
जिला
जेल
के
बंदियों
को
संबोधित
करते
हुए
गायत्री
परिवार
के
सदस्य
विस्तार
देश
की
करीब
108
जेलों
में
पुत्स्कालय
खोलने
का
संकल्प
लेकर
चल
रहे
अखिल
विश्व
गायत्री
परिवार
शांतिकुंज
हरिद्वार
के
द्वारा
37वें
पुस्तकालय
का
शुभारंभ
राजगढ़
जिला
जेल
में
किया
गया।
वहीं,
जेल
में
अच्छाई
की
पाठशाला
भी
आयोजित
की
गई
जिसमें
जिला
जेल
में
बंद
बंदियों
को
अपनी
बुराई
त्याग
कर
गायत्री
मंत्र
को
अपने
जीवन
और
दिनचर्या
का
हिस्सा
बनने
की
सीख
दी
गई।
इस
कार्य
में
स्वर्गीय
श्याम
प्रकाश
विजयवर्गीय
उर्फ
शंभू
दादा
के
परिजनों
ने
भी
हिस्सा
लिया
और
उनकी
स्मृति
में
जिला
जेल
को
एक
अलमारी
भेंट
की।
जानकारी
के
मुताबिक
अखिल
विश्व
गायत्री
परिवार
शांतिकुंज
हरिद्वार
के
तत्वावधान
में
देश
भर
की
जेलों
में
गायत्री
परिवार
द्वारा
रचनात्मक
गतिविधियों
के
माध्यम
से
बंदी
के
मानसिक
चिंतन
को
बदलने
का
एक
बड़ा
प्रयास
किया
जा
रहा
है।
उसी
क्रम
में
मंगलवार
को
जिला
जेल
राजगढ़
में
कैदियों
को
नियमित
स्वाध्याय
के
लिए
गायत्री
परिवार
द्वारा
परम
पूज्य
गुरुदेव
पं.श्रीराम
शर्मा
आचार्यजी
के
द्वारा
रचित
साहित्य
की
स्थापना
की
गई।
गायत्री
परिवार
के
सदस्यों
ने
जेल
में
ज्ञानवर्धक
पुस्तकालय
का
शुभारंभ
किया
गया।
जिला
जेल
राजगढ़
में
कैदियों
के
लिए
स्वास्थ्य
विभाग
में
कार्यरत
रहे
स्वर्गीयश्याम
प्रकाश
विजयर्गीय
निवासी
किला
मोहल्ला
राजगढ़,
जिन्हें
शंभू
दादा
के
नाम
से
भी
जाना
जाता
था
उनकी
स्मृति
में
उनके
पुत्र
ऋषि
और
राहुल
विजयवर्गीय
ने
बंदियों
के
इस्तेमाल
के
लिए
अलमारी
भेंट
की।
डॉ.
राहुल
विजयवर्गीय
ने
अपने
संबोधन
में
कहा
कि
कैदियों
के
लिए
दी
गई
ये
पुस्तकें
उनके
जीवन
में
सुधार
कर
समाज
के
कल्याण
के
एक
बड़ा
बदलाव
लाएंगी।
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बंदी
साधना
अभियान
के
प्रभारी
प्रेमलाल
कुशवाह
ने
सभी
बंदियों
को
संबोधित
करते
हुए
कहा
कि
आप
लोग
अपनी
एक
बुराई
मुझे
दे
दें,
जिसे
मैं
मां
नर्मदा
में
विसर्जित
करूंगा,
इसके
बदले
अच्छाई
के
रूप
में
गायत्री
मंत्र
की
साधना
ग्रहण
करें।
गायत्री
मंत्र
का
बड़ा
प्रभाव
हमारे
जीवन
पर
पड़ता
है
और
सकारात्मक
सोच
बढ़ती
है।
इसलिए
हमारे
परिवार
के
सभी
सदस्यों
को
गायत्री
मंत्र
से
अनिवार्य
रूप
से
जुड़ना
चाहिए
और
इसका
लाभ
उठाना
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
देश
की
108
जेलों
में
पं.
श्रीराम
शर्मा
आचार्य
पुस्तकालय
की
स्थापना
हमारा
संकल्प
हैं,
जिला
जेल
राजगढ़
में
यह
37वां
पुस्तकालय
है।
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उप
जोन
प्रभारी
आर
पी
हजारी
ने
बंदी
को
संबोधित
करते
हुए
कहा
कि
नशा
नाश
की
जड़
है।
इससे
जाने
अनजाने
में
कई
अपराध
हो
जाते
हैं,
इसलिए
हमें
नशे
से
दूर
रहना
चाहिए।
उन्होंने
आगे
कहा
कि
जैसे
बछड़े
एक
हजार
गायों
में
अपनी
मां
को
ढूंढ
लेता
है,
वैसे
गलत
कार्य
करने
वालों
को
उसके
कर्म
भी
ढूंढ
लेते
हैं,
इसलिए
हमें
अपने
जीवन
की
बुराई
को
त्यागना
है।
जिला
जेल
के
मुख्य
प्रहरी
प्रमुख
अमरसिंह
सोलंकी
ने
कहा
कि
ऐसे
कार्यक्रमों
से
एक
ऊर्जा
का
संचार
होता
है।
योग
शिक्षक
लखन
चौहान
ने
बंदियों
को
संबोधित
करते
हुए
कहा
कि
परम
पूज्य
गुरुदेव
पंडित
श्रीराम
शर्मा
आचार्यजी
के
सदसाहित्य
से
आपके
जीवन
में
निश्चित
ही
परिवर्तन
होगा,
यह
मेरी
गारंटी
हैं।
क्योंकि,
परम
पूज्य
गुरुदेव
के
सदसाहित्य
से
लाखों
करोड़ों
लोगों
के
जीवन
में
परिवर्तन
आया
है
और
वे
सदमार्ग
की
ओर
बड़े
हैं।