
अरविंदनगर
में
जैन
स्थानक
पर
पथराव
के
मामले
में
अब
तक
आरोपी
सामने
नहीं
आए
हैं।
कुछ
दिनों
से
पड़ोस
में
रहने
वाले
कुछ
परिवारों
से
पानी
डालने
को
लेकर
विवाद
हुआ
था।
पुलिस
ने
उन
परिवारों
से
पूछताछ
भी
की,
लेकिन
पथराव
करने
वाले
आरोपियों
का
पता
नहीं
चल
पाया
है।
पुलिस
सीसीटीवी
फुटेज
देखकर
आरोपियों
की
तलाश
कर
रही
है।
घटना
से
आक्रोशित
जैन
समाज
के
लोगों
ने
चिमनगंज
मंडी
थाने
पहुंचकर
शिकायती
आवेदन
दिया
है
और
सुरक्षा
की
मांग
की
है।
साथ
ही
आज
उज्जैन
आए
मुख्यमंत्री
से
भी
मुलाकात
की।
अज्ञात
लोगों
द्वारा
जैन
उपाश्रय
पर
की
गई
पत्थरबाजी
से
समाज
के
लोगों
में
आक्रोश
है।
अरविंद
नगर
स्थित
जैन
समाज
के
समता
भवन
उपाश्रय
(स्थानक)
में
उदयपुर
से
आई
साध्वी
प्रज्ञा,
साध्वी
प्रेक्षा,
साध्वी
प्रणति
और
साध्वी
प्रशस्ती
ठहरी
हुई
हैं।
गनीमत
रही
कि
पथराव
में
साध्वियों
को
चोंट
नहीं
आई।
समाजजनों
का
कहना
है
कि
पत्थर
किसने
फेंके
यह
स्पष्ट
नहीं
है,
लेकिन
पड़ोसी
विजय
ने
उपाश्रय
में
ठहरी
हुई
साध्वियों
को
लेकर
फोन
पर
विवाद
किया
था।
इसके
बाद
ही
रात
में
पथराव
की
वारदात
हुई
है।
पथराव
में
उपाश्रय
की
खिड़कियों
के
कांच
टूट
गए।
घटना
के
बाद
सुबह
जब
समाजजनों
को
पथराव
के
बारे
में
पता
चला
तो
सभी
ने
एकजुट
होकर
चिमनगंज
मंडी
थाने
का
घेराव
कर
दिया।
थाने
पर
आवेदन
देकर
आरोपियों
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
बात
की।
चिमनगंज
मंडी
थाना
प्रभारी
गजेंद्र
पचोरिया
ने
बताया
कि
जिन
पड़ोसियों
से
विवाद
हुआ
था,
पुलिस
ने
उनसे
पूछताछ
की
है
लेकिन
आरोपी
सामने
नहीं
आया।
पुलिस
ने
सीसीटीवी
फुटेज
भी
खंगाले
पथराव
करने
वाले
आरोपी
की
तलाश
की
जा
रही
है।
समाजजनों
ने
शिकायती
आवेदन
दिया
है।
इस
पर
जांच
कर
प्रकरण
दर्ज
किया
जा
सकता
है।
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सम्मेलन
में
बोले
सीएम,
यही
है
सामाजिक
सुधार
का
महत्वपूर्ण
कदम,
जोड़ों
को
दिया
आशीष
गार्डन
के
पास
गंदा
पानी
फैंकने
को
लेकर
विवाद
स्थानक
ट्रस्ट
के
शुभम
सूर्या
ने
बताया
कि
पड़ोसियों
से
विवाद
इसिलिए
हुआ
क्योंकि
जैन
साध्वियां
स्थानक
के
सामने
स्थित
बगीचे
के
पास
बर्तन
धो
रही
थीं
और
कच्ची
जमीन
पर
गंदा
पानी
फेंका
था।
इस
दौरान
पास
ही
रहने
वाले
कुछ
पड़ोसियों
ने
आपत्ति
ली
थी।
साध्वी
ने
माफी
मांगी
थी
लेकिन
रात
को
पत्थरबाजी
साध्वी
प्रज्ञा
ने
पड़ोसियों
