Tikamgarh News: अंधविश्वास के चलते गांव में पसरा सन्नाटा, पहुंचे प्रशासन के अधिकारी, Video

टीकमगढ़
जिले
के
गांव
बखतपुरा
में
पांच
लोगों
ने एक
महीने
पहले तांत्रिक
किया
की
थी,
जिसमें
दो
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी।
इसके
बाद
गांव
के
लोग
दहशत
में

गए
और
शाम
छह बजते
ही
गांव
में
सन्नाटा
पसर
जाता
है।
इसके
साथ
ही
गांव
के
लोगों
ने
बच्चों
को
स्कूल
भेजना
बंद
कर
दिया
है।
सूचना
मिलने
पर पुलिस
प्रशासन
और
स्वास्थ्य
विभाग
ने
गांव
में
जनसंवाद
किया और
लोगों
को
समझाइश
दी।

पलेरा
पुलिस
थाने
के
प्रभारी
मनीष
मिश्रा
ने
रविवार
शाम
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
टीकमगढ़
जिले
के
पुलिस
थाना
पलेरा
के
अंतर्गत
आने
वाले
बखतपुरा
गांव
में
आज
से
करीब
एक महीने
पहले
पांच लोगों
ने
तांत्रिक
क्रिया
की
थी,
जिसमें
दो
लोगों
की
मौत
हो
गई।
इसके
बाद
गांव
के
लोग
दहशत
में

गए
और
उन्होंने
अपने
बच्चों
को
स्कूल
भेजना
बंद
कर
दिया
और
शाम
छह गांव
में
सन्नाटा
पसर
जाता
था।
इसकी
सूचना
टीकमगढ़
कलेक्टर
अवधेश
शर्मा
और
पुलिस
अधीक्षक
रोहित
को
लगी,
जिस
पर
जिला
प्रशासन
के
आलाधिकारियों
ने
पलेरा
बीएमओ
और
पलेरा
पुलिस
थाने
के
प्रभारी
मनीष
मिश्रा
को
अपने
टीम
के
साथ
आज
गांव
भेजा।
जहां
पर
टीम
द्वारा
गांव
में
मृत्यु
हुई
दो
व्यक्तियों
के
इलाज
के
पेपर
देखे
गए,
जिसमें
इस
बात
की
पुष्टि हुई
की
24
सितंबर
को
गांव
के
रहने
वाले
रामनारायण
राजपूत
की
इलाज
के
दौरान
ग्वालियर
मेडिकल
कॉलेज
में
मौत
हुई
थी।

जबकि
26
सितंबर
को
गांव
के
रहने
वाले
प्रमोद
विश्वकर्मा
की
मौत
झांसी
मेडिकल
कॉलेज
में
हुई
थी।
दोनों
के
कागज
देखने
के
बाद
ब्लॉक
मेडिकल
ऑफिसर
ने
लोगों
को
बताया
कि रामनारायण
राजपूत
की
मौत
डेंगू
से
हुई
है।
जबकि
प्रमोद
विश्वकर्मा
की
मौत
हड्डी
का
बुखार
होने
के
कारण
हुई
है।
बीएमओ
द्वारा
ग्रामीणों
को
समझाइश
दी
गई
कि
गांव
में
कोई
तांत्रिक
किया
नहीं
है।
दोनों
लोगों
की
मौत
बीमारी
से
हुई
है
और
लोगों
को
समझाया
गया
कि
आप
लोग
अपने
बच्चों
को
स्कूल
भेजिए
और
दहशत
में
नहीं
आना
है।
इसके
साथ
ही
पुलिस
प्रशासन
ने
लोगों
से
अपील
की
कि
अगर
कोई
भी
बीमार
होता
है
तो
वह
नजदीकी
सरकारी
अस्पताल
या
जिला
चिकित्सालय
जाकर
के
अपना
इलाज
करा
सकता
है।
अगर
कोई
समस्या
है
तो
वह
बीएमओ
और
पुलिस
प्रशासन
से
भी
मदद
ले
सकता
है।


एक
महीने
पहले
हुई
थी
तांत्रिक
क्रिया

ग्रामीणों
ने
बताया
कि
गांव
के
ही
पांच
लोगों
द्वारा
एक
महीने
पहले
वशीकरण
मंत्र
की
सिद्धि
और
धन
खोदने
के
लिए
के
लिए
तंत्र
क्रिया
की
गई
थी।
इसके
मामले
में
दो
लोगों
की
मौत
हो
गई
है,
तीन
लोग
अभी
जिंदा
है।
दो
लोगों
की
मौत
से
गांव
में
दहशत
का
माहौल
पैदा
हो
गया
था
और
लोगों
ने
अपने
बच्चों
को
स्कूल
भेजना
बंद
कर
दिया
था।
इसके
साथ
ही
शाम
छह बजते
ही
ग्रामीण
अपने
घरों
में
दुबक
जाते
गांव
में
सन्नाटा
पसर
जाता
है।
क्योंकि
लोग
दहशत
में
है
कि तांत्रिक
किया
करने
से
लोगों
की
मौत
हो
जाती
है।

उन्होंने
बताया
कि
इस
घटना
को
एक
माह
गुजर
गया
है
और
एक
माह
से
पूरे
गांव
के
बच्चे
न तो
स्कूल
जा
रहे
हैं
और
न ही
गांव
के
लोग
अपने
गांव
से
बाहर
जा
रहे
हैं
और
शाम
होते
ही
सब
लोग
अपने
घरों
में
ताले
लगा
लेते
हैं,
जिसकी
सूचना
प्रशासन
को
लगी
थी
और
प्रशासन
के
लोग
रविवार
की
शाम
गांव
में
पहुंचे
और
चौपाल
लगाकर
के
गांव
के
लोगों
को
समझाया।
ग्रामीणों
ने
बताया
कि
प्रशासन
भले
ही
समझाइश
देने
का
प्रयास
कर
रहा
हो।
लेकिन
हकीकत
कुछ
और
ही
है।

उन्होंने
कहा
कि
जिन
दो
लोगों
की
मौत
हुई
है।
उन
लोगों
को
कोई
बीमारी
नहीं
थी।
वह
ऐसे
तांत्रिक
क्रिया
में
शामिल
हुए
थे। स्थानीय
सूत्रों
का
कहना
है
कि
इन
पांच
लोगों
ने
धन
खोदने
के
लिए
तांत्रिक
क्रिया
का
सहारा
लिया
था।
इसके
बाद
यह
लोग
एक
जगह
पर
धन
खोदने
गए
थे।
इसके
बाद
दो
लोगों
की
हालत
बिगड़ी
और
जिनकी
मेडिकल
कॉलेज
में
मौत
हो
गई।
पलेरा
पुलिस
थाने
के
प्रभारी
मनीष
मिश्रा
का
कहना
है
कि
जिन
दो
लोगों
की
मौत
हुई
है,
वह
बीमारी
से
हुई
है।
ग्रामीणों
में
दहशत
है।
प्रशासन
लगातार
उनका
जागरुक
करने
का
प्रयास
कर
रहा
है।