Satta Ka Sangram: सतना में विकास के मुद्दे पर बहस, कांग्रेस बोली- धूलभरी सड़कें देखो, भाजपा ने दिया ये जवाब

Satta Ka Sangram: सतना में विकास के मुद्दे पर बहस, कांग्रेस बोली- धूलभरी सड़कें देखो, भाजपा ने दिया ये जवाब
Satta Ka Sangram: Debate on the issue of development in Satna, Congress said - Look at the dusty roads

सतना
में
राजनेताओं
से
चर्चा


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

Satta
Ka
Sangram:
अमर
उजाला
का
चुनावी
रथ
‘सत्ता
का
संग्राम’
भोपाल
से
चलकर
सतना
पहुंच
गया
है।
आज
सतना
लोकसभा
क्षेत्र
में
सत्ता
का
संग्राम
जारी।
भाजपा
ने
यहां
सांसद
गणेश
सिंह
को
चुनावी
मैदान
में
उतारा
है।
इससे
पहले
2023
के
विधानसभा
चुनाव
में
गणेश
को
हार
का
सामना
करना
पड़ा
था।
हालांकि,
वे
इस
सीट
से
लगातार
चार
बार
से
सांसद
हैं।
वहीं,
कांग्रेस
के
टिकट
पर
विधायक
सिद्धार्थ
कुशवाहा
चुनाव
लड़
रहे
हैं,
इन्होंने
विस
चुनाव
गणेश
सिंह
शिकस्त
दी
थी।
ऐसे
में
इस
सीट
पर
मुकाबला
कांटे
का
हो
गया
है।
अब
पढ़िए,
विकास
के
मुद्दों
को
लेकर
राजनेता
क्या
बोल
रहे
हैं?

भाजपा
से
जुड़ीं
नीता
सोनी
का
कहना
है
कि
देखिए
विकास
हो
रहा
है।
जो
लोग
कह
रहे
हैं
कि
विकास
नहीं
हुआ
है,
वो
लोग
जाने
क्यों
कह
रहे
हैं,
उन्हें
क्यों
नहीं
दिख
रहा।
स्मार्ट
सिटी
लाने
वाले
सांसद
गणेश
सिंह
हैं,
सतना
की
अच्छी
सड़कें
गणेश
सिंह
की
बनवाई
हैं।
मेडिकल
कॉलेज
बहुत
बड़ा
योगदान
देगा।
सतना
का
रेलवे
स्टेशन
मॉडल
बनेगा।
रानी
कमलापति
जैसा
स्टेशन
सतना
में
बनेगा।
हमारा
एयरपोर्ट
बन
रहा
है।
भाजपा
में
विकास
हो
रहा
है।
जो
लोग
खुदी
सड़कों
की
बात
कर
रहे
हैं,
उन्हें
कहना
चाहती
हूं
कि
नया
मकान
बनाते
हो
तो
पुराना
तोड़ना
पड़ता
है
न। 

कांग्रेस
से
जुड़ीं
साधना
कपूर
जवाब
देते
हुए
कहती
हैं.
यहां
कोई
विकास
का
काम
नहीं
हुआ
है।
महिलाओं
को
लेकर
सुरक्षा
नहीं
है।
सड़कें
धूल
से
भरी
हैं,
आपने
भी
देखा
ही
होगा।
स्मार्ट
सिटी
की
बात
करते
हैं,
स्मार्ट
सिटी
के
नाम
पर
लूट
मची
है।
भरूद
नगर
में
रहती
हूं
सीवर
की
सुविधा
नहीं
है,
पानी
की
निकासी
की
सुविधा
नहीं
है।
हरियाली
नहीं
है।
स्मार्ट
सिटी
के
नाम
पर
इन्होंने
जेबें
भरी
हैं।
20
साल
से
यहां
ऐसी
ही
हालत
है।
नौ
हजार
करोड़
रूपये
स्मार्ट
सिटी
के
नाम
पर
आए
हैं,
जो
इनकी
जेबों
में
गए
हैं।
कोई
विकास
नजर
नहीं

रहा।
आम
जनता
के
लिए
कुछ
नहीं।
इनकी
बात
को
समर्थन
देते
हुए
नगर
निगम
पार्षद
का
कहना
है
कि
स्मार्ट
सिटी
सांसदजी
की
देन
है
तो
बता
दूं,
इसी
वजह
से
उन्हें
विधानसभा
में
हार
का
सामना
करना
पड़ा।
उज्जैन
महालोक
से
शुरू
हुआ
भ्रष्टाचार
यहां
तक
पहुंच
गया
है।
यहां
की
व्यंकटेश
लोक
का
मुद्दा
हमलोग
ही
उठा
रहे
हैं।
इन्होंने
ऐसा
कोई
काम
नहीं
किया
कि
लोग
गर्व
से
कह
सकें
कि
ये
हमारे
सांसद
गणेश
सिंह
ने
किया
है।
ये
चार
सौ
पार
की
बात
कर
रहे
हैं,
पर
वो
तेल
की
कीमतों
की
बात
कर
रहे
होंगे।
सीटें
तो
नहीं

रहीं। 

भाजपा
के
प्रवक्ता
सुनील
मिश्रा
का
कहना
है
कि
राजनीति
में
जीत-हार
तो
लगी
रहती
है।
लोकसभा
चुनाव
में
वे
दो
लाख
75
हजार
से
जीते
हैं।
उनकी
लोकप्रियता
हावी
है।
विधानसभा
में
4000
से
ही
हारे
हैं।
बाकि
के
लोग
हमारे
कई
विधायक
बड़े
अंतर
से
जीते
हैं।
ये
लोकसभा
चुनाव
है।
एक
तरफ
भाजपा
राम
मंदिर
सहित
मंदिरों
का
जीर्णोद्धार
करा
रही
है,
वहीं
कांग्रेस
स्टालिन
के
उन
बयानों
का
समर्थन
कर
रही
है,
जिसमें
वो
सनातन
को
गलत
बता
रहे
हैं।
कई
योजनाएं
हैं,
जिन
पर
वोट
होगा।
हम
स्वरोजगार
की
बात
कर
रहे
हैं।
हम
आत्मनिर्भरता
की
बात
कर
रहे
हैं।
2014
के
पहले
क्या
सब
कलेक्टर
थे।