Damoh News: मिशन अस्पताल की कैथलैब का रजिस्ट्रेशन सही, झूठी निकली डॉ. अखिलेश दुबे की शिकायत


दमोह
मिशन
अस्पताल
के
निलंबित
किए
गए
कैथलैव
के
रजिस्ट्रेशन
के
मामले
में
एक
नया
मोड़
सामने

गया
है।
कैथलैब
का
रजिस्ट्रेशन
जांच
में
सही
पाया
गया
है।
हालांकि
अस्पताल
अभी
बंद
ही
है।


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मिशन
अस्पताल
में
फर्जी
कार्डियोलॉजिस्ट
डॉ.
नरेंद्र
यादव
उर्फ
नरेंद्र
जॉन
केम
के
इलाज
से
सात
मरीजों
की
मौत
का
मामला
सामने
आने
के
बाद
कैथ
लैब
को
सील
किया
गया
था।
बाद
में
पूरे
अस्पताल
का
लाइसेंस
ही
निलंबित
हो
गया
था।
कैथलैब
के
पंजीयन
में
जबलपुर
के
कार्डियोलॉजिस्ट
डॉ.
अखिलेश
दुबे
के
हस्ताक्षर,
मोबाइल
नंबर
पर
ओटीपी
और
मेल
सही
पाया
गया
है।
मामले
की
जांच
के
बाद
यह
तथ्य
सामने
आया
है।


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यादव
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ट्रेन

हालांकि
अभी
राज्य
सरकार
ने
मिशन
अस्पताल
को
खोलने
के
आदेश
जारी
नहीं
किए
हैं।
सीएमएचओ
कार्यालय
से
इसको
लेकर
मार्गदर्शन
मांगा
है। इससे
पहले
मिशन
अस्पताल
में
फर्जी
डॉक्टर
पकड़े
जाने
के
बाद
जिला
प्रशासन
और
सीएमएचओ
कार्यालय
की
रिपोर्ट
पर
पुलिस
ने
अस्पताल
की
कैथलैब
के
पंजीयन
में
गड़बड़ी
मामले
में
एफआईआर
दर्ज
की
थी।
यह
कार्रवाई
डॉ.
अखिलेश
दुबे
की
शिकायत
पर
दर्ज
हुई
थी।
डॉक्टर
दुबे
ने
शिकायत
दर्ज
कराई
थी
कि
कैथलैब
के
पंजीयन
की
प्रक्रिया
में
जो
दस्तावेज
लगे
हैं,
उनमें
उनके
फर्जी
हस्ताक्षर
हैं
और
दस्तावेज
भी
गलत
तरीके
से
लगाए
गए
हैं।
जिस
पर
सीएमएचओ
कार्यालय
की
ओर
से
10
अप्रैल
को
लैब
सील
कर
दी
गई
थी।
आवेदन
के
आधार
पर
पुलिस
ने
अस्पताल
प्रबंध
समिति
के
9
लोगों
पर
एफआईआर
दर्ज
कर
ली
थी,
लेकिन
जब
इन
दस्तावेजों
की
जांच
हुई
तो
डॉक्टर
दुबे
के
हस्ताक्षर,
ओटीपी
और
मेल
सही
पाया
गया।
लैब
का
रजिस्ट्रेशन
2028
तक
के
लिए
वैध
मिला।
जांच
में
यह
भी
पता
चला
है
कि
डॉ.
दुबे
के
नाम
पर
दमोह
के
अलावा
जबलपुर
में
भी
कैथलैब
संचालित
है।
हालांकि
अभी
पूरा
मामला
न्यायालय
में
है।
एसपी
श्रुतकीर्ति
सोमवंशी
ने
बताया
कि
मामले
की
जांच
में
यह
तथ्य
सामने
आए
हैं।
अभी
मामले
में
सुनवाई
चल
रही
है।