
किसान
के
खलिहान
में
खड़ी
मशीन
को
जब्त
करने
पहुंची
खनिज
इंस्पेक्टर
को
ग्रामीणों
के
विरोध
के
बाद
उल्टे
पांव
लौटना
पड़ा।
गांव
के
बुजुर्ग
और
मजदूरों
का
आरोप
है
कि
खनिज
इंस्पेक्टर
के
द्वारा
पिछले
कई
महीनों
से
उन्हें
लगातार
परेशान
किया
जा
रहा
है।
जिसका
नतीजा
यह
है
कि
मजदूरों
से
रोजगार
छिन
गया
है।
हालत
ये
है
कि
रेत
घाटों
पर
मजदूरी
कर
अपनी
जीविका
चलाने
वाले
कई
परिवारों
के
सामने
रोजी
रोटी
का
संकट
खड़ा
हो
गया
है।
ऐसे
में
अब
वह
अपने
परिवार
का
लालन-पालन
कैसे
करेंगे?
ग्रामीणों
के
विरोध
के
बाद
जब
इस
मामले
में
खनिज
इंस्पेक्टर
घिरती
नजर
आईं
तो
वह
उल्टे
पांव
वाहन
में
बैठकर
रवाना
हो
गईं।
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जानकारी
के
मुताबिक
गुरुवार
को
खनिज
इंस्पेक्टर
खुशबू
वर्मा
क्षेत्र
के
गांव
छिदगांव
काछी
अमले
के
साथ
कार्रवाई
करने
के
लिए
पहुंचीं
थीं।
इस
दौरान
वह
छिदगांव
काछी
निवासी
राजकुमार
उर्फ
गब्बर
कुशवाह
के
घर
पहुंचीं
ओर
उसके
खलिहान
में
खड़ी
पनडुब्बी
मशीन
को
जब्त
करने
के
लिए
मौजूदा
अमले
से
कहा।
इसी
दौरान
ग्रामीणों
का
हुजूम
मौके
पर
एकत्रित
हो
गया
और
वह
खनिज
इंस्पेक्टर
के
द्वारा
की
जा
रही
मनमानी
पूर्वक
कार्रवाई
का
विरोध
करने
लगे।
हालांकि
खनिज
इंस्पेक्टर
कार्रवाई
करने
उतारू
थी
ओर
वह
ग्रामीणों
को
लगातार
धमका
रही
थी।
लेकिन
ग्रामीणों
की
संख्या
में
बढ़ोतरी
होने
के
बाद
उन्होंने
राजस्व
अमले
को
इसकी
सूचना
दी।
मौके
पर
पहुंचे
तहसीलदार
सौरभ
शर्मा
ने
ग्रामीणों
को
समझाइश
देकर
मामला
शांत
कराया
और
खनिज
इंस्पेक्टर
को
बिना
कार्रवाई
के
बैरंग
लौटना
पड़ा।
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खलिहान
में
खड़ी
मशीन
को
जब्त
करने
का
किसने
दिया
अधिकार
इस
मामले
में
ग्रामीण
दिनेश
उर्फ
गब्बर
कुशवाह
और
उसके
परिवाजनों
ने
तहसीलदार
सौरभ
शर्मा
से
चर्चा
करते
हुए
कहा
कि
साहब
मेरी
मशीन
पिछले
6
माह
से
भी
अधिक
समय
से
बंद
हालत
में
खलिहान
में
खड़ी
हुई
है।
मेरे
खलिहान
से
नर्मदा
की
दूरी
दो
किमी
से
भी
अधिक
है।
जब
मौके
पर
कोई
मशीन
चल
ही
नहीं
रही
हैं
तो
उसे
किस
आधार
पर
जब्त
करने
की
बात
खनिज
इंस्पेक्टर
कर
रही
हैं।
क्या
खनिज
विभाग
को
इतना
अधिकार
हैं
कि
वह
घर
के
अंदर
खड़ी
किसी
वस्तु
को
जबरन
जब्त
कर
सकती
है।
ग्रामीण
के
आरोप
के
बाद
तहसीलदार
ने
जब
अन्य
ग्रामीणों
से
चर्चा
की
तो
मामला
सही
पाया
गया।
पनडुब्बी
मशीन
6
माह
से
भी
अधिक
समय
से
बंद
हालत
में
ढकी
अवस्था
में
खड़ी
थी।
इसके
बाद
तहसीलदार
ने
समझाइश
देकर
मामला
शांत
कराया
और
खनिज
इंस्पेक्टर
निशा
उर्फ
खुशबू
चौधरी
को
बैरंग
लौटना
पड़ा।
रोजी
रोटी
छीनने
पर
उतारू
है
खनिज
विभाग
मौके
पर
मौजूद
ग्रामीण
यह
कहते
नजर
आ
रहे
थे
कि
खनिज
विभाग
अब
हमारे
परिवार
को
जीने
नहीं
देना
चाह
रहा
है।
पहले
ही
रेत
का
काम
बंद
हो
चुका
है
और
अब
जबरन
घरों
में
घुसकर
धमका
रहा
है।
यदि
ऐसे
ही
हालात
रहे
तो
हमें
गांव
छोड़कर
जाना
पड़ेगा।
60
वर्षीय
बुुजुर्ग
रामकिशोर
कुशवाह
ने
बताया
कि
गांव
में
मजदूर
वर्ग
निवास
करता
है।
घाटों
पर
मजदूरी
कर
अपने
परिवार
का
लालन-पालन
कर
रहा
है।
जो
विभाग
को
रास
नहीं
आ
रहा
है।
अब
विभागीय
अधिकारी
घरों
में
घुसने
लगे
हैं,
जो
कि
गलत
है।
इसका
ग्रामीण
पूरजोर
विरोध
कर
रहे
है।