द्वारा
आपत्ति
लेने
पर
माफी
मांगी
और
आगे
से
गंदगी
ना
करने
की
बात
भी
कही
थी।
इसके
बावजूद
रात
डेढ़
बजे
स्थानक
पर
पथराव
हुआ
और
शीशे
टूटे
मिले।
सुबह
जब
सभी
जागे
तो
देखा
कि
गेट
के
पास
कांच
के
टुकडे
पड़े
थे।
यह
है
पूरा
मामला
जैन
संतों
और
साध्वियों
पर
बढ़ते
हमलों
की
कड़ी
में
एक
और
चिंताजनक
घटना
उज्जैन
से
सामने
आई
है।
अरविंद
नगर
स्थित
समता
भवन
स्थानक
में
ठहरी
चार
जैन
साध्वियों
को
सोमवार
रात
कुछ
युवकों
द्वारा
धमकाया
गया।
यह
घटना
जैन
समाज
की
धार्मिक
स्वतंत्रता
और
साधु-साध्वी
परंपरा
की
सुरक्षा
को
लेकर
गहरी
चिंता
पैदा
करती
है।
समता
भवन
में
साध्वी
प्रज्ञा,
साध्वी
प्रेक्षा,
साध्वी
प्रणति
और
साध्वी
प्रशस्ति
वर्तमान
में
ठहरी
हुई
हैं।
साध्वी
प्रज्ञा
के
अनुसार,
सोमवार
शाम
भोजन
के
बाद
जब
वे
भवन
के
पास
स्थित
गार्डन
में
अपने
पात्र
धो
रहीं
थीं,
तभी
दो
मोटरसाइकिलों
पर
सवार
चार
युवक
वहां
पहुंचे।
उन्होंने
साध्वियों
से
अशिष्ट
भाषा
में
बात
करते
हुए
कहा
कि
आप
लोग
इस
प्रकार
गंदगी
कर
रहे
हैं,
हम
मछली
खाते
हैं,
यहां
उसकी
गंदगी
फेंकेंगे।
इस
पर
साध्वियों
ने
शांति
बनाए
रखते
हुए
माफी
मांगी
और
भविष्य
में
स्वच्छता
का
ध्यान
रखने
की
बात
भी
कही,
लेकिन
फिर
भी
उन्हें
धमकाया
गया
और
अपमानजनक
शब्द
कहे
गए।
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पर
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‘धर्म
पूछकर
मारना
घिनौना
पाप’
साधु
संत
प्रोटेक्शन
एक्ट
बनाने
की
मुख्यमंत्री
से
की
मांग
गत
कुछ
समय
से
प्रदेश
में
जैन
संतों
पर
निरंतर
हमले
हो
रहे
हैं।
इसको
लेकर
आज
जैन
समाज
के
लोगों
ने
मुख्यमंत्री
से
मिलकर
साधु
संत
प्रोटेक्शन
एक्ट
बनाने
की
मांग
की।
समाजजनों
ने
मुख्यमंत्री
से
निवेदन
किया
कि
अब
समय
आ
गया
है
कि
न
केवल
जैन
संत
बल्कि
सर्व
समाज
के
संतों
की
सुरक्षा
हेतु
कोई
कठोर
विधान
बनाया
जाए
ताकि
दोषियों
में
भय
उत्पन्न
हो
और
संत
जन
जो
समाज
की
पूंजी
है
उनकी
यथा
योग्य
सुरक्षा
हो
सके।
अतः
हम
सब
जैन
समाज
के
प्रतिनिधियों
का
निवेदन
है
कि
न
सिर्फ
जैन
संत
बल्कि
सभी
संत
समाज
के
संरक्षण
हेतु
कठोर
कानून
बनाया
जाए
ताकि
संत
समाज
की
सुरक्षा
हो
सके
और
कोई
भी
सामाजिक
तत्व
इस
प्रकार
के
हमले
आदरणीय
और
पूज्यनीय
संतों
पर
करने
का
दुस्साहस
ना
कर
सके।

पथराव
से
कांच
भी
फूट
गए।

सीएम
को
सौंपा
ज्ञापन

पथराव
से
कांच
भी
फूट
गए।