
के
बाद
जब
यह
ध्वज
चल
समारोह
मंदिर
से
बाहर
पहुंचा
तो
इसमें
रजत
ध्वज
के
साथ
अन्य
11
ध्वज
और
सिंधिया
स्टेट
का
स्वर्ण
ध्वज
शामिल
थे।
साथ
ही
भारत
देश
की
धर्म
संस्कृति
से
परिचित
कराती
प्रदेश
भर
से
आई
झांकियां
आकर्षण
का
केंद्र
रही।
चल
समारोह
में
वन्य
जीवों
के
द्वारा
शिव
भक्ति,
राधा
कृष्ण
के
द्वारा
बरसाना
में
होली,
गजेंद्र
मोक्ष
की
झांकी,
त्रिपुरासुर
वध
की
झांकी,
मानव
द्वारा
शिव
लीला
की
चलित
झांकी
के
साथ
70
फीट
की
झांकी
में
हनुमान
अष्टक
का
विवरण
नजर
आया।
साथ
ही
बैंड
बाजे,
ढोल,
मलखंब
के
खिलाड़ी
शामिल
हुए
और
रास्ते
भर
प्रदर्शन
करते
हुए
नजर
आए।
धार्मिक
भजनों
पर
रास्ते
में
खड़े
श्रद्धालु
झूमते
गाते
हुए
दिखाई
दिए।
निकली
मनमोहक
झांकियां
महाकालेश्वर
ध्वज
चल
समारोह
में
शामिल
झांकियां
को
40
फीट
लंबी
ट्रॉलियों
पर
सजाया
गया
था।
इस
गैर
में
मलखंब
प्रदर्शन
दल,
नासिक
के
ढोल,
आर
के
बैंड,
अमरावती
त्रिशूल
करतब
दल
समेत
अन्य
अखाड़े
शामिल
थे।
गैर
को
देखने
के
लिए
हजारों
की
संख्या
में
शहरवासी
पुराने
शहर
के
मार्गो
पर
नजर
आए
और
सभी
ने
महाकाल
की
मनमोहक
झांकियों
को
निहारते
हुए
भगवान
वीरभद्र
और
ध्वजा
के
दर्शन
किए।
ध्वज
चल
समारोह
के
पहले
हुआ
पूजन
रंग
पञ्चमी
पर्व
पर
प्रति
वर्ष
निकलने
वाले
श्री
महाकालेश्वर
वीरभद्र
ध्वज
चल
समारोह
समिति
के
तत्वावधान
में
सम्मिलित
किए जाने
हेतु
मंदिर
सभामंडपम
में
विधिवत
ध्वज-पूजन
सम्पन्न
हुआ।
पूजन
में
मंदिर
प्रबंध
समिति
अध्यक्ष
एवं
कलेक्टर
नीरज
सिंह,
मंदिर
प्रशासक
एवं
अपर
कलेक्टर
मृणाल
मीना,
पुलिस
अधीक्षक
प्रदीप
शर्मा,
अन्य
वरिष्ठ
अधिकारी
गण,
पुजारी
आशीष
गुरुजी,
पुजारी
राम
गुरुजी,
पुजारी
प्रदीप
गुरुजी,
पुरोहित
अशोक
गुरुजी,
पुरोहित
नवनीत
गुरुजी,
सुभाष
गुरुजी,
अन्य
पुजारी
जी,
पुरोहित
जी
एवं
अधिकारी
व
श्रद्धालु
गण
सम्मिलित
हुए। ध्वज
पूजन
के
बाद
पुजारी,
पुरोहित
गण,
श्रद्धालुओं
आदि
ने
पूरे
उत्साह
से
मन्दिर
स्थित
कोटी
तीर्थ
एवं परिसर
में
ध्वज
लेकर
परिक्रमा
ढोल
व
बाजे
के
साथ
की।
इसी
तरह
श्री
महाकालेश्वर
भर्तृहरि
विक्रम
ध्वज
चल
समारोह
समिति
(सिंहपुरी)
को
मन्दिर
द्वारा
परम्परा
के
सम्यक
निर्वहन
हेतु
विधिवत
ध्वज
प्रदान
किया
गया।
इन
मार्गों
से
निकली
गेर
चल
समारोह
महाकाल
मंदिर
से
प्रारंभ
होकर
तोपखाना,
दौलतगंज,
नईसड़क,
कंठाल,
सराफा,
गोपाल
मंदिर
होता
हुआ
पुन:
महाकाल
मंदिर
पहुंचा।
चल
समारोह
में
मध्यप्रदेश
सहित
दूसरे
राज्यों
के
प्रसिध्द
बैंड
जिनमें
इंदौर
का
राजकमल
बैंड,
उज्जैन
से
गणेश
मालवा
बैंड,
आरके
बैंड,
भोपाल
से
नाद
ग्रुप,
नासिक
का
बैंड
शामिल
रहे।
महाराष्ट्र
के
नासिक
से
करीब
70
महिलाओं
के
द्वारा
नाद
यंत्रों
से
वातावरण
को
गुंजायमान
किया
गया।
उज्जैन
में
रंगपंचमी
पर
भगवान
श्री
महाकाल
की
गेर
के
अलावा
सिंहपुरी,
कार्तिक
चौक
और
भागसीपुरा
से
भी
गेर
निकाली
गई।
यहां
पर
दोपहर
में
गुलाल
गेर
और
शाम
को
अखाड़ों
व
झांकियों
के
साथ
रंगारंग
गेर
निकाली
गई।