
बाबा
महाकाल
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
भगवान
शिव
के
प्रिय
मास
श्रावण
की
शुरुआत
हो
चुकी
है।
आज
विश्व
प्रसिद्ध
श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
में
रात
2:30
बजे
मंदिर
के
पट
खोले
गए
और
भस्म
आरती
की
शुरुआत
की
गई।
वैसे
तो
प्रतिदिन
बाबा
महाकाल
की
भस्म
आरती
अलसुबह
चार बजे
शुरू
होती
है।
लेकिन
आज
श्रावण
मास
के
सोमवार
के
विशेष
महत्व
के
चलते
बाबा
महाकाल
भक्तों
को
दर्शन
देने
के
लिए
डेढ़
घंटा
पहले
जागे
और
हजारों
भक्तों
को
भस्म
आरती
की
बैठक
व
चलित
व्यवस्था
के
अंतर्गत
रूप
में
अपना
आशीष
भी
प्रदान
किया।
विश्व
प्रसिद्ध
श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
के
पुजारी
पंडित
आशीष
गुरु
ने
बताया
कि
वर्षों
के
बाद
एक
ऐसा
विशेष
संयोग
आया
है,
जब
श्रावण
मास
की
शुरुआत
सोमवार
से
हो
रही
है।
राष्ट्र
की
कामना
को
लेकर
आज
बाबा
महाकाल
का
विशेष
पूजन
अर्चन
किया
गया।
भस्म
आरती
की
प्रतिदिन
की
प्रक्रिया
के
अनुसार
ही
भगवान
वीरभद्र
से
आज्ञा
लेकर
चांदी
द्वार
खोला
गया
और
उसके
बाद
भगवान
का
पूजन
अर्चन
तो
हुआ
ही।
लेकिन
आज
भगवान
का
पंचामृत
स्नान
करवाने
के
साथ
ही
उन
पर
केसर
युक्त
जल
अर्पित
किया
गया
और
चंदन
व
भांग
से
बाबा
महाकाल
का
विशेष
श्रृंगार
भी
किया
गया।
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पंडित
आशीष
पुजारी
ने
बताया
कि बाबा
महाकाल
भोले
हैं।
इसलिए
अगर
आज
के
दिन
उन
पर
जल
अर्पित
कर
बेल
पत्र
चढ़ाया
जाए
तो
वे
प्रसन्न
हो
जाते
हैं।
आज
प्रातः
भगवान
के
विशेष
श्रृंगार
के
बाद
उन्हें
महानिर्वाणी
अखाड़े
की
ओर
से
भस्म
अर्पित
की
गई,
इसके
बाद
चारों
ओर
जय
श्री
महाकाल
की
गूंज
गुंजायमान
हो
गई।