Shivpuri: गर्मी बढ़ते ही पानी का संकट बढ़ा, लड़ाई झगड़ा शुरू, तीन लोगों ने बाप बेटे पर किया हमला

Shivpuri: गर्मी बढ़ते ही पानी का संकट बढ़ा, लड़ाई झगड़ा शुरू, तीन लोगों ने बाप बेटे पर किया हमला
Shivpuri News As heat increased water crisis increased three people attacked father and son

घायल
बालक


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

शिवपुरी
जिले
में
इस
समय
गर्मी
के
तीखे
तेवरों
के
बीच
पानी
का
संकट
बढ़
गया
है।
पानी
का
संकट
बढ़ने
से
लोगों
के
बीच
आपस
में
झगड़े
भी
बढ़ने
लगे
हैं।
शिवपुरी
शहर
के
कोतवाली
थाना
क्षेत्र
अंतर्गत
27
नंबर
कोठी
के
सामने
रातौर
रोड
पर
मंगलवार
को
पानी
को
लेकर
झगड़ा
हो
गया।
इस
झगड़े
में
एक
पक्ष
के
तीन
लोगों
ने
बाप-बेटे
पर
हमला
बोल
दिया।
लोहे
के
सरिया
से
किए
इस
हमले
में
एक
बालक
के
सिर
में
चोट
आई
है।
घायल
अवस्था
में
बालक
जिला
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया
है।
पानी
को
लेकर
संकट
के
बीच
अब
लोगों
के
बीच
इस
तरह
के
झगड़े
बढ़ने
से
जिला
प्रशासन
की
चिंताएं
बढ़
गई
हैं।

शहर
के
कोतवाली
थाना
क्षेत्र
के
रातौर
रोड़
27
नंबर
कोठी
से
सामने
आया,
जहां
पानी
को
लेकर
दो
पड़ोसी
आमने-सामने

गए।
इस
दौरान
एक
पक्ष
के
तीन
लोगों
ने
लाठी
डंडों
और
लोहे
के
सरिए
से
हमला
कर
एक
बाप
बेटे
की
न केवल
जमकर
मारपीट
कर
दी।
बल्कि
लोहे
के
सरिए
से
हमला
कर
एक
बालक
का
सिर
फोड़
दिया।
घटना
की
रिपोर्ट
थाने
में
दर्ज
कराई
गई
है।
वहीं,
घायल
बाप
बेटे
को
इलाज
के
लिए
जिला
अस्पताल
शिवपुरी
में
भर्ती
कराया
गया
है।
अस्पताल
में
भर्ती
आकाश
धाकड़
निवासी
तेंदुआ
हाल
निवासी
रातौर
रोड़
27
नंबर
कोठी
के
पास
ने
बताया
कि
बोरवेल
से
पानी
भरने
को
लेकर
को
लेकर
उसके
पिता
देवेंद्र
धाकड़
का
पड़ोसी
बृजेश
रावत
से
विवाद
हो
गया।
इसी
विवाद
को
लेकर
बृजेश
रावत
उसके
पुत्र
अंकित
रावत
और
उसकी
पत्नी
ने
हमारे
साथ
लोहे
के
सरिए
लात
घूसों
और
डंडों
से
मारपीट
कर
दी,
जिससे
वह
और
उसके
पिता
देवेंद्र
धाकड़
गंभीर
रूप
से
घायल
हो
गए,
जिन्हें
इलाज
के
लिए
जिला
अस्पताल
शिवपुरी
में
भर्ती
कराया
गया
है,
जहां
उनका
उपचार
जारी
है।


इस
साल
बारिश
कम
इस
कारण
से
बढ़ा
संकट

शिवपुरी
में
इस
साल
जुलाई
से
लेकर
सितंबर
के
बीच
बारिश
कम
होने
से
कई
क्षेत्रों
में
भूमिगत
जलस्तर
कम
हो
गया
है।
शहरी
क्षेत्र
के
अलावा
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
भी
भूमिका
जलस्तर
में
गिरावट
के
कारण
पेयजल
संकट
बढ़ा
है।
ग्रामीण
इलाकों
में
कई
हैड़पंप
बंद
हो
गए
हैं।
क्योंकि
भूमिगत
जलस्तर
नीचे
चला
गया
है।
हैड़पंप
से
100
फीट
तक
की
पानी
खींचा
जा
सकता
है,
जिसके
कारण
ग्रामीण
इलाकों
में
समस्या
बढ़ी है।
जिला
प्रशासन
ने
लोगों
की
समस्या
के
निराकरण
के
लिए
वैसे
तो
जिला
मुख्यालय
पर
कंट्रोल
रूम
की
स्थापना
की
है।
इसके
अलावा
पीएचई
के
अधिकारी
लगातार
निगरानी
भी
कर
रहे
हैं।
पीएचई
के
ईई
एलपी
सिंह
ने
बताया
कि
जिला
मुख्यालय
पर
कंट्रोल
रूम
बनाया
गया,
जिसमें
लोगों
की
शिकायत
का
निराकरण
किया
जा
रहा
है।
इसके
अलावा
जनपद
स्तर
पर
भी
कंट्रोल
रूम
बनाए
गए
हैं।


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