
हरदा
जिले
में
करणी
सेना
पर
हुए
बर्बर
अत्याचार
के
विरोध
में
करणी
सैनिक
पूरे
प्रदेश
में
अलग-अलग
स्तर
पर
आंदोलन
कर
रही
है।
शुक्रवार
को
सीहोर
में
करणी
सेना
ने
राजपूत
समाज
के
विभिन्न
संगठनों
के
साथ
मिलकर
कलेक्टर
कार्यालय
का
घेराव
किया।
इस
दौरान
नारेबाजी
कर
एक
ज्ञापन
संयुक्त
कलेक्टर
आनंद
सिंह
राजावत
को
सौंपा
गया।
करणी
सेना
के
जिला
अध्यक्ष
ईश्वर
सिंह
चौहान
ने
बताया
कि
हरदा
में
पुलिस
बर्बरता
के
विरोध
में
दोषी
अधिकारियों
पर
कार्रवाई
और
निष्पक्ष
जांच
की
मांग
को
लेकर
यह
घेराव
किया
गया
है।
यदि
मांगें
नहीं
मानी
गईं
तो
अगला
चरण
भोपाल
में
होगा,
जहां
महा
आंदोलन
किया
जाएगा।
उन्होंने
बताया
कि
मुख्यमंत्री
के
नाम
सौंपे
गए
ज्ञापन
में
कहा
गया
है
कि
हरदा
में
एक
वर्ष
पूर्व
हीरा
खरीद
से
जुड़ी
धोखाधड़ी
का
मामला
सामने
आया
था,
जिसमें
आशीष
राजपूत
ने
थाने
में
शिकायत
दर्ज
कराई
थी।
उन्होंने
मोहित
और
उमेश
नामक
व्यक्तियों
पर
गंभीर
आरोप
लगाए
थे।
पुलिस
ने
एफआईआर
दर्ज
कर
आरोपियों
को
गिरफ्तार
किया,
लेकिन
बाद
में
बिना
पर्याप्त
कार्रवाई
किए
उन्हें
छोड़
दिया
गया।
पीड़ित
ने
पुलिस
से
आरोपियों
को
रिमांड
पर
लेकर
पूछताछ
की
मांग
की
थी,
लेकिन
उल्टा
उसे
ही
थाने
में
अपमानित
किया
गया
और
अभद्रता
कर
मारपीट
की।
इसके
बाद
पीड़ित
पक्ष
को
ही
गिरफ्तार
कर
लिया
गया,
जिससे
आमजन
में
आक्रोश
फैल
गया।
करणी
सैनिकों
ने
बताया
कि
हरदा
में
धरना-प्रदर्शन
कर
रहे
आमजन
का
समर्थन
करने
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
जीवन
सिंह
शेरपुर
हरदा
पहुंचे
थे,
लेकिन
जैसे
ही
वे
वहां
पहुंचे,
प्रशासन
ने
उन
पर
लाठीचार्ज
कर
हमला
कर
दिया,
जिससे
प्रशासन
की
मंशा
स्पष्ट
हो
गई।
ज्ञापन
में
यह
भी
उल्लेख
किया
गया
कि
हरदा
स्थित
राजपूत
छात्रावास
पर
भी
पुलिस
ने
हमला
किया
और
छात्रों
पर
लाठीचार्ज
किया
गया।
इस
दौरान
छोटी
बच्चियों
तक
के
साथ
मारपीट
की
गई,
जिसका
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
है।
करणी
सेना
ने
मांग
की
है
कि
इस
घटना
में
जिन
निर्दोष
लोगों
पर
मामले
दर्ज
किए
गए
हैं,
उन्हें
तत्काल
वापस
लिया
जाए
और
दोषी
पुलिस
अधिकारियों
के
खिलाफ
कड़ी
कार्रवाई
की
जाए।
